MP News: Patwari को 3 साल की सजा, नोट चबाकर निगलने की कोशिश के मामले में खंडवा में गिरफ्तार किया गया



मध्य प्रदेश: पटवारी को रिश्वतखोरी के मामले में मिली सजा विशेष न्यायालय ने हाल ही में रिश्वतखोरी के मामले में पटवारी राजेश धात्रक को तीन साल के सश्रम कारावास और…

MP News: Patwari को 3 साल की सजा, नोट चबाकर निगलने की कोशिश के मामले में खंडवा में गिरफ्तार किया गया

मध्य प्रदेश: पटवारी को रिश्वतखोरी के मामले में मिली सजा

विशेष न्यायालय ने हाल ही में रिश्वतखोरी के मामले में पटवारी राजेश धात्रक को तीन साल के सश्रम कारावास और 25 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। यह मामला साल 2020 का है, जब धात्रक ने एक किसान से नामांतरण के लिए 10 हजार रुपए प्रति पावती की रिश्वत मांगी थी। इस मामले ने प्रशासन के भ्रष्टाचार से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।

घूस लेते पकड़ा गया पटवारी

लोकायुक्त पुलिस ने 21 जनवरी 2020 को राजेश धात्रक को 4 हजार रुपए की घूस लेते रंगे हाथों पकड़ा था। यह कार्रवाई तब की गई जब ग्राम सुरगांव जोशी के किसान मांगीलाल प्यारो, जो एक रिटायर्ड टीचर हैं, ने लोकायुक्त कार्यालय इंदौर में शिकायत की थी कि पटवारी नामांतरण के बदले रिश्वत मांग रहा है। इस शिकायत के बाद लोकायुक्त ने तुरंत कार्रवाई की और धात्रक को उसके प्राइवेट ऑफिस से रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

जब पुलिस उसे पकड़कर बाहर ला रही थी, तो उसने अचानक हाथ छुड़ाकर नोट मुंह में डाल लिए और उन्हें चबाने लगा, ताकि सबूत मिटा सके। लेकिन पुलिस टीम ने उसकी इस हरकत को देखकर तुरंत प्रतिक्रिया दी और मशक्कत कर नोटों को उसके मुंह से निकाल लिया, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इस घटना ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम को और भी मजबूती दी है।

कोर्ट ने दोषी मानते हुए सुनाई सजा

जांच पूरी होने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने मामले को विशेष न्यायालय में पेश किया। विशेष न्यायाधीश अरविंद सिंह टेकाम ने आरोपी धात्रक को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7(क) के तहत दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई। यह सजा न सिर्फ धात्रक के लिए, बल्कि उन सभी के लिए एक चेतावनी है जो भ्रष्टाचार में लिप्त हैं।

लोकायुक्त की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी विनोद कुमार पटेल ने इस मामले में पैरवी की। उनकी मेहनत और लोकायुक्त पुलिस की तत्परता ने इस मामले को सफलतापूर्वक अदालत तक पहुँचाया। यह फैसला इस बात का संकेत है कि सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर रही है और ऐसे मामलों में सजा निश्चित रूप से उन लोगों के लिए एक सबक होगी जो भ्रष्टाचार की प्रवृत्ति में लिप्त हैं।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त की मुहिम

यह घटना मध्य प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम का एक और उदाहरण है। लोकायुक्त ने विभिन्न मामलों में कार्रवाई कर यह साबित किया है कि वे भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसानों और आम जनता की शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई कर उन्हें न्याय दिलाने का प्रयास किया जा रहा है।

  • भ्रष्टाचार के मामलों में तेजी से कार्रवाई
  • किसानों की शिकायतों पर विशेष ध्यान
  • भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का सख्त कार्यान्वयन

इस प्रकार, यह मामला न केवल एक व्यक्ति की दंडनीयता को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि प्रशासनिक तंत्र में सुधार की आवश्यकता है। जनता की जागरूकता और प्रशासन की सजगता ही भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रभावी कदम उठा सकती है। मध्य प्रदेश में इस प्रकार की कार्रवाइयाँ निश्चित रूप से सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक होंगी।

सरकार की यह पहल ऐसी घटनाओं को रोकने में मददगार साबित होगी और अन्य भ्रष्ट अधिकारियों को यह सीख देगी कि भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके माध्यम से आम जनता का विश्वास प्रशासन में बढ़ेगा और वे बिना किसी डर के अपनी समस्याओं को उठाने में सक्षम होंगे।

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