भोजपुर में बुजुर्ग महिला की मारपीट से मौत, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
भोजपुर जिले के बरिसवन गांव से एक दुखद घटना सामने आई है, जहां एक बुजुर्ग महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। यह महिला, जिनकी पहचान मीना देवी के रूप में हुई है, को मारपीट के बाद गंभीर चोटें आई थीं। परिजनों ने आरोप लगाया है कि गांव के ही कुछ लोगों ने मिलकर उनकी हत्या की है। मीना देवी की मौत पटना के पीएमसीएच में इलाज के दौरान हुई, जहां वह पिछले तीन दिनों से भर्ती थीं।
मारपीट की घटना की पृष्ठभूमि
इस घटना का प्रारम्भ 28 सितंबर को हुआ था, जब मीना देवी के ससुर विकास राम ने बताया कि उनके बेटे मनीष कुमार कश्यप गांव में बने नए पीसीसी रोड पर खड़े थे। इसी दौरान, मंगला चरण तिवारी के परिवार के सदस्यों के साथ उनके बेटे का विवाद हो गया। विवाद बढ़ जाने पर, मंगला चरण तिवारी, कन्हैया तिवारी, लाल मोहर तिवारी, पवन कुमार और आनंद तिवारी ने घर में घुसकर मनीष और मीना देवी के साथ मारपीट की। इस मामले को लेकर विकास राम ने स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
दोबारा हमला और गंभीर चोटें
विकास राम ने आगे बताया कि 29 सितंबर को मीना देवी अपने घर आईं थीं, तभी फिर से उन पर हमला हुआ। इस बार, लाठी-डंडों और लात-घूसों से उन्हें बुरी तरह से पीटा गया, जिससे मीना देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं। परिजनों ने उन्हें तुरंत शाहपुर रेफरल अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन उनकी हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें पटना रेफर कर दिया। वहां पर तीन दिन तक इलाज के बावजूद, मीना देवी की जान नहीं बचाई जा सकी।
पोस्टमार्टम और परिजनों का शोक
मीना देवी की मृत्यु के बाद, उनके शव को गांव लाया गया। इसके बाद, स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई और शव का पोस्टमार्टम सदर अस्पताल में किया गया। पोस्टमार्टम के बाद, शव परिजनों को सौंप दिया गया। मीना देवी के चार पुत्र हैं – हरेंद्र प्रसाद, नागेंद्र प्रसाद, नरेंद्र प्रसाद और सुदामा कुमार। मौत के बाद, उनके परिवार का हाल बेहाल है और सभी सदस्य रो-रोकर बुरा हाल कर रहे हैं।
स्थानीय पुलिस की कार्यवाही
मारपीट और हत्या के आरोपों के बाद, स्थानीय पुलिस अब मामले की जांच कर रही है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। गांव में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है और पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है ताकि कोई और अप्रिय घटना ना हो। इस घटना ने गांव में भय का माहौल पैदा कर दिया है, और लोग अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
समाज में हिंसा की बढ़ती घटनाएं
इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल उठाया है कि हमारे समाज में हिंसा की घटनाएं क्यों बढ़ती जा रही हैं। ऐसे मामलों में अक्सर हम देखते हैं कि छोटे-छोटे विवादों का परिणाम गंभीर और घातक हो जाता है। स्थानीय निवासियों ने इस घटना के प्रति गहरी चिंता व्यक्त की है और सरकार से सख्त कानून बनाने की मांग की है, जिससे ऐसे अपराधों को रोका जा सके।
निष्कर्ष
भोजपुर में हुई इस दुखद घटना ने न केवल एक परिवार को बिखेर दिया है, बल्कि पूरे गांव को हिलाकर रख दिया है। मीना देवी की मौत ने इस बात को स्पष्ट कर दिया है कि समाज में हिंसा का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। हमें एकजुट होकर ऐसे अपराधों के खिलाफ आवाज उठानी होगी और समाज में शांति और सद्भाव का माहौल बनाना होगा।
अंत में, सभी से अपील है कि वे ऐसे मामलों में चुप न रहें और अपने आस-पास होने वाली हिंसा के खिलाफ आवाज उठाएं।