कोटा में मुक्तिधाम से अस्थियों की चोरी का मामला
राजस्थान के कोटा जिले के सुभाषनगर इलाके में स्थित मुक्तिधाम से एक युवक की अस्थियों की चोरी का मामला सामने आया है। यह घटना तब हुई जब युवक के परिवार वाले उसके अंतिम संस्कार के बाद अस्थियां लेने पहुंचे थे। इस घटना ने न केवल परिवार बल्कि स्थानीय लोगों में भी हंगामा खड़ा कर दिया। महावीर नगर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और इस संदर्भ में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है।
युवक की असामयिक मृत्यु का विवरण
उमेश मेवाड़ा, जिनकी मृत्यु लिवर और किडनी की बीमारी के कारण हुई, 8 अक्टूबर को अस्पताल में भर्ती हुए थे। उन्हें खून की उल्टियां हुई थीं, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। हालांकि, उनकी हालत बिगड़ने के कारण देर शाम उनकी मृत्यु हो गई। 9 अक्टूबर को सुभाषनगर के मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया। परिवार के सदस्य शनिवार को अस्थियां लेने के लिए मुक्तिधाम पहुंचे थे, लेकिन वहां उनकी अस्थियों में से सिर की हड्डी गायब पाई गई।
घटनास्थल पर हंगामा
परिवार के सदस्यों ने जब यह देखा कि अस्थियों में से सिर की हड्डी गायब है, तो वहां हंगामा मच गया। जैसे ही यह जानकारी फैली, मौके पर भीड़ इकट्ठा हो गई। महावीर नगर थाना पुलिस को घटना की सूचना दी गई और वे तुरंत मौके पर पहुंची। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की और परिवार वालों से रिपोर्ट मांगी। हेड कांस्टेबल शाबिर ने बताया कि वे मामले की जांच में जुटे हैं।
तांत्रिक क्रिया के निशान मिले
जब परिवार के लोग अस्थियां लेने आए थे, तब उन्हें अस्थियों में सिर की हड्डी के अलावा तांत्रिक क्रिया के भी निशान मिले। अंतिम संस्कार वाली जगह के पास पूजा-पाठ के सामान और शराब के पव्वे भी मिले, जो इस पूरे मामले को और संदिग्ध बनाते हैं। घरवालों ने स्थानीय विधायक संदीप शर्मा के पास जाकर अपनी शिकायत दर्ज कराई और पुलिस को सूचना दी। इस दौरान, मुक्तिधाम के मुख्य गेट के पास भैरू के स्थान पर एक व्यक्ति पूजा-पाठ कर रहा था, जिसके साथ घरवालों की बहस हुई।
मुर्गियों का संदिग्ध मामला
मुक्तिधाम में एक हॉल में मुर्गियां बंद पाई गईं, जहां तीन मुर्गियों को रखा गया था। स्थानीय लोगों ने बताया कि वहां पहले चार मुर्गियां थीं, जिनका उपयोग बलि के लिए किया जाता है। पुलिस ने पूजा करने वाले व्यक्ति से पूछताछ की, और उसने बताया कि उसने ही मुर्गियां रखी थीं और उसके पास हॉल की चाबी थी। हालांकि, जब उससे अस्थियों के बारे में सवाल किया गया, तो उसने जानकारी होने से मना कर दिया। इस पर घरवालों ने उस पर संदेह जताया और पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।
पुलिस की जांच और मामले की गंभीरता
यह मामला केवल एक चोरी का नहीं है, बल्कि इससे जुड़े तांत्रिक क्रियाओं के कारण भी यह अधिक गंभीर बनता जा रहा है। पिछले एक साल में इस मुक्तिधाम में इस तरह की घटनाएं चार बार घटित हो चुकी हैं। ऐसे में पुलिस की इस मामले में त्वरित कार्रवाई और गहन जांच आवश्यक है।
समुदाय की प्रतिक्रिया
इस घटना ने स्थानीय समुदाय को हिलाकर रख दिया है। लोग इस पर चर्चा कर रहे हैं और इस तरह की हरकतों की कड़ी निंदा कर रहे हैं। परिवार के सदस्यों की भावनाओं को समझते हुए, स्थानीय विधायक और पुलिस अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि वे इस मामले को गंभीरता से लेंगे और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे।
जैसे-जैसे यह मामला सुर्खियों में आ रहा है, लोग इस विषय पर और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए उत्सुक हैं। इस घटना ने न केवल स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि समाज में तंत्र-मंत्र और तांत्रिक क्रियाओं के प्रति जागरूकता की आवश्यकता भी महसूस कराई है।
इस बीच, पुलिस ने सभी पहलुओं की जांच करने का आश्वासन दिया है और कहा है कि वे जल्द ही मामले में उचित कार्रवाई करेंगे।























