एमपी सूचना: 108 एंबुलेंस न मिलने की स्थिति में निजी एंबुलेंस की सहायता ली जा सकती है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 5 मई से सड़क दुर्घटना पीड़ित योजना का कैशलेस समाधान लागू किया है। इसके तहत सड़क दुर्घटना में घायल हुए लोगों को सात दिनों के लिए मुफ्त इलाज मिलेगा। राज्य सरकार ने इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।
मुख्य बातें
- सड़क के किनारे अस्पतालों को इलाज के लिए चिन्हित किया जाएगा।
- सरकारी और निजी एंबुलेंस को नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।
- इससे घायल व्यक्तियों को सुविधाजनक अस्पताल में पहुंचाया जाएगा।
राज्य ब्यूरो, नईदुनिया। भोपाल। केंद्रीय सरकार ने दुर्घटना में घायल लोगों के इलाज के लिए निजी या सरकारी अस्पताल में 1.5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज प्रदान किया है। इस योजना के लिए मध्य प्रदेश सहित देश के सात राज्यों का चयन किया गया है। कुछ राज्यों में इसे पायलट के रूप में शुरू किया गया है। राज्य में इसकी जिम्मेदारी आयुष्मान योजना को संचालित करने वाली राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को दी गई है, जो इसके लिए तैयारी कर रही है। पहले सड़क के किनारे ऐसे अस्पतालों की पहचान की जाएगी जहां विशेषज्ञ डॉक्टर और ऑपरेशन थियेटर जैसी अन्य सुविधाएं उपलब्ध हैं।
- मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एयर एंबुलेंस सेवा की समीक्षा के दौरान निर्देशित किया है कि सभी निजी और सरकारी एंबुलेंस का मानचित्रण किया जाए।
- इससे घायल व्यक्तियों को उचित अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचाया जा सकेगा।
- यदि केंद्रीय सरकार द्वारा पायलट परियोजना के अनुभव के बाद कोई बदलाव होता है, तो उसे भी इसमें शामिल किया जाएगा।
- आयुष्मान भारत योजना के सीईओ योगेश भरसात ने कहा कि आयुष्मान के तहत सभी प्रमुख अस्पतालों के किनारे महत्वपूर्ण सुविधाओं वाले अस्पतालों को योजना में शामिल किया जाएगा।
- जहां आयुष्मान और नॉन-आयुष्मान दोनों तरह के घायल का इलाज किया जाएगा।
- स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, अभी भी यह स्पष्ट नहीं है कि यदि सात दिनों के बाद इलाज जारी रहता है, तो भुगतान कौन करेगा।
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