Sand: MP News में शहर के चारों ओर रेत के डंप, फिर भी नहीं हो रही कार्रवाई



मध्य प्रदेश समाचार: दतिया में अवैध रेत उत्खनन का मामला दतिया जिले में रेत का अवैध उत्खनन एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। सिंध नदी के किनारे और अन्य…

Sand: MP News में शहर के चारों ओर रेत के डंप, फिर भी नहीं हो रही कार्रवाई

मध्य प्रदेश समाचार: दतिया में अवैध रेत उत्खनन का मामला

दतिया जिले में रेत का अवैध उत्खनन एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। सिंध नदी के किनारे और अन्य स्थानों पर जहां रेत की खदानों के लिए कोई स्वीकृति नहीं है, वहां से खुलेआम रेत का उठाव हो रहा है। स्थानीय स्तर पर जेसीबी, हिटैची और पनडुब्बी मशीनों का उपयोग कर इस अवैध कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है। इसके बावजूद, प्रशासन की ओर से इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिससे स्थानीय लोगों में गहरी चिंता व्याप्त है।

जिले में केवल सेंवढ़ा क्षेत्र में रेत उत्खनन के लिए स्वीकृत खदानें हैं, जो कि अतरेटा, बड़ौनकलां और डीपार क्षेत्र में स्थित हैं। अन्य सभी स्थानों पर अवैध खदानें संचालित हो रही हैं, जो राजस्व और वन विभाग के क्षेत्र में आती हैं। गोराघाट, उचाड़, हिनौतिया, घूघसी, लमकना, उनाव, सरसई, धमकना, बेरछ, बिछौंदना और भांडेर जैसे स्थानों पर रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है। इस समय, सबसे अधिक रेत उठाव गोराघाट और सोनागिर क्षेत्र में देखने को मिल रहा है।

अवैध रेत उत्खनन की बढ़ती समस्या

दतिया शहर में दिन के उजाले में ओवरलोड रेत से भरे ट्रैक्टर-ट्रॉली थानों के सामने से गुजरते हुए देखे जा रहे हैं। यह बात और भी चिंताजनक है कि ये ट्रैक्टर रेत भरकर दतिया के आसपास डंप लगा रहे हैं। विशेष रूप से, 29वीं बटालियन के पास एक बड़ा रेत डंप देखा जा सकता है, जो मेडिकल कॉलेज और बटालियन के ठीक सामने स्थित है। इसके बावजूद, प्रशासन के अधिकारी इस डंप को नजरअंदाज कर रहे हैं, जबकि यह डंप उस क्षेत्र से गुजरने वाले सभी लोगों को स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अवैध रेत उत्खनन के कारण पर्यावरण को गंभीर नुकसान हो रहा है। नदियों और नालों का पानी प्रदूषित हो रहा है, जिससे स्थानीय पारिस्थितिकी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसके अलावा, यह अवैध गतिविधि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित कर रही है, क्योंकि स्वीकृत खदानों से मिलने वाली आय भी घट रही है।

प्रशासनिक लापरवाही और नागरिकों की चिंताएं

स्थानीय निवासियों ने प्रशासन की लापरवाही पर सवाल उठाते हुए कहा है कि जब पूरा जिला प्रशासन इस अवैध उत्खनन के क्षेत्र से गुजरता है, तो फिर अधिकारियों की आंखों के सामने यह समस्या क्यों नहीं दिखाई देती है। नागरिकों का मानना है कि यदि प्रशासन उचित कदम उठाए तो इस अवैध व्यापार पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

  • अवैध खदानों में रेत की भरपूर मात्रा निकाली जा रही है।
  • सिर्फ सेंवढ़ा क्षेत्र में ही स्वीकृत खदानें हैं।
  • गोराघाट और सोनागिर से सबसे अधिक रेत उत्खनन हो रहा है।
  • प्रशासन की लापरवाही से पर्यावरण को हो रहा नुकसान।
  • स्थानीय नागरिकों की चिंताएं और प्रशासन से कार्रवाई की मांग।

इस स्थिति के समाधान के लिए स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अवैध उत्खनन पर रोकथाम के लिए उचित कदम उठाए जाने चाहिए। इसके अलावा, नागरिकों ने स्वीकृत खदानों की निगरानी और अवैध गतिविधियों की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित करने का सुझाव भी दिया है।

इस प्रकार, दतिया जिले में अवैध रेत उत्खनन की समस्या न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि यह स्थानीय अर्थव्यवस्था और सामाजिक ताने-बाने को भी प्रभावित कर रही है। प्रशासन को चाहिए कि वह इस गंभीर मुद्दे पर तुरंत ध्यान दे और ठोस कदम उठाए, ताकि नागरिकों की समस्याओं का समाधान हो सके।

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