रीवा में कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर RTI को कमजोर करने का आरोप लगाया
मध्य प्रदेश के रीवा जिले में कांग्रेस पार्टी ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि वह सूचना के अधिकार (RTI) को कमजोर कर रही है। इस संबंध में कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राजेंद्र शर्मा ने रविवार को एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया, जिसमें उन्होंने सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की। शर्मा ने यह भी बताया कि यह प्रेस वार्ता इसलिए आयोजित की गई ताकि जनता को इस महत्वपूर्ण मुद्दे के प्रति जागरूक किया जा सके।
कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष ने पत्रकारों के सामने कहा कि 12 अक्टूबर 2005 को तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व और सोनिया गांधी के मार्गदर्शन में ऐतिहासिक सूचना का अधिकार अधिनियम लागू हुआ था। उन्होंने इसे यूपीए सरकार की अधिकार आधारित पहली कड़ी बताया, जिसमें मनरेगा, वन अधिकार अधिनियम, शिक्षा का अधिकार, भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा का अधिकार और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम जैसे महत्वपूर्ण कानूनों का निर्माण हुआ।
भाजपा पर RTI कानून को कमजोर करने के आरोप
राजेंद्र शर्मा ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वर्ष 2014 के बाद से लगातार सूचना के अधिकार अधिनियम को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह अधिनियम जनता को पारदर्शिता और जवाबदेही देने वाला एक मजबूत कानून था, लेकिन वर्तमान सरकार की नीतियों के कारण इसकी मूल भावना प्रभावित हो रही है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार की नीतियों से यह साफ है कि वह सूचना के अधिकार को कमजोर करना चाहती है, ताकि जनता की आवाज को दबाया जा सके।”
उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस पार्टी हमेशा लोकतंत्र की मजबूती और नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध रही है। राजेंद्र शर्मा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर आगे भी लंबी लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है। उनका मानना है कि सूचना का अधिकार लोगों को सत्ता के सामने जवाबदेह बनाने का एक महत्वपूर्ण साधन है, जिसे किसी भी हाल में कमजोर नहीं होने दिया जाएगा।
कांग्रेस का लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों के प्रति प्रतिबद्धता
इस प्रेस वार्ता में राजेंद्र शर्मा ने भाजपा सरकार के खिलाफ कई अन्य मुद्दों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि भाजपा की नीतियां आम जनता के हितों के खिलाफ हैं और यह सरकार सिर्फ अपने स्वार्थों के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस पार्टी जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहेगी और हम इस लड़ाई को कभी नहीं छोड़ेंगे।”
इस अवसर पर कांग्रेस के अन्य नेता भी उपस्थित थे, जिन्होंने राजेंद्र शर्मा के विचारों का समर्थन किया और भाजपा की नीतियों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को यह समझना चाहिए कि सूचना का अधिकार एक महत्वपूर्ण संवैधानिक अधिकार है, जिसे किसी भी कीमत पर कमजोर नहीं किया जा सकता।
निष्कर्ष
कांग्रेस पार्टी की यह प्रेस वार्ता रीवा में भाजपा सरकार के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि वह सूचना के अधिकार की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी। राजेंद्र शर्मा के आरोपों और पार्टी के समर्थन से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर अपनी स्थिति को मजबूत किया है। आगे देखना होगा कि भाजपा इस आरोप का कैसे जवाब देती है और क्या वह RTI कानून को मजबूत करने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाती है।
इस प्रकार, रीवा में कांग्रेस पार्टी ने अपनी आवाज उठाते हुए भाजपा सरकार की नीतियों की आलोचना की है, जो लोकतंत्र और नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।