Fraud: राजस्थान में 22 करोड़ की ठगी के आरोपी पति-पत्नी गिरफ्तार, टॉप-10 अपराधी श्रीराम सैनी और पत्नी का चिटफंड कंपनी के जरिए 33 हजार लोगों से धोखाधड़ी का मामला



राजस्थान में 22 करोड़ की ठगी के आरोपी पति-पत्नी गिरफ्तार राजस्थान के कोतवाली थाना क्षेत्र में एक चिटफंड कंपनी के माध्यम से लगभग 33 हजार लोगों से 22 करोड़ रुपये…

Fraud: राजस्थान में 22 करोड़ की ठगी के आरोपी पति-पत्नी गिरफ्तार, टॉप-10 अपराधी श्रीराम सैनी और पत्नी का चिटफंड कंपनी के जरिए 33 हजार लोगों से धोखाधड़ी का मामला

राजस्थान में 22 करोड़ की ठगी के आरोपी पति-पत्नी गिरफ्तार

राजस्थान के कोतवाली थाना क्षेत्र में एक चिटफंड कंपनी के माध्यम से लगभग 33 हजार लोगों से 22 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले एक दंपति को गिरफ्तार किया गया है। यह दंपति पिछले 13 वर्षों से फरार चल रहा था। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में श्रीराम सैनी, जो कि थाना स्तर का टॉप-10 अपराधी है, और उनकी पत्नी नीना देवी शामिल हैं।

यह दंपति “रिलायबल एज्युकेशन प्रा.लि.” और “रिलायबल रियल हाउस प्रा.लि.” नामक फर्जी चिटफंड कंपनियों का संचालन कर रहे थे। इनके खिलाफ कुल 5 स्थाई वारंट जारी थे और ये दौसा, बांदीकुई और झुंझुनू में कई आपराधिक मामलों में वांछित थे। पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय के अनुसार, कोतवाली थानाधिकारी हरजिन्द्र सिंह के नेतृत्व में टीम ने इनकी गिरफ्तारी की है।

चिटफंड कंपनियों की धोखाधड़ी की कहानी

आरोपी श्रीराम सैनी और नीना देवी ने 2010 में चिटफंड कंपनियां खोली थीं। इन कंपनियों के माध्यम से ये लोगों को कंप्यूटर शिक्षा और निवेश पर निश्चित लाभांश, वाहन और प्लॉट देने का झांसा देते थे। इनकी योजना इतनी आकर्षक थी कि हजारों लोग इनके झांसे में आ गए और अपनी मेहनत की कमाई इनको सौंप दी।

13 मार्च 2013 को झुंझुनू की निवासी सरोज शर्मा ने थाना कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी। उनकी शिकायत के अनुसार, श्रीराम सैनी और उनके सहयोगियों ने उन्हें यह विश्वास दिलाया कि उनके द्वारा जमा की गई राशि को 6 महीने में दोगुना किया जाएगा। इसके बाद प्रार्थीया से 3,45,500 रुपये लिए गए, लेकिन आरोपियों ने यह राशि हड़प ली।

पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी की प्रक्रिया

प्रकरण के पंजीकरण के बाद पुलिस ने अनुसंधान प्रारंभ किया और आरोपियों के खिलाफ न्यायालय से वारंट प्राप्त कर उनकी तलाश जारी रखी। विशेष टीमों का गठन किया गया और अंततः पुलिस को सूचना मिली कि दौसा पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस सूचना के आधार पर कोतवाली पुलिस ने न्यायालय से प्रोडक्शन वारंट प्राप्त किया।

आरोपी श्रीराम सैनी, जिनका निवास वार्ड न 41 छैलाराम नगर झुंझुनू है, को उप कारागृह बांदीकुई से गिरफ्तार किया गया। वहीं, उनकी पत्नी नीना देवी को महिला जेल जयपुर से गिरफ्तार किया गया।

दौसा पुलिस की विशेष कार्रवाई

दौसा पुलिस ने 18 सितंबर 2025 को इस दंपति को दिल्ली के शकूरपुर इलाके में स्थित एक घर से गिरफ्तार किया। दोनों ने नाम बदलकर वहां रहना शुरू किया था और एक छोटी मोबाइल की दुकान चला रहे थे। दौसा पुलिस की विशेष टीम ने खुफिया जानकारी और तकनीकी निगरानी का उपयोग करते हुए उनके ठिकाने का पता लगाया।

जासूसों ने उनके आस-पास के दुकानदारों और अन्य लोगों से जानकारी जुटाई, जिससे उनकी पहचान हुई। नाम बदलकर रह रहे इस दंपति ने मुकेश कुमार और मीना देवी के नाम से पहचान बनाई थी। पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए 20,000 रुपये का इनाम भी घोषित किया था। ये दंपति दिल्ली और हरियाणा में भागकर रह रहे थे।

सारांश और आगे की कार्रवाई

इस गिरफ्तारी ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि पुलिस अपराधियों की पहचान करने और उन्हें न्याय के दायरे में लाने के लिए कितनी गंभीरता से काम कर रही है। अब पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है और अन्य लोगों की भी पहचान करने का प्रयास कर रही है, जिन्होंने इस दंपति के झांसे में आकर अपनी जमा पूंजी खोई है।

यह मामला यह दर्शाता है कि समाज में ऐसे धोखाधड़ी करने वाले लोगों के खिलाफ जागरूकता फैलाना कितना आवश्यक है। लोगों को अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखने के लिए सतर्क रहना चाहिए और किसी भी प्रकार के निवेश से पहले पूरी जानकारी जुटानी चाहिए।

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