Farewell सुसैन: CRPF डॉग को गॉड ऑफ ऑनर, तिरंगे में लिपटाकर दी विदाई, सैकड़ों IED ढूंढी



CRPF के डॉग सुसैन की ऑन ड्यूटी मृत्यु, अंतिम विदाई दी गई छत्तीसगढ़ में नक्सल ऑपरेशन के दौरान, सीआरपीएफ के डॉग सुसैन की ऑन ड्यूटी मृत्यु हो गई। सुसैन की…

Farewell सुसैन: CRPF डॉग को गॉड ऑफ ऑनर, तिरंगे में लिपटाकर दी विदाई, सैकड़ों IED ढूंढी

CRPF के डॉग सुसैन की ऑन ड्यूटी मृत्यु, अंतिम विदाई दी गई

छत्तीसगढ़ में नक्सल ऑपरेशन के दौरान, सीआरपीएफ के डॉग सुसैन की ऑन ड्यूटी मृत्यु हो गई। सुसैन की मौत के बाद, सीआरपीएफ की 231 बटालियन के मुख्यालय में उसे अंतिम विदाई दी गई। इस दौरान उसे तिरंगे में लपेटा गया, जहां अधिकारियों और जवानों ने उसे कांधा दिया और गार्ड ऑफ ऑनर के साथ अंतिम सम्मान प्रदान किया।

सुसैन की उम्र महज 3 साल थी और वह बेल्जियम शेफर्ड नस्ल की मादा कुतिया थी। यह डॉग जमीन के अंदर छिपे आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) को खोजने में अत्यंत विशेषज्ञ थी। सुसैन ने नक्सल ऑपरेशनों में सीआरपीएफ जवानों की मदद की और सैकड़ों आईईडी को ढूंढने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

सुसैन की तबियत बिगड़ी, अस्पताल में हुई मौत

गौरतलब है कि 13 अक्टूबर को सुकमा जिले के जंगल में एक ऑपरेशन के दौरान सुसैन की तबियत अचानक बिगड़ गई थी। उसे तुरंत जंगल से निकालकर वेटनरी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मृत्यु हो गई। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उसकी मौत किस बीमारी के कारण हुई या कोई अन्य कारण था।

सुसैन का पोस्टमार्टम किया गया है, और रिपोर्ट के आने के बाद ही उसकी मृत्यु का सही कारण सामने आएगा। उसकी अंतिम विदाई में सीआरपीएफ 231 बटालियन के कमांडेंट सुनील भवर समेत अन्य अधिकारी तथा जवान भी मौजूद थे।

कमांडेंट सुनील भवर ने सुसैन को किया याद

सीआरपीएफ 231 बटालियन के कमांडेंट सुनील भवर ने सुसैन को अपनी बटालियन का अभिन्न हिस्सा बताते हुए कहा, “सुसैन ने न केवल नक्सल विरोधी ऑपरेशनों में बहादुरी दिखाई, बल्कि हर परिस्थिति में जवानों की सच्ची साथी बनकर साथ दिया।” उन्होंने आगे कहा कि सीआरपीएफ की K-9 यूनिट देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था में एक मूक प्रहरी के रूप में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

कमांडेंट भवर ने सुसैन जैसे K-9 योद्धाओं के योगदान को हमेशा याद रखने की बात कही और कहा कि ये वीर योद्धा निडरता और समर्पण के साथ अग्रिम पंक्ति में तैनात रहते हैं।

बेल्जियम शेफर्ड डॉग की विशेषताएँ

बेल्जियम शेफर्ड डॉग की खासियत यह है कि ये ऊँचे कद के होते हैं, इनके कान खड़े रहते हैं और चेहरा काला तथा शरीर भूरे रंग का होता है। ये पहाड़ चढ़ने और ऊँची दीवारों को फांदने में माहिर होते हैं। इनके चलने की क्षमता भी बहुत अच्छी होती है, जो इन्हें लंबी दूरी तक चलने में सक्षम बनाती है।

इनमें सूंघने की क्षमता भी अधिक होती है, जो इन्हें कई अभियानों में सहायक बनाती है। हालांकि, लैब्राडोर डॉग में सूंघने की क्षमता सबसे अधिक होती है। बस्तर क्षेत्र में सीआरपीएफ अब ज्यादातर इसी बेल्जियम शेफर्ड ब्रीड को प्राथमिकता देती है।

सुसैन की मृत्यु ने सीआरपीएफ के जवानों के बीच एक गहरा शोक पैदा कर दिया है। उसकी बहादुरी और वफादारी को हमेशा याद किया जाएगा, और यह घटना यह दर्शाती है कि कैसे इन K-9 योद्धाओं ने अपने जीवन को देश की सेवा में समर्पित किया।

छत्तीसगढ़ की हिंदी समाचार

लेखक –