बिहार में CISF जवानों की बस दुर्घटना: 25 घायल
बिहार के छपरा-सीवान मुख्य मार्ग (NH-531) पर एक दुखद घटना घटित हुई, जब विधानसभा चुनाव ड्यूटी पर जा रहे CISF जवानों से भरी एक बस का तेज रफ्तार ट्रक से टकरा जाने की सूचना मिली। यह दुर्घटना मंगलवार तड़के लगभग 3 बजे हुई, जब बस रसूलपुर थाना क्षेत्र के पाण्डेय छपरा गांव के पास ट्रक से टकरा गई। इस हादसे में 25 जवान घायल हो गए, जिन्हें तत्काल उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया।
घायलों को अस्पताल में भर्ती किया गया
स्थानीय लोगों और पुलिस की सहायता से घायलों को एकमा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया गया। ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर कौशलेंद्र कुमार ने प्राथमिक उपचार के बाद गंभीर रूप से घायल जवानों को छपरा सदर अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। उन्हें एकमा, मांझी और लालहलादपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से एम्बुलेंस के माध्यम से भेजा गया। घटना के बाद प्रशासन ने स्थिति का समुचित आकलन किया और घायलों के इलाज की व्यवस्था की।
घटना की सूचना मिलते ही एकमा के एडीपीओ राजकुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी डॉ. अरुण कुमार, रसूलपुर थानाध्यक्ष राहुल कुमार और एकमा थानाध्यक्ष ध्रुव प्रसाद सिंह पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने राहत और बचाव कार्य का निरीक्षण किया और घायलों की मदद की।
बस में 40 CISF जवान सवार थे
एडीपीओ राजकुमार के अनुसार, बस में कुल 40 CISF जवान सवार थे। ये जवान दिल्ली से ट्रेन के माध्यम से सीवान स्टेशन पहुंचे थे और वहां से बस के माध्यम से छपरा जिले के डोरीगंज में चुनाव ड्यूटी के लिए जा रहे थे। NH-531 पर पाण्डेय छपरा गांव के पास एकमा की ओर से आ रहे तेज रफ्तार ट्रक ने बस को टक्कर मारी।
भयंकर टक्कर से जवान हुए घायल
जवानों ने बताया कि टक्कर इतनी भीषण थी कि कई जवान सीटों से उछलकर बस के फर्श पर गिर गए। बस का अगला हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और उसके शीशे टूट गए। हादसे के तुरंत बाद 112 पुलिस टीम मौके पर पहुंची और घायलों को बस से निकालने में मदद की।
ट्रक चालक फरार, पुलिस कर रही तलाश
दुर्घटना के बाद प्रशासन ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और घायलों के इलाज की व्यवस्था की। सभी घायल जवानों की स्थिति फिलहाल स्थिर बताई जा रही है। हालांकि, ट्रक चालक हादसे के बाद ट्रक छोड़कर मौके से फरार हो गया, जिसकी तलाश में पुलिस जुटी हुई है। यह घटना चुनावी ड्यूटी को लेकर सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल उठाती है और प्रशासन की जिम्मेदारी को बढ़ाती है।
इस प्रकार की घटनाएं न केवल जवानों के लिए बल्कि समाज के लिए भी चिंता का विषय हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए और सुरक्षा सुनिश्चित करे। आगामी चुनावों के दौरान सुरक्षा बलों की सुरक्षा की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।