मध्य प्रदेश में अजगर का रेस्क्यू: देवगुना गांव में मची अफरा-तफरी
मध्य प्रदेश के सतना जिले के देवगुना गांव में मंगलवार को एक घर के स्टोर रूम में **11 फीट लंबे** अजगर के मिलने से हड़कंप मच गया। जैसे ही इस घटना की सूचना मिली, आसपास के ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गई। वन विभाग की टीम ने करीब डेढ़ घंटे की मेहनत के बाद अजगर को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया और उसे जंगल में छोड़ दिया। घटना ने न केवल स्थानीय निवासियों को हैरान किया, बल्कि यह भी साबित किया कि प्रकृति और मानव के बीच संतुलन बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है।
महिलाओं का शोर और ग्रामीणों की तत्परता
इस घटना की शुरुआत तब हुई जब देवगुना गांव के निवासी रामप्रकाश विश्वकर्मा के घर की महिलाएं रोज की तरह सफाई कर रही थीं। अचानक, जब उन्होंने स्टोर रूम में रखा ड्रम हटाया, तो **विशालकाय अजगर** उनके सामने आ गया। महिलाओं की चीखें सुनकर पूरे परिवार में अफरा-तफरी मच गई। कुछ ही समय में, पड़ोसी भी मौके पर पहुंच गए और स्थिति को समझने की कोशिश करने लगे।
अजगर का छिपना: ग्रामीणों की चिंता
हंगामे को बढ़ता देख अजगर रेंगते हुए कमरे के कोने में रखी लकड़ियों के बीच जा छिपा। ग्रामीणों ने तुरंत वन विभाग को सूचित किया। नागौद रेंजर पूर्वी सिंह के निर्देश पर सर्पमित्र शंखधर तिवारी और फॉरेस्ट गार्ड अजय सिंह की टीम मौके पर पहुंच गई। यह स्थिति सभी के लिए चिंताजनक थी क्योंकि एक ऐसा जीव जो **किसी छोटे जानवर** को भी निगल सकता था, उनके बीच में था।
डेढ़ घंटे की मेहनत के बाद सफल रेस्क्यू
सर्पमित्र शंखधर तिवारी ने बताया कि अजगर करीब **11 फीट लंबा** और काफी भारी था। उन्होंने आगे कहा कि इस प्रकार के अजगर अक्सर मानव बस्तियों के निकट आ जाते हैं, जिससे जानवरों की सुरक्षा को खतरा होता है। टीम ने सावधानीपूर्वक रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया, जिसमें करीब डेढ़ घंटे की मेहनत लगी। अंततः, अजगर को सुरक्षित तरीके से पकड़ लिया गया। उसकी स्थिति सामान्य पाई गई और फिर उसे जंगल में छोड़ दिया गया।
प्रकृति और मानव का संतुलन
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया कि मानव और प्रकृति के बीच का संतुलन कितना महत्वपूर्ण है। ग्रामीणों ने इस घटना से सबक लिया है और अब वे अधिक सतर्क रहने का निर्णय लिया है। वन विभाग की टीम ने भी इस बात को लेकर जागरूकता फैलाई है कि इस प्रकार के जीवों से कैसे निपटा जाए। सौभाग्यवश, इस घटना में किसी को भी नुकसान नहीं हुआ, जो कि एक सकारात्मक पहलू है।
ग्रामीणों की जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता
स्थानीय निवासियों को यह समझना होगा कि इस प्रकार के अजगर, जो कि प्राकृतिक पारिस्थितिकी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, उनकी सुरक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। वन विभाग और स्थानीय प्रशासन को इस दिशा में अधिक जागरूकता कार्यक्रम चलाने चाहिए ताकि लोग इन जीवों के प्रति संवेदनशील बन सकें।
इस घटना ने यह साबित किया कि जब समुदाय एकजुट होता है और प्रकृति के प्रति सजग रहता है, तब हम सभी मिलकर सुरक्षित और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।