Inspection: MP में भावांतर योजना का निरीक्षण न करने पर कलेक्टर ने फटकारा, सीहोर में अधिकारियों को कार्रवाई की दी चेतावनी



सीहोर में कलेक्टर बालागुरू के. की अध्यक्षता में टीएल बैठक आयोजित मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में कलेक्टर बालागुरू के. की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण टीएल बैठक का आयोजन किया…

Inspection: MP में भावांतर योजना का निरीक्षण न करने पर कलेक्टर ने फटकारा, सीहोर में अधिकारियों को कार्रवाई की दी चेतावनी

सीहोर में कलेक्टर बालागुरू के. की अध्यक्षता में टीएल बैठक आयोजित

मध्य प्रदेश के सीहोर जिले में कलेक्टर बालागुरू के. की अध्यक्षता में एक महत्वपूर्ण टीएल बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक जिला पंचायत सभाकक्ष में हुई, जिसमें किसानों के लिए चलाई जा रही भावांतर योजना की समीक्षा की गई। कलेक्टर ने इस योजना के अंतर्गत किसान पंजीयन और पंजीयन केंद्रों की व्यवस्था पर चर्चा की। इस बैठक में कई नोडल अधिकारियों को पंजीयन केंद्रों का निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए।

कलेक्टर ने अधिकारियों को दी चेतावनी

बैठक के दौरान कलेक्टर ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि भावांतर योजना किसानों के हित में सरकार द्वारा चलाई जा रही एक अत्यंत महत्वपूर्ण योजना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस योजना के संचालन में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कलेक्टर ने चेतावनी दी कि यदि कोई अधिकारी लापरवाही बरतेगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई के लिए वरिष्ठ कार्यालय को पत्र लिखा जाएगा।

ज्ञात हो कि भावांतर योजना के सफल संचालन के लिए विभिन्न विभागों के जिला अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। इस योजना के तहत अब तक 26 हजार से अधिक किसानों ने पंजीयन कराया है, जो इस योजना की लोकप्रियता को दर्शाता है।

कृषि विभाग को पराली जलाने के नुकसान के बारे में जागरूक करने के निर्देश

बैठक के दौरान कलेक्टर ने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे किसानों को पराली जलाने के नुकसान के प्रति जागरूक करें। उन्होंने बताया कि पराली जलाने से पर्यावरण में प्रदूषण होता है और यह भूमि की उर्वरा शक्ति को कमजोर करता है। इसके परिणामस्वरूप मिट्टी में मौजूद लाभदायक जीवाणु, फंगस, मित्र कीट और कार्बनिक पदार्थ जलकर नष्ट हो जाते हैं, जिससे भूमि कठोर और मृत हो जाती है।

कलेक्टर ने कहा कि यह आवश्यक है कि किसान इस समस्या को गंभीरता से समझें और पराली जलाने से बचें। यदि किसान इस दिशा में ध्यान नहीं देंगे, तो इसका दीर्घकालिक प्रभाव उनकी खेती पर पड़ेगा।

किसानों को सुपर सीडर का उपयोग करने की सलाह

कलेक्टर ने किसानों को धान की कटाई के बाद सुपर सीडर का उपयोग कर बुवाई करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि सुपर सीडर के उपयोग से बिना जुताई और पलेवा के गेहूं एवं अन्य फसलों की बुवाई संभव है। इससे किसानों को डीजल और पलेवा में लगने वाले खर्चे की भी बचत होगी।

कलेक्टर ने पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए और चेतावनी दी कि ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम पर्यावरण की रक्षा करें और कृषि को Sustainable बनाएं।

आगे की योजनाएँ और किसानों का सहयोग

कलेक्टर ने बैठक के अंत में यह भी कहा कि किसानों को विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जागरूक किया जाएगा। उन्होंने नोडल अधिकारियों से कहा कि वे किसानों के बीच जाकर उन्हें योजनाओं के बारे में जानकारी दें। इस प्रकार की बैठकें आगे भी आयोजित की जाएंगी ताकि किसान अपनी समस्याओं को सीधे अधिकारियों के सामने रख सकें।

सीहोर जिले में किसानों को समर्थन देने के लिए इस तरह की सक्रियता महत्वपूर्ण है, जिससे वे अपनी खेती को बेहतर बना सकें और आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें। कलेक्टर की इस पहल से निश्चित रूप से किसानों में जागरूकता बढ़ेगी और उन्हें उनकी फसलों से अधिक लाभ प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।

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