MP News: Candle March के माध्यम से बच्चों की मौत पर हरदा में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन; स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग



मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत पर कांग्रेस का कैंडल मार्च मध्य प्रदेश के हरदा जिले में कफ सिरप के सेवन से हुई बच्चों की मौत के…

MP News: Candle March के माध्यम से बच्चों की मौत पर हरदा में कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन; स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग

मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत पर कांग्रेस का कैंडल मार्च

मध्य प्रदेश के हरदा जिले में कफ सिरप के सेवन से हुई बच्चों की मौत के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने एक कैंडल मार्च का आयोजन किया। यह मार्च गुरुवार शाम को हरदा जिला मुख्यालय पर आयोजित किया गया, जिसमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के निर्देश पर बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ला के इस्तीफे की भी मांग की गई।

कांग्रस कार्यकर्ताओं ने स्थानीय घंटाघर चौक से लेकर भीमराव अंबेडकर चौक तक मौन कैंडल मार्च निकाला। इस मार्च का उद्देश्य मृत बच्चों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करना और सरकार की लापरवाही के खिलाफ आवाज उठाना था। कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मोहन विश्नोई ने बताया कि इस घटना के पीछे दवा कंपनियों की अंधाधुंध कमाई की प्रवृत्ति है, जो आम लोगों और विशेष रूप से बच्चों के जीवन के लिए खतरा पैदा कर रही है।

सरकार पर गंभीर लापरवाही का आरोप

विश्नोई ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि इस बड़े हादसे के बावजूद अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है, जबकि दोषियों के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। इस संदर्भ में उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री, प्रमुख सचिव और अन्य अधिकारियों के इस्तीफे की मांग की।

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि इतने गंभीर हादसे के बाद सरकार की चुप्पी समझ से परे है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार दोषियों को क्यों बचा रही है और रिपोर्ट में देरी क्यों हो रही है। विश्नोई ने मासूमों की मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और कफ सिरप निर्माताओं के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की।

कांग्रेस का आंदोलन जारी रखने का संकल्प

कांग्रेस के जिलाध्यक्ष ने चेतावनी दी कि यदि सरकार नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए स्वास्थ्य मंत्री का इस्तीफा नहीं लेती है, तो कांग्रेस पार्टी सड़क से सदन तक आंदोलन करेगी। उन्होंने यह भी पूछा कि जिन दवाओं पर अन्य राज्यों में प्रतिबंध लगाया गया है, वे किसकी अनुमति से मध्य प्रदेश के दवा बाजार में बिक रही थीं।

इस पूरे मामले ने न केवल स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि आम जनता में भी गहरा आक्रोश पैदा किया है। लोग जानना चाहते हैं कि आखिरकार उनकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार कौन है? कांग्रेस का यह कैंडल मार्च एक ऐसा संकेत है कि पार्टी इस मुद्दे को लेकर गंभीर है और वह इसे छोड़ने के मूड में नहीं है।

बच्चों की मौत का मामला: जन जागरूकता की आवश्यकता

इस घटना ने समाज में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की है। स्वास्थ्य मंत्री और अन्य अधिकारियों की लापरवाही ने कई सवाल खड़े किए हैं। बच्चों की मौत जैसी घटनाओं को रोकने के लिए सरकार को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर जन जागरूकता फैलाने का भी निर्णय लिया है।

विश्नोई ने कहा कि यह केवल कांग्रेस का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह सभी नागरिकों का मुद्दा है। सभी को इस बात के लिए एकजुट होना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। स्वास्थ्य मंत्रालय को चाहिए कि वह दवा कंपनियों की कार्रवाई पर कड़ी निगरानी रखे और यह सुनिश्चित करे कि बच्चों के स्वास्थ्य से खेलने वाले किसी भी व्यक्ति या संस्था के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

कांग्रेस पार्टी का यह कदम न केवल एक राजनीतिक प्रतिक्रिया है, बल्कि यह समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी भी दर्शाता है। यदि इस मुद्दे पर समय रहते ध्यान नहीं दिया गया, तो इससे न केवल बच्चों की जान को खतरा हो सकता है, बल्कि यह एक गंभीर सामाजिक समस्या का रूप भी ले सकता है।

इस घटना से यह स्पष्ट हो जाता है कि हमें अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए और अधिक जागरूक और सक्रिय होना होगा। केवल सरकार ही नहीं, बल्कि समाज के हर सदस्य को इस दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है।

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