**भारत का सबसे बड़ा चाय उत्पादक राज्य:**
क्या आप जानते हैं कि असम भारत का सबसे बड़ा चाय उत्पादक राज्य है? यहाँ के चाय बागानों और स्थानीय मौसम की वजह से चाय की खेती के लिए अनुकूल परिस्थितियाँ हैं। असम को भारत की चाय राजधानी माना जाता है और यह न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में प्रमुख चाय उत्पादकों में से एक है।
**भारत में सबसे बड़ा चाय उत्पादक राज्य कौन सा है?**
असम भारत का सबसे बड़ा चाय उत्पादक राज्य है, जो देश की कुल चाय उत्पादन का 50% से अधिक हिस्सा प्रदान करता है। यहाँ के चाय बागान दूर-दूर तक फैले हुए हैं और यह दुनिया में सबसे बड़े चाय उत्पादन क्षेत्रों में से एक है। असम चाय का स्वाद इसकी समृद्धि और मजबूत स्वाद के लिए प्रसिद्ध है; इसे इंग्लिश ब्रेकफास्ट चाय जैसी लोकप्रिय चाय में भी मिलाया जाता है।
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**इस नाम की उत्पत्ति कहाँ से हुई?**
‘असम’ नाम अहोम साम्राज्य से लिया गया है, जिसने लगभग छह शताब्दियों तक शासन किया। 19वीं सदी के पहले भाग में, ब्रिटिशों ने असम में जंगली चाय के पौधों को देखा और लगभग 200 हेक्टेयर क्षेत्र में औद्योगिक खेती शुरू की। इसने बाद में वैश्विक चाय व्यापार को बदल दिया और असम को चाय के क्षेत्र में अग्रणी बना दिया।
**असम में चाय खेती का महत्व:**
असम का मौसम चाय की खेती के लिए बेहतरीन है। यहाँ सालाना औसत वर्षा 7 से 8 महीने (4,000 मिमी/157 इंच) होती है और मिट्टी भी समृद्ध है। राज्य में बहने वाली ब्रह्मपुत्र नदी मिट्टी के लिए एक प्रकार का उर्वरक है। जलवायु, वर्षा, आर्द्रता और मिट्टी चाय की खेती के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करते हैं। जलवायु और मिट्टी की विशेषताओं के कारण असम चाय गहरे एम्बर रंग और मिट्टी के स्वाद के लिए जानी जाती है।
**असम को भारत की चाय राजधानी क्यों कहा जाता है?**
असम की विशाल उत्पादन क्षमता के कारण इसे भारत की चाय राजधानी के रूप में मान्यता प्राप्त है। यहाँ के चाय बागानों में केवल उत्पादन सुविधाएँ ही नहीं हैं, बल्कि ये पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र भी हैं। यहाँ के बागान संभावित खरीदारों को अपनी हरी चाय के खेतों में ले जाने के लिए विशेष व्यवस्था करते हैं।
**असम चाय के विशेष स्वाद:**
असम चाय को इसकी मजबूत, माल्टी, समृद्ध और तेज़ स्वाद के लिए जाना जाता है। असम चाय की पत्तियाँ अन्य चाय की पत्तियों की तुलना में अधिक गहरी और थोड़ी बड़ी होती हैं, और इसकी उत्तेजना गहरे एम्बर रंग की होती है। असम काली चाय का मिट्टी का स्वाद इसे खास बनाता है, विशेषकर इंग्लिश ब्रेकफास्ट चाय के लिए।
**असम चाय की किस्में:**
असम में चाय की दो प्रमुख किस्में होती हैं:
– **सीटीसी (क्रश, टियर, कर्ल):** यह चाय बनाने की सबसे सामान्य विधि है, जिसमें चाय की पत्तियों को मजबूत और दानेदार बनाया जाता है और इसे चाय की थैलियों में रखा जाता है।
– **ऑर्थोडॉक्स चाय:** यह चाय हाथ से बनाई जाती है और इसमें अधिक सावधानी बरती जाती है। यह स्वच्छता से तैयार की जाती है और आमतौर पर ढीली पत्तियों के रूप में बेची जाती है, जो चाय प्रेमियों के बीच बहुत मूल्यवान होती है।
**असम चाय के बारे में कुछ दिलचस्प बातें:**
– असम विश्व में चाय का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। यह चीन के साथ प्रतिस्पर्धा करता है।
– **असम चाय महोत्सव:** यह महोत्सव असम की चाय संस्कृति पर केंद्रित है, जिसमें कई चाय बागान दौरे, चाय चखने के कार्यक्रम, और सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होते हैं।
– असम में ऑर्थोडॉक्स और सीटीसी दोनों प्रकार की चाय पाई जाती है, जिनके स्वाद में अंतर होता है।
– **काजीरंगा और चाय बागान:** असम में कुछ चाय बागान काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के निकट हैं, जिससे आप दोनों स्थानों की यात्रा कर सकते हैं।
– **असम चाय अनुसंधान केंद्र:** यह जॉरहाट में स्थित है और एशिया का पहला चाय अनुसंधान केंद्र है, जिसने कई प्रकार की संस्कृति की गई चाय तैयार की है।