Protest: मुंगेर में जर्जर सड़क और खराब स्ट्रीट लाइट पर मेयर और दो पार्षदों का पुतला फूंका, वोट बहिष्कार की दी चेतावनी



मुंगेर में विकास कार्यों की अनदेखी से नाराज ग्रामीणों का वोट बहिष्कार बिहार के मुंगेर जिले के महद्दीपुर गांव में विकास कार्यों की अनदेखी के कारण स्थानीय ग्रामीणों ने वोट…

Protest: मुंगेर में जर्जर सड़क और खराब स्ट्रीट लाइट पर मेयर और दो पार्षदों का पुतला फूंका, वोट बहिष्कार की दी चेतावनी

मुंगेर में विकास कार्यों की अनदेखी से नाराज ग्रामीणों का वोट बहिष्कार

बिहार के मुंगेर जिले के महद्दीपुर गांव में विकास कार्यों की अनदेखी के कारण स्थानीय ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार का ऐलान किया है। गुरुवार की शाम को ग्रामीणों ने नगर निगम की मेयर कुमकुम देवी और दो वार्ड पार्षदों का पुतला दहन कर विरोध प्रदर्शन किया। इस विरोध का मुख्य कारण गांव की जर्जर सड़कें और खराब स्ट्रीट लाइटें हैं, जो लंबे समय से ग्रामीणों के लिए समस्या का कारण बनी हुई हैं।

यह घटना नगर निगम क्षेत्र के वार्ड संख्या 37 और 42 में स्थित महद्दीपुर गांव में हुई। ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को लेकर वार्ड संख्या 37 की पार्षद सुलेखा देवी और वार्ड संख्या 42 की पार्षद राजनंदनी देवी का भी पुतला जलाया। उनका आरोप है कि जनप्रतिनिधियों ने गांव को विकास से वंचित रखा है और उनकी अनदेखी के कारण ग्रामीणों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

ग्रामीणों की समस्याएं और उनका समाधान

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में प्रवेश करने वाली मुख्य सड़क पिछले एक महीने से खोदकर छोड़ दी गई है, जिससे राहगीरों को चलने में कठिनाई हो रही है। जर्जर सड़क के कारण कई लोग गिरकर चोटिल हो चुके हैं। यह समस्या केवल आज की नहीं बल्कि लंबे समय से बनी हुई है। इसके साथ ही, नगर निगम की स्ट्रीट लाइटें भी दुर्गा पूजा से पहले से खराब पड़ी हैं, जिससे गांव की सड़कें अंधेरे में डूबी रहती हैं। इस अंधेरे के कारण चोरी और अन्य अप्रिय घटनाओं की आशंका बनी रहती है।

स्थानीय निवासियों ने नगर आयुक्त से मुलाकात कर अपनी समस्याओं के समाधान की गुहार लगाई थी, लेकिन अधिकारियों द्वारा आचार संहिता का हवाला देकर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके कारण ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। उन्होंने निर्णय लिया है कि जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता, वे अगले चुनाव में वोट नहीं डालेंगे।

विरोध प्रदर्शन का उद्देश्य

ग्रामीणों का यह विरोध प्रदर्शन केवल उनकी समस्याओं के समाधान के लिए नहीं है, बल्कि यह उनके अधिकारों की रक्षा के लिए भी है। उनका कहना है कि जनप्रतिनिधियों को अपने क्षेत्र की समस्याओं का समाधान करने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। यदि वे ऐसा नहीं कर पा रहे हैं, तो उन्हें जनता का समर्थन खोने के लिए तैयार रहना चाहिए।

  • मुख्य सड़क का खोदकर छोड़ना और जर्जर स्थिति में होना
  • खराब स्ट्रीट लाइटों का अंधेरा
  • जनप्रतिनिधियों की अनदेखी और उनकी जवाबदेही

ग्रामीणों ने यह भी कहा कि वे अपने गांव की स्थिति को सुधारने के लिए एकजुट हैं और किसी भी प्रकार के विकास कार्यों के लिए संघर्ष करने को तैयार हैं। उनका मानना है कि अगर उनकी आवाज को सही तरीके से नहीं सुना गया, तो वे आगे भी इसी तरह के विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।

आगे की संभावनाएं

इस विरोध प्रदर्शन के बाद, यह देखने वाली बात होगी कि क्या स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधि ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करने के लिए कोई ठोस कदम उठाते हैं या नहीं। चुनावी आचार संहिता का बहाना बनाकर अधिकारियों द्वारा लापरवाही से काम लेना ग्रामीणों के लिए अस्वीकार्य है।

महद्दीपुर गांव के ग्रामीणों ने एकत्र होकर यह संदेश दिया है कि वे अपने अधिकारों के लिए लड़ेंगे और किसी भी प्रकार की अनदेखी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उनका यह कदम अन्य गांवों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकता है, जहां लोग विकास कार्यों और उनके अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

इस तरह के मुद्दों का समाधान न केवल स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी है, बल्कि यह जनप्रतिनिधियों का भी कर्तव्य है कि वे अपने क्षेत्र की समस्याओं को समझें और उनका समाधान करें। अगर ऐसा नहीं होता है, तो ग्रामीणों का यह आक्रोश और बढ़ सकता है, जो लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।

इस प्रकार, महद्दीपुर गांव का यह मामला विकास कार्यों की अनदेखी और जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारी के प्रति एक महत्वपूर्ण उदाहरण बन गया है। यह देखना होगा कि क्या प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से लेगा और ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करेगा।

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