बिहार में विवादित पंचायती मामला, युवक पर गंभीर आरोप
किशनगंज के पौआखाली थाना क्षेत्र के ननकार गांव में एक विवादित पंचायती मामले ने तूल पकड़ लिया है। आजाद आलम ने स्थानीय मुखिया अहमद हुसैन उर्फ लल्लू मुखिया और उनके छह साथियों पर मारपीट और सार्वजनिक अपमान का आरोप लगाया है। आजाद आलम के मुताबिक, उन्हें नगर पंचायत पौआखाली कार्यालय के पास एक फोन कॉल के जरिए बुलाया गया था, जहां पर उनकी जमकर पिटाई की गई।
आवेदन में आजाद आलम ने कहा कि जब वह वहां पहुंचे तो लल्लू मुखिया और उनके साथियों ने उन्हें गालियाँ दीं, जान से मारने की धमकी दी, और सैकड़ों लोगों के सामने बेरहमी से उनकी पिटाई की। इसके बाद उन्हें एक सफेद रंग की चारपहिया गाड़ी में जबरन बिठाकर एक सुनसान स्थान पर ले जाया गया, जहां लल्लू मुखिया ने उन्हें महिला संबंधी झूठे मुकदमों में फंसाने और जेल भेजने की धमकी दी।
पंचायती में मौजूद थे सैकड़ों लोग
अहमद हुसैन ने एक पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि यह विवाद पिछले 2-3 दिन पहले की एक पंचायती से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहा, “आजाद आलम के द्वारा एक रिश्ते को शर्मसार करने का काम किया गया था, जिसके लिए पंचायती रखी गई थी। पंचायती में सैकड़ों लोग मौजूद थे, लेकिन आजाद पहले दिन नहीं पहुंचे और दूसरे दिन समय देकर भी नहीं आए।”
हुसैन ने आगे कहा, “जब हमें पता चला कि आजाद पंचायत भवन में मौजूद हैं, तो हमने उन्हें बुलाने का प्रयास किया। लेकिन वह भागने का प्रयास कर रहे थे। कुछ लोगों ने उन्हें गाड़ी में बैठाया और पंचायती स्थल पर लाए। वहां सभी लोगों और पुलिस के सामने पंचायती हुई, और युवक ने अपनी गलती मानी और माफी मांगी।”
विरोधियों का एकतरफा वीडियो वायरल करने का आरोप
अहमद हुसैन ने यह भी कहा कि कुछ विरोधियों ने एकतरफा वीडियो को वायरल कर पूरी घटना का एक पक्ष दिखाने की कोशिश की है। उन्होंने कहा, “गाड़ी में बैठाकर पंचायती के लिए ले जाने के दौरान उनके साथ किसी प्रकार की मारपीट नहीं की गई थी। इसके बाद युवक ने मुझ पर और मेरे साथियों पर झूठे आरोप लगाकर FIR करवाया है। मुझे प्रशासन पर पूरा विश्वास है कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी और यह मामला पूरी तरह से फॉल्स साबित होगा।”
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
इस मामले में एसडीपीओ मंगलेश कुमार ने बताया कि उन्हें आवेदन मिलने के बाद मामला दर्ज कर लिया गया है। उन्होंने कहा, “फिलहाल मामले की निष्पक्ष अनुसंधान जारी है। हम सभी तथ्यों और गवाहों के बयान को ध्यान में रखते हुए मामले की गहनता से जांच करेंगे।” इस प्रकार का विवाद स्थानीय राजनीति में तनाव पैदा कर सकता है और इस मामले की जांच के परिणाम पर सभी की नजरें हैं।
इस घटना ने यह भी दर्शाया है कि पंचायतों में विवादों का समाधान कैसे किया जाता है और कहीं न कहीं यह स्थानीय समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गया है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में किस प्रकार की कार्रवाई करता है और क्या न्याय की प्रक्रिया सही रूप से अपनाई जाती है।
इस प्रकार के मामलों में कानून व्यवस्था बनाए रखना और स्थानीय लोगों के बीच सामंजस्य स्थापित करना आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसे विवादों से बचा जा सके।