कोंडागांव के स्वामी आत्मानंद स्कूल ने जूडो प्रतियोगिता में मचाई धूम
कोंडागांव| दुर्ग में हाल ही में आयोजित 25वीं राज्य स्तरीय जूडो प्रतियोगिता में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय के खिलाड़ियों ने अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से न सिर्फ विद्यालय, बल्कि जिले का नाम भी रोशन किया। इस प्रतियोगिता में विद्यालय के खिलाड़ियों ने 10 स्वर्ण, 1 रजत, और 1 कांस्य पदक जीतकर सभी को प्रभावित किया। यह उपलब्धि न केवल खिलाड़ियों की मेहनत को दर्शाती है, बल्कि विद्यालय के समर्पण और प्रशिक्षण की गुणवत्ता को भी उजागर करती है।
प्रतियोगिता का आयोजन और विद्यालय की तैयारी
यह प्रतियोगिता दुर्ग में आयोजित की गई थी, जिसमें राज्य के विभिन्न हिस्सों से प्रतिभागियों ने भाग लिया। स्वामी आत्मानंद विद्यालय के खिलाड़ियों ने प्रतियोगिता में अपनी तकनीकी कौशल और मानसिक दृढ़ता का प्रदर्शन किया। विद्यालय के प्रशिक्षकों ने खिलाड़ियों को इस प्रतियोगिता के लिए विशेष रूप से तैयार किया था, जिससे उन्हें अपने खेल में न केवल सुधार करने का अवसर मिला, बल्कि आत्मविश्वास भी बढ़ा।
विद्यालय की उपलब्धियाँ और भविष्य की योजनाएँ
स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय ने इस प्रतियोगिता में जो सफलता हासिल की है, वह न केवल वर्तमान में महत्वपूर्ण है, बल्कि भविष्य में भी विद्यालय के लिए नई संभावनाएँ खोलती है। खिलाड़ियों के इस प्रदर्शन से विद्यालय की छवि और भी मजबूत हुई है। विद्यालय के प्रबंधन ने इन उपलब्धियों को देखते हुए भविष्य में खेलों के प्रति और अधिक ध्यान देने का निर्णय लिया है।
खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया और उनके अनुभव
प्रतियोगिता में भाग लेने वाले खिलाड़ियों ने अपनी जीत का श्रेय अपने प्रशिक्षकों और विद्यालय के सहयोग को दिया। खिलाड़ियों का मानना है कि इस तरह की प्रतियोगिताएँ उन्हें अपने खेल को निखारने और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करती हैं। एक खिलाड़ी ने कहा, “हमने बहुत मेहनत की थी और आज की जीत हमारे प्रयासों का परिणाम है। हम आगे भी इसी तरह मेहनत करते रहेंगे।”
खेलों के प्रति बढ़ता रुझान
इस तरह की प्रतियोगिताएँ न केवल खिलाड़ियों के लिए, बल्कि विद्यालय के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण हैं। इससे न केवल खेलों के प्रति रुझान बढ़ता है, बल्कि बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना भी जागृत होती है। विद्यालय के प्रबंधन ने इस बात पर जोर दिया है कि खेलों को शिक्षा के साथ-साथ बढ़ावा दिया जाना चाहिए, ताकि बच्चों का सर्वांगीण विकास हो सके।
समुदाय और अभिभावकों की भूमिका
इस सफलता में विद्यालय के समुदाय और अभिभावकों की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही है। अभिभावकों ने अपने बच्चों को प्रोत्साहित किया और उन्हें प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। एक अभिभावक ने कहा, “हम अपने बच्चों की उपलब्धियों पर गर्व महसूस कर रहे हैं। यह उनकी मेहनत का परिणाम है और हम हमेशा उनके साथ रहेंगे।”
निष्कर्ष
स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिंदी माध्यम विद्यालय की इस सफलता ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि सही मार्गदर्शन और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। विद्यालय के खिलाड़ियों ने यह संदेश दिया है कि अगर मेहनत की जाए, तो सफलता निश्चित रूप से मिलती है। आने वाले समय में विद्यालय और भी बड़ी सफलताओं की ओर अग्रसर होगा, जिससे न केवल विद्यालय का नाम रोशन होगा, बल्कि जिले का भी।