Vijaydashami 2025: Kajol ने किया सिंदूर खेला, बहन तनीषा ने मांगी आशीर्वाद | देखें



विजयादशमी का पर्व: काजोल और उनके परिवार ने मनाया ‘सिंदूर खेला’ नवरात्रि की नौ दिवसीय उत्सव के समापन के साथ विजयादशमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। यह त्योहार न…

Vijaydashami 2025: Kajol ने किया सिंदूर खेला, बहन तनीषा ने मांगी आशीर्वाद | देखें

विजयादशमी का पर्व: काजोल और उनके परिवार ने मनाया ‘सिंदूर खेला’

नवरात्रि की नौ दिवसीय उत्सव के समापन के साथ विजयादशमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। यह त्योहार न केवल विजय का प्रतीक है, बल्कि यह हिन्दू धर्म में नारी शक्ति और उनकी एकता को भी दर्शाता है। विजयादशमी के दिन ‘सिंदूर खेला’ की परंपरा बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है, जिसमें विवाहित महिलाएँ एक-दूसरे के माथे पर सिंदूर लगाती हैं। यह एक ऐसा अवसर है जो न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह नारी सशक्तिकरण और एकता का प्रतीक है।

इस विशेष दिन पर कई प्रसिद्ध हस्तियों ने भी इस परंपरा का पालन किया। बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री काजोल और उनके परिवार के सदस्यों ने इस अनूठी परंपरा में बढ़-चढ़कर भाग लिया। काजोल ने अपने परिवार के साथ मिलकर ‘सिंदूर खेला’ में हिस्सा लिया और इस अवसर पर खुशी और उल्लास का माहौल बनाया।

सिंदूर खेला: एक विशेष परंपरा

‘सिंदूर खेला’ का आयोजन मुख्यतः बंगाली समाज में होता है, लेकिन अन्य समुदायों में भी इसे मनाने की परंपरा देखने को मिलती है। इस दिन विवाहित महिलाएँ एकत्रित होकर एक-दूसरे के माथे पर खुशियों के प्रतीक के रूप में सिंदूर लगाती हैं। यह न केवल एक धार्मिक क्रिया है, बल्कि नारी की एकता और भाईचारे का भी प्रतीक है।

काजोल और उनके परिवार ने इस परंपरा को निभाते हुए न केवल अपने रिश्तों को मजबूती प्रदान किया बल्कि समाज में एकता की भावना को भी बढ़ावा दिया। काजोल ने अपने सोशल मीडिया पर इस उत्सव की कुछ झलकियाँ साझा कीं, जिसमें उन्होंने अपने अनुभवों को साझा किया और इस परंपरा की सुंदरता का वर्णन किया।

विजयादशमी का महत्व

विजयादशमी का पर्व हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखता है। इसे रावण के वध का प्रतीक माना जाता है, जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। इस दिन को देवी दुर्गा की विजय के रूप में मनाया जाता है, जो असुरों पर विजय प्राप्त कर अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह लोगों को एकजुट करने का कार्य भी करता है।

  • सामाजिक एकता: विजयादशमी पर लोग एकत्र होकर एक-दूसरे के साथ खुशियाँ बांटते हैं।
  • धार्मिक आस्था: इस दिन देवी दुर्गा की पूजा अर्चना की जाती है और बुराई पर अच्छाई की विजय का जश्न मनाया जाता है।
  • संस्कृति का संरक्षण: इस पर्व के माध्यम से पारंपरिक परंपराओं को जीवित रखा जाता है।

काजोल का योगदान

काजोल जैसे बॉलीवुड सितारों का इस प्रकार के उत्सवों में भाग लेना समाज में सकारात्मक संदेश फैलाने का कार्य करता है। वे अपनी प्रसिद्धि के माध्यम से लोगों को परंपराओं और संस्कृति के महत्व के प्रति जागरूक करते हैं। काजोल ने इस अवसर पर अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह परंपराएँ न केवल हमारी पहचान हैं, बल्कि हमें एकजुट भी करती हैं।

विजयादशमी और नवरात्रि जैसे पर्वों के माध्यम से हमें अपनी संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करना चाहिए। काजोल और उनके परिवार की तरह, हमें भी इन परंपराओं को आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इन्हें जान सकें और समझ सकें।

निष्कर्ष

इस प्रकार, विजयादशमी का पर्व केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक उत्सव भी है, जो नारी की शक्ति, एकता और संस्कृति को दर्शाता है। काजोल और उनके परिवार ने इस परंपरा का पालन करके न केवल अपने परिवार की एकता को दर्शाया, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश भी फैलाया। यह पर्व हमें यह सिखाता है कि बुराई पर अच्छाई की विजय हमेशा संभव है, और हमें अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहना चाहिए।

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