Chhattisgarh News: MP जैसा पर्ची वाले हैं छत्तीसगढ़ के सीएम, उमंग सिंघार का दावा- जिस दिन EVM बंद होगा, भाजपा को 50 सीट भी नहीं मिलेगी



बिलासपुर में भाजपा सरकार पर उमंग सिंघार का तीखा हमला मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षक उमंग सिंघार ने हाल ही में बिलासपुर में भाजपा सरकार…

Chhattisgarh News: MP जैसा पर्ची वाले हैं छत्तीसगढ़ के सीएम, उमंग सिंघार का दावा- जिस दिन EVM बंद होगा, भाजपा को 50 सीट भी नहीं मिलेगी

बिलासपुर में भाजपा सरकार पर उमंग सिंघार का तीखा हमला

मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के केंद्रीय पर्यवेक्षक उमंग सिंघार ने हाल ही में बिलासपुर में भाजपा सरकार पर कड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार भी मध्यप्रदेश की तरह “पर्ची वाले” मुख्यमंत्री के तहत चल रही है, जो प्रधानमंत्री के असिस्टेंट की तरह कार्य कर रहे हैं। सिंघार ने यह भी कहा कि भाजपा अपनी दो साल की कार्यकाल में हर मोर्चे पर विफल रही है।

सिंघार ने आगे कहा कि कांग्रेस एक विशाल समुद्र की तरह है, जिसमें सभी तरह के जहाजों को चलाने की क्षमता है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि 2028 के चुनाव में कांग्रेस इस समुद्र के सहारे किनारा लगाएगी और अपनी सरकार बनाएगी। भाजपा के खिलाफ अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा लोकतंत्र की हत्या कर रही है और संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रही है।

संगठन सृजन अभियान की दिशा में कदम

उमंग सिंघार छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान के तहत जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक बनाए गए हैं। इस अभियान के तहत उन्होंने बिलासपुर में कार्यकर्ताओं और नेताओं से रायशुमारी की। इस दौरान उन्होंने दैनिक भास्कर से बातचीत करते हुए भाजपा सरकार पर जोरदार आरोप लगाए।

उन्होंने बताया कि संगठन सृजन अभियान का उद्देश्य 2028 में कांग्रेस को मजबूती प्रदान करना है। इसके लिए नए जोश, नई सोच और नए नेतृत्व की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब नई पीढ़ी को मौका दिया जाए।

संगठन में जिम्मेदारी का चयन प्रक्रिया

जब सिंघार से पूछा गया कि कांग्रेस हाईकमान ने कहा है कि जो चुनाव लड़ेगा उसे संगठन में जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव लड़ने की प्राथमिकता और संगठन चलाने की प्राथमिकता अलग होती है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस अब नई सोच के साथ आगे बढ़ेगी। चुनाव नहीं लड़ने वाले कार्यकर्ता संगठन में काम करेंगे।” यह संगठन सृजन की प्रक्रिया का मुख्य आधार होगा।

भाजपा सरकार की विफलताएं

सिंघार ने मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों जगह भाजपा सरकार की विफलताओं पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पिछले दो साल में मध्यप्रदेश में 64 विधायकों ने सरकार को हर मुद्दे पर घेरा है, जबकि छत्तीसगढ़ की सरकार बड़े उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है और आम लोगों की समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है।

उन्होंने यह भी बताया कि बिजली के बिलों में वृद्धि और स्मार्ट मीटर की समस्याएँ आम जनता के लिए भारी बोझ बन गई हैं। उन्होंने कहा, “जिस तरह से बिजली के बिल आ रहे हैं, यह आम जनता पर बोझ डाल रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री का कोई संवाद नहीं होता है, जिससे जनता और सरकार के बीच की दूरी बढ़ती जा रही है।

केंद्रीय गृहमंत्री का छत्तीसगढ़ दौरा

जब सिंघार से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ दौरे के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यह दौरा मुख्यमंत्री को बचाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य की सरकार बड़े उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है, जबकि आम लोगों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।

पर्ची वाले सीएम की उपाधि

सिंघार ने “पर्ची वाले मुख्यमंत्री” की उपाधि के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में डॉ. मोहन सिंह यादव को पर्ची वाले सीएम का नाम दिया गया है, क्योंकि उन्हें जनता ने सीधे चुनाव में नहीं चुना था। इस तरह की स्थिति को लेकर कांग्रेस ने उन्हें इस उपाधि से नवाजा है।

कोटा में संगठन सृजन की बैठक

हाल ही में, उमंग सिंघार ने कोटा में संगठन सृजन अभियान के तहत बैठक की, जिसमें उन्होंने कार्यकर्ताओं से रायशुमारी की। इस बैठक में प्रदेश पर्यवेक्षक धनेश पाटिला और नरेश ठाकुर भी शामिल हुए। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संगठन के मापदंडों के बारे में जानकारी दी और जिलाध्यक्ष पद के उम्मीदवारों के बारे में जानकारी मांगी।

बैठक की अध्यक्षता विधायक अटल श्रीवास्तव, जिलाध्यक्ष विजय केशरवानी और ब्लॉक अध्यक्ष आदित्य दीक्षित ने की। इस मौके पर अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे, जिन्होंने संगठन सृजन अभियान के बारे में अपनी राय दी।

इस प्रकार, उमंग सिंघार के द्वारा उठाए गए मुद्दे और संगठन सृजन अभियान की दिशा में उठाए गए कदम कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। इस माध्यम से पार्टी अपनी स्थिति को मजबूत करने का प्रयास कर रही है, जो आगामी चुनावों के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर सकता है।

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