बिहार के सीतामढ़ी में पुलिया ध्वस्त, प्रभावित हुए हजारों लोग
सीतामढ़ी जिले के बथनाहा प्रखंड में स्थित शीतलपट्टी गांव के पास सोरम नदी पर बना एक पुलिया बुधवार सुबह अचानक ध्वस्त हो गया। इस घटना ने बगहा, सोनबरसा और योगिबना जैसे दर्जनों गांवों का राष्ट्रीय राजमार्ग NH-22 से संपर्क तोड़ दिया है, जिससे लगभग 25,000 की जनसंख्या पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
पुलिया के ध्वस्त होने की घटना से स्थानीय क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया है। अधवारा समूह की नदियों में जलस्तर के बढ़ने और बाढ़ को इस पुलिया के बहने का मुख्य कारण बताया जा रहा है। पुलिया के टूटने के बाद प्रभावित गांवों का आवागमन पूरी तरह से ठप हो गया है, जिससे लोगों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों को हो रही कठिनाई
पुलिया के ध्वस्त होने के बाद गांव के लोगों को अब वैकल्पिक रास्तों से लंबा चक्कर लगाकर जाना पड़ रहा है। स्कूली बच्चों को नदी पार करने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। इसके अलावा, बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। किसान अपनी फसलों को काटने और बाजार तक पहुंचाने में भारी परेशानी महसूस कर रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति भी प्रभावित हो रही है।
अंचल अधिकारी अमरदीप कुमार ने बताया कि अधवारा समूह की नदियों में लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण पुलिया ध्वस्त हुई है। प्रशासन ने राहत और बचाव दलों को अलर्ट पर रखा है और स्थिति पर निरंतर निगरानी रखी जा रही है। अधिकारियों ने स्थानीय लोगों को बहाव वाले क्षेत्रों से दूर रहने और सुरक्षित ऊंचे स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
स्थानीय ग्रामीणों की शिकायतें
स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि यह पुलिया पिछले कई वर्षों से जर्जर स्थिति में थी। उन्होंने बताया कि पुलिया की मरम्मत के लिए संबंधित विभाग को कई बार सूचित किया गया था, लेकिन प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द वैकल्पिक व्यवस्था करने की मांग की है, क्योंकि पुलिया के ध्वस्त होने से उनके सामने जीवन-यापन की बड़ी समस्या खड़ी हो गई है, खासकर बारिश और बाढ़ के मौजूदा मौसम में।
अगले कदम और संभावित समाधान
इस घटना के बाद, प्रशासन ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए गांवों में राहत सामग्री और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति करने का निर्णय लिया है। अधिकारियों का कहना है कि वे जल्द ही एक वैकल्पिक पुलिया या मार्ग का निर्माण करने की योजना बना रहे हैं ताकि ग्रामीणों को आवागमन की समस्या से राहत मिल सके।
इसके अलावा, स्थानीय प्रशासन ने बाढ़ राहत कार्यों के लिए एक टीम गठित की है, जो प्रभावित क्षेत्र में लोगों की सहायता करेगी। यह टीम सुनिश्चित करेगी कि कोई भी व्यक्ति बिना सहायता के न रहे और सभी को आवश्यक सेवाएं समय पर मिल सकें।
समुदाय की एकता और सहयोग
इस संकट के समय में स्थानीय समुदाय ने एकजुटता का परिचय दिया है। लोग एक-दूसरे की मदद करने के लिए आगे आ रहे हैं और जो भी सहायता संभव है, उसे प्रदान कर रहे हैं। यह संकट सिर्फ एक पुलिया का ध्वस्त होना नहीं है, बल्कि एक सामुदायिक समस्याओं का सामना करने का समय भी है।
आशा है कि प्रशासन जल्द से जल्द इस समस्या का हल निकालेगा और स्थानीय लोगों को फिर से सामान्य जीवन की ओर लौटने का अवसर प्रदान करेगा। ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन समय पर कार्रवाई करता, तो इस तरह की स्थिति उत्पन्न नहीं होती।