Cyber Fraud: पन्ना पुलिस ने साइबर ठगी के 70 हजार वापस कराए, आरोपी ने क्रेडिट कार्ड बंद कराने के बहाने जानकारी ली थी



पन्ना पुलिस ने लौटाई ठगी गई राशि, डॉ. तुषार मलिक को मिली राहत फिरयादी डॉ. तुषार मलिक निवासी गुनौर। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में पुलिस ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई…

Cyber Fraud: पन्ना पुलिस ने साइबर ठगी के 70 हजार वापस कराए, आरोपी ने क्रेडिट कार्ड बंद कराने के बहाने जानकारी ली थी

पन्ना पुलिस ने लौटाई ठगी गई राशि, डॉ. तुषार मलिक को मिली राहत

फिरयादी डॉ. तुषार मलिक निवासी गुनौर।

मध्य प्रदेश के पन्ना जिले में पुलिस ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए गुनौर के निवासी डॉ. तुषार मलिक के खाते से ठगी गई पूरी राशि ₹70,000 वापस कर दी है। यह घटना 22 सितंबर 2025 को घटित हुई थी, जब एक धोखेबाज ने खुद को बैंक अधिकारी बताकर तुषार मलिक के साथ ठगी की।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, तुषार मलिक के साथ यह धोखाधड़ी तब हुई जब एक व्यक्ति ने उन्हें फोन कर क्रेडिट कार्ड बंद कराने का बहाना बनाया। उस व्यक्ति ने तुषार मलिक से ओटीपी और कार्ड संबंधी जानकारी प्राप्त की और उसके बाद उनके खाते से लगभग ₹70,000 निकाल लिए। इस घटना के बाद तुषार मलिक ने तुरंत थाने में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई

घटना की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन थाना प्रभारी दीपक भदौरिया ने मामले की जानकारी तुरंत साइबर सेल पन्ना को भेजी। इसके बाद साइबर सेल की टीम ने मामले की गहन जांच शुरू की। टीम ने संबंधित क्रेडिट कार्ड नंबर और ट्रांजेक्शन आईडी की जानकारी का विश्लेषण किया।

साइबर सेल पन्ना ने ठगी गई राशि को ब्लॉक करवाने के लिए संबंधित वॉलेट और मर्चेंट कंपनियों से तुरंत संपर्क किया। उनकी तत्परता के कारण ठगी गई राशि को सफलतापूर्वक रिकवर कर लिया गया, जिससे डॉ. तुषार मलिक को बड़ी आर्थिक राहत मिली।

पुलिस अधीक्षक ने की साइबर सेल की सराहना

इस घटना के बाद पन्ना की पुलिस अधीक्षक निवेदिता नायडू ने साइबर सेल टीम के कार्य की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं आजकल बढ़ रही हैं और आम नागरिकों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे कभी भी अनजान व्यक्ति को फोन पर ओटीपी, सीवीवी, कार्ड नंबर या बैंक विवरण जैसी गोपनीय जानकारी न दें।

पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया कि बैंक अधिकारी या उनके प्रतिनिधि कभी भी फोन पर इस प्रकार की संवेदनशील जानकारी नहीं मांगते हैं। इसलिए, यदि किसी को इस तरह का फोन आता है, तो उन्हें तुरंत सावधान रहना चाहिए और ऐसे मामलों में संबंधित बैंक से संपर्क करना चाहिए।

धोखाधड़ी से बचने के उपाय

साइबर अपराधों से बचाव के लिए यहां कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए जा रहे हैं:

  • कभी भी अनजान कॉलर से व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें।
  • किसी भी संदिग्ध कॉल पर तुरंत अपने बैंक से संपर्क करें।
  • जहां तक संभव हो, ऑनलाइन लेनदेन करते समय सावधानी बरतें।
  • अपने बैंक खाते और क्रेडिट कार्ड की नियमित जांच करें।
  • सुरक्षित पासवर्ड का उपयोग करें और उन्हें नियमित रूप से बदलें।

इस मामले की सफलता से यह स्पष्ट होता है कि पुलिस और साइबर सेल के तत्परता के कारण धोखाधड़ी का शिकार हुए व्यक्ति को न्याय मिला। साथ ही, यह भी एक महत्वपूर्ण संदेश है कि हमें हमेशा अपने वित्तीय जानकारी की सुरक्षा के प्रति सचेत रहना चाहिए।

पुलिस प्रशासन की यह कार्रवाई निश्चित रूप से अन्य लोगों के लिए एक उदाहरण पेश करती है कि यदि वे ठगी का शिकार होते हैं, तो उन्हें तुरंत पुलिस में शिकायत करनी चाहिए। इससे न केवल उनकी राशि की सुरक्षा हो सकती है, बल्कि अन्य संभावित पीड़ितों को भी बचाया जा सकता है।

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