Revenue: दुर्ग कलेक्टर ने राजस्व प्रकरणों की समीक्षा की, अवैध कब्जा हटाने और भू-अर्जन में तेजी लाने का दिया निर्देश, लापरवाही पर दी सख्त चेतावनी



दुर्ग कलेक्टर की राजस्व अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक दुर्ग कलेक्टर अभिजीत सिंह ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का आयोजन किया। इस…

Revenue: दुर्ग कलेक्टर ने राजस्व प्रकरणों की समीक्षा की, अवैध कब्जा हटाने और भू-अर्जन में तेजी लाने का दिया निर्देश, लापरवाही पर दी सख्त चेतावनी

दुर्ग कलेक्टर की राजस्व अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक

दुर्ग कलेक्टर अभिजीत सिंह ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में राजस्व अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई, जिसमें नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, नक्शा बटांकन, अभिलेख शुद्धता, कृषक पंजीयन, ई-डिस्ट्रिक्ट लोक सेवा गारंटी प्रकरण, गिरदावरी, धान खरीदी, भूमि आवंटन, और नजूल जैसे मुद्दे शामिल थे।

कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अविवादित नामांतरण, सीमांकन, नक्शा बटांकन, डायवर्सन और राजस्व वसूली जैसे कार्यों को शीघ्रता से पूरा करें। इसके अलावा, उन्होंने अभिलेखों की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए डिजिटल हस्ताक्षर प्रमाण पत्र को एक सप्ताह के भीतर अपडेट करने का निर्देश दिया। यह कदम सरकारी प्रक्रियाओं को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।

किसानों के पंजीकरण और कृषि क्षेत्र के डिजिटलीकरण पर जोर

बैठक में कलेक्टर ने सभी पात्र किसानों के पंजीकरण को प्राथमिकता के साथ कराने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कृषि क्षेत्र के डिजिटलीकरण की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया, ताकि सरकारी योजनाओं का लाभ सीधे किसानों तक पहुंच सके। इसके तहत धान खरीदी की तैयारियों को लेकर भी चर्चा की गई, जिसमें जिले की 20 नई समितियों को राजस्व रिकॉर्ड में अपडेट करने की स्थिति की समीक्षा की गई।

कलेक्टर ने ग्राम पंचायतों में किसानों को डिजिटल क्रॉप सर्वे और गिरदावरी से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने के लिए भी निर्देश दिए। उन्होंने कोटवारों के माध्यम से मुनादी कराकर किसानों को सूचित करने और प्राप्त आपत्तियों का समय पर निराकरण सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया। यह कदम किसानों को उनकी जरूरतों और समस्याओं के प्रति जागरूक करने में सहायक होगा।

भूमि प्रकरणों के त्वरित निपटारे के निर्देश

कलेक्टर ने भूमि-आबंटन प्रकरणों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता जताई। उन्होंने शासकीय विभागों से प्राप्त आवेदनों को प्राथमिकता के साथ निपटाने के निर्देश दिए। नक्शा बटांकन कार्यों के लिए एक टीम बनाने और मैदानी निरीक्षण सुनिश्चित करने की बात भी उन्होंने की। इसके साथ ही, अवैध कब्जा हटाने और भू-अर्जन प्रकरणों में मुआवजा भुगतान को शीघ्रता से पूरा करने पर भी जोर दिया गया।

राजस्व प्रकरणों के त्वरित निराकरण पर कलेक्टर की सख्ती

कलेक्टर ने जाति प्रमाण पत्र और दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषक कल्याण योजना के लंबित प्रकरणों को समयबद्ध तरीके से निपटाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही, उन्होंने पात्र हितग्राहियों की सूची को अद्यतन करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। कलेक्टर ने अधिकारियों को समन्वय स्थापित कर भू-अभिलेख संबंधित सभी प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करने को कहा।

इस बैठक में अपर कलेक्टर अभिषेक अग्रवाल, श्रीमती योगिता देवांगन, वीरेन्द्र सिंह, एसडीएम लवकेश धु्रव, सोनल डेविड, महेश राजपूत, संयुक्त कलेक्टर श्रीमती सिल्ली थॉमस सहित सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार उपस्थित थे। कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में किसी भी लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिससे अधिकारियों में जिम्मेदारी की भावना और बढ़ेगी।

निष्कर्ष

कलेक्टर अभिजीत सिंह की यह समीक्षा बैठक स्पष्ट करती है कि प्रशासन किस प्रकार से किसानों की समस्याओं और भूमि प्रकरणों के समाधान के प्रति सजग है। यह बैठक न केवल राजस्व अधिकारियों को दिशा-निर्देश देने में सहायक रही, बल्कि इससे किसानों के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता भी दर्शाई गई। इसके फलस्वरूप, उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में राजस्व प्रकरणों का त्वरित निपटारा संभव होगा और किसानों को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार सही समय पर सेवाएं मिल सकेंगी।

छत्तीसगढ़ समाचार हिंदी में

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