उज्जैन में सिंधी समाज का प्रदर्शन, अमित बघेल के खिलाफ की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर प्रतिक्रिया
छत्तीसगढ़ के नेता अमित बघेल द्वारा भगवान झूलेलाल पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी ने उज्जैन में सिंधी समाज के बीच भारी विवाद उत्पन्न कर दिया है। इस विवाद के विरोध में रविवार को सिंधी समाज ने एक भव्य प्रदर्शन का आयोजन किया। प्रदर्शन के दौरान समाज के सदस्यों ने बघेल का पुतला जलाया और उनके चित्र पर जूते मारे। यह प्रदर्शन सिंधी कॉलोनी चौराहे पर युवा विंग सिंधी सेना और अन्य समाजजनों द्वारा किया गया।
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने अमित बघेल के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की और अपनी धार्मिक भावनाओं को आहत करने को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि भगवान झूलेलाल को अपमानित करना केवल एक व्यक्ति का मामला नहीं है, बल्कि यह पूरे सिंधी समाज का अपमान है। इसलिए, समाज के सदस्यों ने बघेल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
सिंधी समाज की धार्मिक भावनाएं आहत
प्रदर्शन के दौरान समाजजनों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि अमित बघेल द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। यह केवल एक टिप्पणी नहीं है, बल्कि यह उनके आस्था और विश्वास पर सीधा हमला है। उनके अनुसार, इस प्रकार की टिप्पणियों से समाज में नकारात्मकता बढ़ती है और धार्मिक सद्भावना को नुकसान पहुंचता है।
इस प्रदर्शन के एक प्रमुख सदस्य जितेंद्र कृपलानी ने कहा कि अमित बघेल ने केवल सिंधी समाज के खिलाफ नहीं, बल्कि पूरे सनातन धर्म के खिलाफ टिप्पणी की है। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है जो धर्म को बांटने का प्रयास करते हैं। उनका कहना है कि इस मामले में सभी समाजों को एकजुट होकर ऐसे व्यक्तियों के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
समाज के नेताओं की एकजुटता की आवश्यकता
कृपलानी ने कहा कि इस प्रकार की टिप्पणियों से समाज में विभाजन की भावना उत्पन्न होती है। उन्होंने सभी समाजों से अपील की कि वे एकजुट होकर ऐसे लोगों के खिलाफ खड़े हों जो समाज के बीच फूट डालने का प्रयास करते हैं। उनका मानना है कि एकजुटता से ही समाज को मजबूती मिलेगी और वे ऐसे लोगों को अपने नापाक इरादों में सफल नहीं होने देंगे।
प्रदर्शन के दौरान समाज के कई वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे, जिन्होंने इस मामले में अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं न केवल एक समुदाय को बल्कि पूरे देश को प्रभावित करती हैं। इसलिए समाज को चाहिए कि वे ऐसे मामलों में अधिक सजग और सतर्क रहें।
सामाजिक समरसता बनाए रखने की आवश्यकता
सिंधी समाज के सदस्यों का यह भी कहना है कि इस प्रकार की घटनाओं से न केवल उनकी धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं, बल्कि इससे समाज में तनाव भी बढ़ता है। इसलिए, समाज के नेताओं और सदस्यों को चाहिए कि वे सामाजिक समरसता बनाए रखने के लिए प्रयासरत रहें।
उज्जैन में इस प्रदर्शन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब भी किसी समाज की धार्मिक भावनाएं आहत होती हैं, तो उसका प्रतिरोध होना स्वाभाविक है। समाज के सदस्य एकजुट होकर अपनी भावनाओं का इजहार करना जानते हैं और इसके लिए उन्हें किसी भी प्रकार के प्रदर्शन से पीछे नहीं हटना चाहिए।
इस घटना ने यह भी दर्शाया है कि राजनीति और सामाजिक मुद्दों के बीच की रेखा कितनी पतली हो सकती है। इसलिए, नेताओं को अपनी जिम्मेदारियों का अहसास होना चाहिए और उन्हें अपने शब्दों के प्रति अधिक सावधान रहना चाहिए। ऐसा न करने पर उन्हें समाज के विरोध का सामना करना पड़ सकता है।
सिंधी समाज द्वारा किया गया यह प्रदर्शन एक महत्वपूर्ण संदेश है कि समाज को एकजुट रहकर अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं की रक्षा करनी चाहिए।























