“Alcohol: खगड़िया में शराब पीकर स्कूल पहुंचे प्रधानाध्यापक गिरफ्तार, ग्रामीणों की शिकायत पर लिया गया एक्शन”



बिहार में प्रधानाध्यापक की गिरफ्तारी: स्कूल में शराब पीकर पहुंचने का मामला खगड़िया जिले के बेलदौर थाना क्षेत्र स्थित उदहा बासा मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक मुकेश कुमार राम को बुधवार…

“Alcohol: खगड़िया में शराब पीकर स्कूल पहुंचे प्रधानाध्यापक गिरफ्तार, ग्रामीणों की शिकायत पर लिया गया एक्शन”

बिहार में प्रधानाध्यापक की गिरफ्तारी: स्कूल में शराब पीकर पहुंचने का मामला

खगड़िया जिले के बेलदौर थाना क्षेत्र स्थित उदहा बासा मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक मुकेश कुमार राम को बुधवार को शराब पीकर स्कूल पहुंचने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई ग्रामीणों की सूचना पर की गई, जिन्होंने प्रधानाध्यापक की नशे की हालत में स्कूल आने की जानकारी दी थी। इस मामले का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें उनकी नशे की हालत स्पष्ट रूप से देखी जा सकती है।

ग्रामीणों ने प्रधानाध्यापक के बर्ताव की शिकायत टोल फ्री नंबर 112 पर की थी, जिसके बाद पुलिस की टीम ने शिकायत को गंभीरता से लिया और तुरंत विद्यालय पहुंचकर प्रधानाध्यापक को मौके से गिरफ्तार कर लिया। यह घटना इस बात को उजागर करती है कि शिक्षा के क्षेत्र में जब जिम्मेदार व्यक्तियों का आचरण इस तरह का हो, तो बच्चों के भविष्य पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

शिक्षा समिति की शिकायत और प्रधानाध्यापक का व्यवहार

विद्यालय शिक्षा समिति के अध्यक्ष राहुल कुमार ने इस मामले में खुलासा करते हुए बताया कि मुकेश कुमार राम केवल स्कूल में हाजिरी लगाने आते हैं और उसके बाद नशे की हालत में लौट जाते हैं। उनके अनुसार, विद्यालय में पढ़ाई का स्तर बहुत ही निम्न है और प्रधानाध्यापक अक्सर मध्याह्न भोजन का चावल भी गटक लेते हैं। इस संबंध में उन्होंने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मनोहर कुमार को भी सूचित किया था, ताकि इस समस्या का समाधान किया जा सके।

राहुल कुमार ने कहा, “यह स्थिति बेहद गंभीर है। बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं और जब उनके शिक्षकों का व्यवहार इस तरह का होगा, तो उनका मानसिक विकास कैसे होगा?” उन्होंने प्रशासन से मांग की कि इस मामले में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए ताकि अन्य शिक्षकों को भी सीख मिले।

पुलिस की कार्रवाई और न्यायिक प्रक्रिया

बेलदौर थाना अध्यक्ष परशुराम सिंह ने इस मामले की पुष्टि करते हुए कहा कि बुधवार शाम को प्रधानाध्यापक मुकेश कुमार राम को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि अब उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों को बल्कि शिक्षा समुदाय को भी हिलाकर रख दिया है। लोग अब यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या शिक्षा का स्तर वास्तव में गिर रहा है और ऐसे शिक्षकों की भर्ती कैसे की जा रही है।

स्थानीय निवासी इस घटना से चिंतित हैं और उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे शिक्षकों को सजा नहीं दी गई, तो यह अन्य शिक्षकों को भी बढ़ावा दे सकता है कि वे अपनी जिम्मेदारियों से बच सकते हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता

यह घटना इस बात का संकेत है कि बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की कितनी आवश्यकता है। जब शिक्षक ही अपनी जिम्मेदारियों को निभाने में असमर्थ हों, तो बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखना बहुत मुश्किल हो जाता है। इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए प्रशासन को कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है।

  • शिक्षकों की नियमित निगरानी और मूल्यांकन की प्रक्रिया को लागू करना होगा।
  • शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिए जनसहयोग को बढ़ावा देना होगा।
  • शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मजबूत करना ताकि उन्हें अपनी जिम्मेदारियों का एहसास हो सके।

समाजिक जागरूकता भी इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। अगर लोग ऐसे मामलों के प्रति सतर्क रहेंगे और प्रशासन को सूचित करेंगे, तो इससे शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाने में मदद मिलेगी।

इस घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षा के क्षेत्र में केवल नियम और कानून बनाए जाने से ही काम नहीं चलेगा, बल्कि उन नियमों का पालन भी सुनिश्चित करना होगा। अगर इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो बिहार में शिक्षा का स्तर और गिर सकता है, जो कि बच्चों के भविष्य के लिए बेहद चिंताजनक है।

आखिरकार, सभी की जिम्मेदारी है कि वे शिक्षा के प्रति अपनी भूमिका को समझें और इसे सुधारने के लिए मिलकर प्रयास करें।

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