दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई, छत्तीसगढ़ में मौसम में बदलाव
दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई अब अपने अंतिम चरण में पहुँच चुकी है। छत्तीसगढ़ राज्य के विभिन्न हिस्सों में मानसून का प्रभाव कम होते हुए दिखाई दे रहा है। विशेष रूप से सरगुजा से लेकर रायपुर तक और कांकेर के दक्षिणी भागों में सोमवार को मानसून ने अपनी विदाई ली। अब केवल कोण्डागांव सहित 8 जिले ऐसे बचे हैं, जहां से मानसून 16 अक्टूबर तक विदाई लेगा।
इस प्रक्रिया में मोहला-मानपुर, राजनांदगांव, रायपुर, महासमुंद और गरियाबंद की उत्तरी सीमाओं से भी दक्षिण-पश्चिम मानसून का सफर समाप्त हो गया है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, बस्तर क्षेत्र से भी अगले एक-दो दिनों में मानसून की पूरी विदाई हो जाने की संभावना है। छत्तीसगढ़ में आमतौर पर मानसून की विदाई 15 अक्टूबर तक हो जाती है। इस विदाई के साथ ही उत्तर-पूर्वी मानसून का आगमन शुरू होता है, जो मुख्य रूप से दक्षिण भारत और उत्तर-पूर्वी भारत में बारिश लाता है।
छत्तीसगढ़ में मौसम का असर और ठंड का आगमन
दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई के साथ ही छत्तीसगढ़ में मौसम शुष्क हो जाता है। इस दौरान वातावरण से नमी समाप्त होने लगती है और ठंड का एहसास बढ़ने लगता है। इस वर्ष छत्तीसगढ़ में मानसून की एंट्री काफी उत्साहवर्धक रही। 28 मई को बस्तर में मानसून ने दस्तक दी, जबकि सामान्यतः यह 10 जून के आसपास होता है। इस वर्ष मानसून लगभग **13 दिन** पहले बस्तर पहुंचा, जो कि एक महत्वपूर्ण बदलाव है।
मानसून की विदाई भी इस वर्ष काफी उत्साहजनक रही। अक्टूबर के महीने में लगातार बारिश ने मौसम को प्रभावित किया। केवल दो दिन पहले तक, मानसून की विदाई रेखा उत्तरी छत्तीसगढ़ से काफी दूर थी। मौसम विभाग ने पूर्वानुमान दिया था कि अगले दो-तीन दिनों में उत्तर और मध्य छत्तीसगढ़ से मानसून की विदाई होगी। यह पूर्वानुमान सही साबित हुआ और मानसून ने एक ही दिन में उत्तर और मध्य छत्तीसगढ़ की विदाई रेखा को पार कर लिया। इसके परिणामस्वरूप अब राज्य में उत्तर-पूर्वी हवाओं के प्रभाव से रात के तापमान में गिरावट आने की संभावना है।
दक्षिण छत्तीसगढ़ में बारिश की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार, दक्षिण छत्तीसगढ़ में अभी भी बारिश की स्थिति बनी हुई है। अगले तीन दिनों तक, बस्तर संभाग के कुछ हिस्सों में बादल छाए रहने की संभावना है। कुछ स्थानों पर गरज-चमक के साथ बौछारें भी पड़ सकती हैं। इस दौरान मानसून की विदाई के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनेंगी। यह मौसम परिवर्तन स्थानीय किसानों और कृषि कार्यों पर भी असर डाल सकता है।
- दक्षिण-पश्चिम मानसून का विदाई चरण शुरू हो गया है।
- 8 जिलों में मानसून 16 अक्टूबर तक विदाई लेगा।
- बस्तर में मानसून की एंट्री इस वर्ष 13 दिन पहले हुई।
- दक्षिण छत्तीसगढ़ में अगले तीन दिनों तक बारिश की संभावना।
जैसे-जैसे मानसून की विदाई हो रही है, छत्तीसगढ़ में मौसम के बदलते मिजाज को सभी ने महसूस किया है। यह ना केवल वातावरण को सुखद बनाता है, बल्कि ठंड के आगमन के लिए भी संकेत देता है। आने वाले दिनों में उत्तर-पूर्वी मानसून के प्रभाव से छत्तीसगढ़ में मौसम में और भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं। यह बदलाव स्थानीय लोगों के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक हो सकता है, खासतौर पर किसानों के लिए जो अपनी फसल के लिए नए मौसम का इंतजार कर रहे हैं।
इस प्रकार, छत्तीसगढ़ में मानसून की विदाई एक महत्वपूर्ण मौसम परिवर्तन का संकेत है, जो आने वाले दिनों में राज्य के मौसम पर गहरा असर डाल सकता है।