आरबीआई की मौद्रिक नीति की घोषणा से पहले भारतीय शेयर बाजार में स्थिरता
भारतीय शेयर बाजार ने आज, 1 अक्टूबर, बुधवार को आरबीआई की सितंबर माह की मौद्रिक नीति समिति की घोषणा से पहले सपाट शुरुआत की। बाजार के इस स्थिरता के पीछे कई कारक हैं, जिनमें वैश्विक बाजारों की स्थिति और घरेलू आर्थिक संकेतक शामिल हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बैठक में ब्याज दरों को स्थिर रखने का निर्णय लिया जा सकता है।
शेयर बाजार के शुरुआती आंकड़े
BSE Sensex ने 94.38 अंक या 0.12 प्रतिशत की गिरावट के साथ 80,173.24 पर खुला, जबकि व्यापक Nifty 50 ने 9.45 अंक या 0.04 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,620.55 पर अपने कारोबार की शुरुआत की। पिछले कारोबारी सत्र में, Sensex का समापन 80,267.62 पर हुआ था और Nifty 50 ने 24,611.10 पर क्लोजिंग की थी।
ब्याज दरों को लेकर विशेषज्ञों की राय
अधिकांश विशेषज्ञों का मानना है कि भारत के केंद्रीय बैंक, आरबीआई, ब्याज दरों को स्थिर रखेगा। हालांकि, कुछ ब्रोकरेज हाउस, जैसे कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, ने 25 आधार अंकों की कटौती की संभावना को भी स्वीकार किया है। इस तरह की घोषणाएं निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण संकेत हो सकती हैं, जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है।
एशियाई बाजारों की स्थिति
इस बीच, एशियाई बाजारों ने मिश्रित संकेत दिए हैं। वाल स्ट्रीट पर पिछले कारोबारी सत्र में मिले-जुले परिणामों के बाद, Nvidia जैसे एआई दिग्गज की बाजार पूंजीकरण 4.5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक हो गई है। जापान का Nikkei सूचकांक 1.01 प्रतिशत गिरा, जबकि दक्षिण कोरिया का Kospi 0.95 प्रतिशत नीचे आया। दूसरी ओर, चीन का शेयर बाजार राष्ट्रीय दिवस और मिड-ऑटम महोत्सव की छुट्टियों के कारण बंद रहा।
अमेरिकी बाजार में सकारात्मक रुख
संयुक्त राज्य अमेरिका में भी, तीन प्रमुख बाजार ब्रोकरों ने मंगलवार के सत्र को उच्च स्तर पर समाप्त किया, इसके बावजूद कि संभावित यूएस सरकार के बंद की चिंताएं थीं। यह स्थिति महत्वपूर्ण आर्थिक डेटा जारी करने में देरी कर सकती है और फेडरल रिजर्व की दर नीति के दृष्टिकोण को जटिल बना सकती है। यह बाजार की स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है।
निष्कर्ष
इस प्रकार, भारतीय शेयर बाजार की स्थिति और वैश्विक बाजारों के संकेत इस बात पर निर्भर करते हैं कि आरबीआई की मौद्रिक नीति में क्या बदलाव होता है। निवेशकों को चाहिए कि वे मौजूदा स्थिति का ध्यानपूर्वक अवलोकन करें और आगामी नीति घोषणाओं के आधार पर अपने निवेश निर्णय लें। आने वाले दिनों में बाजार में अधिक उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है, खासकर यदि ब्याज दरों में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन होता है।