2027 तक सड़कों के निर्माण में ठोस कचरे का उपयोग
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि 2027 के अंत तक देश में सभी ठोस कचरे का उपयोग सड़कों के निर्माण में किया जाएगा। उन्होंने यह घोषणा पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के 120वें वार्षिक सत्र में की, जहां उन्होंने बताया कि अब तक 80 लाख टन कचरा सड़कों के निर्माण के लिए अलग किया जा चुका है।
कचरे को धन में बदलने का दृष्टिकोण
गडकरी ने कहा, “किसी भी सामग्री को कचरा नहीं समझा जाना चाहिए और न ही किसी व्यक्ति को। उचित तकनीक और नेतृत्व के दृष्टिकोण के आधार पर आप कचरे को धन में बदल सकते हैं।” उन्होंने बताया कि दिल्ली में स्थित चार बड़े कचरे के पहाड़ को देखकर वे बहुत चिंतित हैं और इसके समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
भारत की ऑटोमोबाइल उद्योग का भविष्य
गडकरी ने कहा कि भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग अगले पाँच सालों में दुनिया का सबसे बड़ा उद्योग बनेगा। वर्तमान में भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग अमेरिका और चीन के बाद तीसरे स्थान पर है, जिसका कुल आकार 22 लाख करोड़ रुपये है। उन्होंने बताया कि 2014 में भारत का ऑटोमोबाइल उद्योग दुनिया में सातवें स्थान पर था, जिसका कुल आकार 14 लाख करोड़ रुपये था।
नवीनतम अनुसंधान और प्रौद्योगिकी का उपयोग
गडकरी ने कहा कि भारत की ऑटोमोबाइल उद्योग तकनीक और अनुसंधान के माध्यम से वैकल्पिक ईंधनों, जैव ईंधनों, और इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग में अग्रणी है। उन्होंने कहा, “हमारे पास लगभग सभी वैश्विक ब्रांड हैं और हम नए अनुसंधान और नवाचारों के माध्यम से अपने उद्योग को और मजबूत कर रहे हैं।”
आत्मनिर्भर भारत की ओर कदम
गडकरी ने आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की ओर इशारा करते हुए कहा कि भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग को विश्व में पहले स्थान पर आना होगा। उन्होंने अमेरिका और चीन के उद्योगों का उदाहरण देते हुए कहा कि अमेरिका का ऑटोमोबाइल उद्योग 78 लाख करोड़ रुपये का है जबकि चीन का 49 लाख करोड़ रुपये का है।
किसानों की आय में वृद्धि
गडकरी ने बताया कि मक्का से एथेनॉल बनाने के निर्णय से किसानों को 45,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आय प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा, “जब हमने मक्का से एथेनॉल बनाने का निर्णय लिया, तब मक्का की बाजार मूल्य 1200 रुपये प्रति क्विंटल था, जो अब 2800 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुँच गया है।”
एथेनॉल के निर्यात की तैयारी
गडकरी ने कहा कि भारत ने पेट्रोल में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य प्राप्त कर लिया है और अब एथेनॉल का निर्यात करने का समय आ गया है। उन्होंने कहा, “हमें अपने आयात को कम करने और निर्यात को बढ़ाने की आवश्यकता है।” यह कदम भारत के भविष्य के विकास को और भी मजबूत करेगा।
निष्कर्ष
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के इस दृष्टिकोण से स्पष्ट होता है कि भारत सड़कों के निर्माण में कचरे के उपयोग के माध्यम से न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बढ़ रहा है, बल्कि यह किसानों की आय को भी बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। साथ ही, ऑटोमोबाइल उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धात्मक बनाने के लिए नई तकनीक और अनुसंधान का उपयोग किया जा रहा है।