कोटा में मगरमच्छ का रेस्क्यू: एक अद्वितीय घटना
राजस्थान के कोटा जिले के बंजारी गांव में एक दिलचस्प और साहसिक घटना सामने आई है, जहां एक 8 फीट लंबा मगरमच्छ एक घर में घुस गया। इस घटना की जानकारी मिलते ही वन्यजीव प्रेमी हयात खान टाइगर ने अपने साथियों के साथ मिलकर इस मगरमच्छ का रेस्क्यू करने का जिम्मा उठाया। उन्होंने 80 किलो वजनी इस मगरमच्छ को अपने कंधे पर उठाकर चंबल नदी में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया।
घटना का समय और स्थान
यह घटना शुक्रवार रात करीब 10 बजे की है। बंजारी गांव में लटूरलाल नामक निवासी ने बताया कि उनके घर के सामने एक तलाई है, जिसमें अक्सर मगरमच्छ आते हैं। उस रात, परिवार के सदस्य घर के अंदर बैठे थे, तभी अचानक एक मगरमच्छ तेजी से घर में घुस आया और पीछे के कमरे में चला गया। यह देखकर सभी लोग घबरा गए और चिल्लाते हुए बाहर भाग गए।
रेस्क्यू की प्रक्रिया
लटूरलाल ने तुरंत हयात खान टाइगर को इस घटना की सूचना दी। हयात ने बताया कि जैसे ही उन्हें सूचना मिली, वे अपने दो साथियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। वहां पहुंचकर उन्होंने पहले मगरमच्छ के मुंह को टेप से बंद किया और उसके पैरों को रस्सियों से बांधकर उसे सुरक्षित किया। हयात ने बताया कि वह मगरमच्छ के पीछे की पूंछ को पकड़कर उसे नियंत्रित करते रहे, ताकि कोई दुर्घटना न हो।
मगरमच्छ का सफल रेस्क्यू
करीब 11 बजे, हयात और उनके साथियों ने सफलतापूर्वक 8 फीट लंबे और 80 किलो वजनी मगरमच्छ का रेस्क्यू किया। इसके बाद, उन्हें इसे चंबल नदी में सुरक्षित छोड़ने का कार्य किया गया। शनिवार की सुबह, हयात ने मगरमच्छ को गेता क्षेत्र की चंबल नदी में छोड़ दिया। यह घटना बंजारी गांव के लिए एक महत्वपूर्ण और सुखद अनुभव था।
गांव में पहले भी हुईं ऐसी घटनाएं
हयात खान टाइगर ने बताया कि यह बंजारी गांव से तीसरी बार है जब उन्होंने मगरमच्छ का रेस्क्यू किया है। पिछले साल भी इसी समय में यहां एक मगरमच्छ को रेस्क्यू किया गया था। दूसरी बार, 22 जुलाई 2025 को गांव की तलाई से एक और मगरमच्छ पकड़ा गया था। यह दर्शाता है कि गांव के लोग लगातार मगरमच्छों की समस्या का सामना कर रहे हैं।
गांववासियों की चिंताएं
बंजारी गांव के निवासियों ने बताया कि पिछले एक वर्ष से वे तलाई में मौजूद मगरमच्छों के कारण चिंतित हैं। गांव में डर और भय का माहौल बना हुआ है। बच्चे खेलते रहते हैं, लेकिन मगरमच्छों की वजह से ग्रामीणों को तलाई का उपयोग करने में कठिनाई हो रही है। इस स्थिति ने उनके लिए काफी परेशानियाँ खड़ी कर दी हैं।
निष्कर्ष
यह घटना न केवल एक साहसिक कार्य है, बल्कि यह दर्शाता है कि मानव और वन्यजीवों के बीच संतुलन बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है। हयात खान टाइगर जैसे वन्यजीव प्रेमियों की कोशिशों से ही ऐसी समस्याओं का समाधान संभव है। आशा है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं का सामना करते समय और अधिक सावधानी बरती जाएगी, और गांव के लोग सुरक्षित रहेंगे।