Ground Report: MP में रात में सड़क धंसने से मिलीं 100-200 लाशें, 1 घंटे में बना 20 फीट गहरा और 100 मीटर लंबा गड्ढा



भोपाल बायपास पर रेलवे ओवरब्रिज का हिस्सा धंसा, बड़ा हादसा टला भोपाल बायपास पर स्थित एक रेलवे ओवरब्रिज (ROB) से जुड़ी रेनफोर्स्ड अर्थ वॉल (आरई वॉल) की सड़क सोमवार को…

Ground Report: MP में रात में सड़क धंसने से मिलीं 100-200 लाशें, 1 घंटे में बना 20 फीट गहरा और 100 मीटर लंबा गड्ढा

भोपाल बायपास पर रेलवे ओवरब्रिज का हिस्सा धंसा, बड़ा हादसा टला

भोपाल बायपास पर स्थित एक रेलवे ओवरब्रिज (ROB) से जुड़ी रेनफोर्स्ड अर्थ वॉल (आरई वॉल) की सड़क सोमवार को अचानक धंस गई। इस घटना के परिणामस्वरूप सड़क में करीब 20 फीट गहरा और 100 मीटर लंबा गड्ढा हो गया। यह गड्ढा इतना बड़ा है कि इसमें एक साथ कई गाड़ियां समा सकती हैं। सड़क के धंसने के बाद सरकार ने इस मामले में जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

यह घटना दिन के समय हुई, जिससे बड़ा हादसा टल गया। यदि यह घटना रात में होती, तो कई जानें जा सकती थीं, क्योंकि भोपाल बायपास से हर मिनट 25 से 30 गाड़ियां गुजरती हैं। ब्रिज का उतार होने के कारण गाड़ियों की रफ्तार 60 से 80 किलोमीटर प्रतिघंटा तक रहती है।

चश्मदीदों ने समय पर की जानकारी दी

गड्ढा बनने से कुछ मिनट पहले ही कई ट्रक, बसें, कार और टू-व्हीलर इस हिस्से से गुजर रहे थे। लोगों ने तुरंत गाड़ियों को रोक दिया। एक चश्मदीद भगवत यादव ने बताया कि उन्होंने सड़क पर एक क्रैक देखा और तुरंत पुलिस को जानकारी दी। उनकी सतर्कता के कारण एक बड़ा हादसा टल गया।

भगवत ने कहा, “मुझे लगा कि कुछ गड़बड़ है। मैंने ट्रैफिक रुकवाया और इसके एक घंटे के अंदर ही गड्ढा बन गया। दिन होने की वजह से लोगों को रोकने में कोई दिक्कत नहीं हुई, लेकिन अगर यह रात में होता, तो स्थिति गंभीर हो सकती थी।”

कांग्रेस ने सरकार को घेरा

इस मामले में कांग्रेस पार्टी ने भी सरकार को घेरना शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेताओं ने पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह से इस्तीफा मांगा है। उन्होंने आरोप लगाया कि ब्रिज पर डामर की एक परत है और नीचे सिर्फ लाल मिट्टी नजर आ रही है। कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला ने कहा कि “भोपाल पहले ही 90 डिग्री डिजाइन वाले ब्रिज को लेकर चर्चा में रहा है।”

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “मध्यप्रदेश की सड़कें अमेरिका की सड़कों से भी अच्छी हैं। हम यहां से कुछ बोरी लाल मिट्टी लेकर जाएंगे और पूछेंगे कि ये कौन सा डामर है, जो लाल मिट्टी के रूप में लगाया गया है।” उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना गंभीर है और बड़ा हादसा टल गया।

सड़क निर्माण का इतिहास और स्थिति

यह सड़क मध्यप्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) की है, जो कि वर्ष 2013 में बनी थी। जिस कंपनी को इस काम का ठेका मिला था, उसका अनुबंध 2020 में निरस्त कर दिया गया था। इसके बाद से इस सड़क की स्थिति जर्जर होती चली गई और बारिश के कारण गड्ढे भी बन गए हैं।

भोपाल बायपास की कुल लंबाई करीब 40 किलोमीटर है। यह सड़क भोपाल-इंदौर स्टेट हाईवे पर स्थित फंदा से मुबारकपुर, विदिशा रोड चौराहा होते हुए मिसरोद तक जाती है। यह इंदौर, जबलपुर, सागर, विदिशा, मंडला, छतरपुर समेत अन्य राज्यों को भी जोड़ती है।

जांच टीम का गठन

इस घटना के बाद एमपीआरडीसी ने एक जांच टीम का गठन किया है, जिसमें मुख्य अभियंता बीएस मीणा, जीएम मनोज गुप्ता और जीएम आरएस चंदेल शामिल हैं। टीम को आर-ई वॉल के धंसने के कारणों की तकनीकी जांच करने और रिपोर्ट सरकार को प्रस्तुत करने का कार्य सौंपा गया है। एमपीआरडीसी के प्रबंध संचालक भरत यादव ने कहा है कि यदि जांच में लापरवाही या अनियमितता पाई गई, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

भोपाल में सड़क धंसने की पुनरावृत्ति

यह घटना भोपाल में चार महीने में दूसरी बार हुई है जब सड़क धंसी है। इससे पहले एमपी नगर के सबसे व्यस्त इलाके में सड़क धंसने की घटना हुई थी, जिसमें करीब 8 फीट गहरा और 10 फीट चौड़ा गड्ढा बन गया था। हालांकि, उस समय कोई भी व्यक्ति वहां से गुजर नहीं रहा था, जिससे बड़ा हादसा टल गया।

निष्कर्ष

भोपाल बायपास पर हुई इस घटना ने सड़क सुरक्षा के मुद्दे को एक बार फिर से उजागर किया है। सरकार और संबंधित विभागों को इस मामले में गंभीरता से कदम उठाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। लोगों की सुरक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए और इसके लिए आवश्यक है कि सड़कें और अन्य बुनियादी ढांचे की नियमित जांच और मरम्मत की जाए।

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