कोरबा में वन्यजीव संरक्षण सप्ताह का आयोजन
कोरबा में 71वें वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह के अवसर पर सेंट जेवियर स्कूल और न्यू ऐरा पब्लिक स्कूल में विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को वन्यजीव संरक्षण का महत्व समझाना और वन विभाग द्वारा किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराना था। इस आयोजन में बच्चों को वन्यजीवों के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न गतिविधियाँ एवं सत्र रखे गए थे, जिनमें छात्रों ने उत्साह से भाग लिया।
विशेष अतिथियों द्वारा बच्चों को संबोधन
यह आयोजन नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी ने डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया और कोरबा वन मंडल के सहयोग से किया। कार्यक्रम के दौरान सेंट जेवियर स्कूल में उप वनमंडलाधिकारी आशीष खेलेवार और न्यू ऐरा पब्लिक स्कूल में उप वनमंडलाधिकारी तोषी वर्मा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वन्यजीव केवल जंगल की शोभा नहीं, बल्कि पृथ्वी के पारिस्थितिक संतुलन के रक्षक हैं।
पर्यावरण संरक्षण को दिनचर्या में शामिल करने की अपील
कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों ने छात्रों से पर्यावरण संरक्षण को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने की अपील की। नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष एम. सूरज ने बताया कि प्रकृति और जीव-जंतुओं के संरक्षण की जिम्मेदारी हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बाघों, वन भैंसे, मानव-हाथी द्वंद और किंग कोबरा के संरक्षण के लिए संस्था द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला।
आर्द्रभूमियों का महत्व
कलिंगा यूनिवर्सिटी, रायपुर के डॉ. फैज बॉक्स ने इस अवसर पर आर्द्रभूमियों के महत्व के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आर्द्रभूमियां पृथ्वी की ‘किडनी’ कहलाती हैं, क्योंकि ये जल शुद्धिकरण, भूजल संरक्षण और कई वन्य प्रजातियों के आवास के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। इस प्रकार, आर्द्रभूमियों का संरक्षण भी आवश्यक है ताकि हम एक स्वस्थ पर्यावरण का निर्माण कर सकें।
वन्यजीव संरक्षण सप्ताह का उद्देश्य
वन्यजीव संरक्षण सप्ताह का मुख्य उद्देश्य बच्चों में वन्यजीवों और उनके संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। इसका लक्ष्य पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में वन्यजीवों की भूमिका को समझाना, अवैध शिकार और वनों की कटाई के दुष्परिणामों से अवगत कराना तथा नई पीढ़ी में प्रकृति प्रेम और संरक्षण की भावना विकसित करना है। इस प्रकार के कार्यक्रम बच्चों को न केवल शिक्षा देते हैं, बल्कि उन्हें प्रकृति के प्रति संवेदनशील बनाते हैं।
समापन और भविष्य की दिशा
इस आयोजन के अंत में, सभी उपस्थित अतिथियों और विद्यार्थियों ने वन्यजीवों और उनके आवासों के संरक्षण की शपथ ली। यह स्पष्ट है कि इस प्रकार के जागरूकता कार्यक्रमों की आवश्यकता है ताकि हम अपने पर्यावरण की रक्षा कर सकें। वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना हम सभी की जिम्मेदारी है, और इसे आगे बढ़ाना आवश्यक है।
कोरबा में आयोजित इस कार्यक्रम ने समाज में वन्यजीवों के प्रति जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और आने वाले समय में इस प्रकार के और कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता है।