मध्य प्रदेश में दुर्गा वाहिनी स्थापना दिवस पर शौर्य पथ संचलन यात्रा
मध्य प्रदेश के शाजापुर में विश्व हिंदू परिषद मातृ शक्ति दुर्गा वाहिनी द्वारा दुर्गा वाहिनी स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में एक भव्य शौर्य पथ संचलन यात्रा आयोजित की गई। यह यात्रा शनिवार शाम करीब 5 बजे शुरू हुई, जिसमें बड़ी संख्या में मातृ शक्ति दुर्गा वाहिनी की बहनें उपस्थित रहीं। इस आयोजन का उद्देश्य मातृ शक्ति को एकत्रित करना और समाज में उनकी भूमिका को उजागर करना था।
यात्रा की विशेषताएँ और मार्ग
यह यात्रा मां राज राजेश्वरी मंदिर प्रांगण से आरंभ होकर नगर के विभिन्न प्रमुख स्थलों जैसे नई सड़क, बड़ा चौक, सोमवारिया बाजार और मगरिया होते हुए पुनः मां राज राजेश्वरी प्रांगण में समाप्त हुई। यात्रा के दौरान जगह-जगह पुष्पवर्षा कर लोगों ने स्वागत किया, जिससे कार्यक्रम का माहौल और भी भव्य हो गया।
यात्रा का शुभारंभ एक धार्मिक समारोह के साथ किया गया, जिसमें राम दरबार की तस्वीर पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित किया गया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में मालवा प्रांत की दुर्गा वाहिनी प्रांत संयोजक ज्योति प्रिया दीदी ने भाग लिया। उन्होंने बहनों को संबोधित करते हुए समाज में महिलाओं की शक्ति और उनकी भूमिका पर जोर दिया।
ज्योति प्रिया दीदी का संबोधन
ज्योति प्रिया दीदी ने अपने संबोधन में लव जिहाद के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर षड्यंत्र है जो हमारे समाज में तेजी से फैल रहा है। इसके साथ ही, एकल परिवार जैसे अन्य सामाजिक मुद्दों पर भी उन्होंने ध्यान आकर्षित किया, जो परिवारों में समस्याएँ पैदा कर रहे हैं।
दीदी ने गरबा के पारंपरिक महत्व पर भी प्रकाश डाला, यह बताते हुए कि गरबा मां को रिझाने के लिए नतमस्तक होकर किया जाता है। उन्होंने इस पर जोर दिया कि अर्ध-वस्त्रों में गरबा करने से इसके दुष्परिणाम हो सकते हैं, और यह संस्कृति के खिलाफ है।
महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण सलाह
ज्योति प्रिया दीदी ने बहनों को कुछ महत्वपूर्ण सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि बहनों के मोबाइल का पासवर्ड परिवार वालों को पता होना चाहिए, ताकि वे इंटरनेट पर होने वाली गतिविधियों पर नजर रख सकें। इसके अलावा, उन्होंने ड्रग्स के नशे से दूर रहने की सलाह दी और कहा कि किसी भी व्यक्ति के पूरे खानदान को जाने बिना मित्रता न करें।
इस प्रकार, शाजापुर में आयोजित यह शौर्य पथ संचलन यात्रा न केवल मातृ शक्ति के एकजुट होने का प्रतीक बनी, बल्कि समाज में महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी ध्यान आकर्षित किया। ऐसे आयोजनों के माध्यम से महिलाओं को सशक्त करने और उन्हें अपनी आवाज उठाने का अवसर मिलता है।
इस यात्रा ने यह संदेश भी दिया कि महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी शक्ति और अधिकारों के लिए खड़ी हो सकती हैं। इस तरह के कार्यक्रम समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य करते हैं और महिलाओं को प्रेरित करते हैं कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ें और अपने परिवारों और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाएं।
समाज में महिलाओं की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए इस तरह के आयोजनों की आवश्यकता है, जिससे वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहें और अपने परिवारों तथा समाज में सशक्त भूमिका निभा सकें।