गंगा नदी के कटाव से प्रभावित बिहार के गांव में सांसद पप्पू यादव की मदद
वैशाली जिले के सहदेई बुजुर्ग प्रखंड स्थित गनियारी गांव में गंगा नदी का कटाव लगातार तबाही मचा रहा है। इस प्राकृतिक आपदा के कारण अब तक सैकड़ों घर और खेत नदी में समा चुके हैं, जिससे स्थानीय लोग खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए हैं। हालात की गंभीरता को समझते हुए, पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने गुरुवार को प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया और लोगों से मुलाकात की।
सांसद ने पीड़ितों से की मुलाकात
गनियारी गांव में जाकर सांसद पप्पू यादव ने प्रभावित परिवारों से बात की और उनकी समस्याएं सुनीं। इस दौरान उन्होंने कई परिवारों को मौके पर ही आर्थिक सहायता प्रदान की। सांसद ने कहा कि यह स्थिति प्राकृतिक आपदा का परिणाम नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का नतीजा है। उनकी इस टिप्पणी ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं।
सरकार की चुप्पी पर उठाए सवाल
मीडिया से बातचीत में पप्पू यादव ने कहा, “यह देखकर बहुत दुख होता है कि लोगों का सब कुछ गंगा में समा गया, लेकिन प्रशासन और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। ऐसे में जनता खुद को पूरी तरह असहाय महसूस कर रही है।” इस बयान ने प्रशासन की निष्क्रियता को उजागर किया है, जिससे स्थानीय लोगों में असंतोष की भावना बढ़ी है।
केंद्रीय मंत्री पर साधा निशाना
सांसद पप्पू यादव ने इस अवसर पर वैशाली के सांसद चिराग पासवान और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “जब जनता सबसे ज्यादा संकट में है, तब क्षेत्र के सांसद तक नहीं पहुंचे। यह बेहद शर्मनाक है। जनता को उसके हाल पर छोड़ दिया गया है।” इस बयान से राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है।
आचार संहिता के बीच राहत वितरण पर उठे सवाल
चुनाव आचार संहिता लागू होने के बावजूद पप्पू यादव द्वारा आर्थिक सहायता दिए जाने पर राजनीतिक हलकों में चर्चा तेज हो गई है। इस पर सफाई देते हुए उन्होंने कहा, “हम गरीबों और संकट में फंसे लोगों की मदद करना कभी नहीं छोड़ेंगे। इंसानियत किसी आचार संहिता से बड़ी है। यदि लोगों की जान बचाने के लिए कुछ करना पड़े, तो मैं पीछे नहीं हटूंगा।”
गांववालों ने सांसद के कदम की सराहना की
गांव के लोगों ने सांसद पप्पू यादव के इस दौरे और मदद की सराहना की। एक ग्रामीण ने कहा, “जब हम सब कुछ खो चुके थे, तब पप्पू यादव हमारे बीच आए। यह राजनीति नहीं, मानवता का कदम है। अब हमें उम्मीद है कि सरकार कटाव रोकने और पुनर्वास की ठोस व्यवस्था करेगी।” इस तरह की सकारात्मक प्रतिक्रियाएं स्थानीय लोगों में उम्मीद जगाने का काम कर रही हैं।
राजनीतिक हलकों में मचा हलचल, नए विवाद की आहट
पप्पू यादव का यह दौरा और बयान राजनीतिक माहौल में नई हलचल पैदा कर सकता है। चुनावी मौसम में इस तरह की सक्रियता विपक्षी दलों के लिए चुनौती बन सकती है। स्थानीय विश्लेषकों का कहना है कि पप्पू यादव की यह पहल उन्हें गरीबों और आपदा पीड़ितों के बीच “मददगार नेता” के रूप में स्थापित कर सकती है। इस स्थिति में, उनकी छवि को और मजबूत करने का अवसर मिल सकता है।
इस घटनाक्रम ने न केवल स्थानीय मुद्दों को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि किस प्रकार राजनीतिक समय पर स्थानीय नेताओं का योगदान महत्वपूर्ण हो सकता है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस समस्या के समाधान के लिए क्या कदम उठाता है और क्या लोग अपनी खोई हुई संपत्ति और जीवन को फिर से हासिल कर पाएंगे।


























