Fire: जयपुर के SMS अस्पताल में शॉर्ट सर्किट से लगी आग, 8 मृतक; सीएम ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया, समिति गठित करेगी चूक की जांच



जयपुर के SMS अस्पताल में आग से 8 लोगों की मौत, मुख्यमंत्री ने की उच्च स्तरीय जांच की घोषणा जयपुर: रविवार रात को जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल के…

Fire: जयपुर के SMS अस्पताल में शॉर्ट सर्किट से लगी आग, 8 मृतक; सीएम ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया, समिति गठित करेगी चूक की जांच

जयपुर के SMS अस्पताल में आग से 8 लोगों की मौत, मुख्यमंत्री ने की उच्च स्तरीय जांच की घोषणा

जयपुर: रविवार रात को जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल के ट्रॉमा आईसीयू में लगी भीषण आग ने कम से कम आठ लोगों की जान ले ली और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। यह घटना अस्पताल के लिए एक गंभीर संकट बन गई है और इसने स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर डाला है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने इस दुखद घटना की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।

आग की यह घटना रात के समय हुई, जब अस्पताल में मरीजों की संख्या अधिक थी। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, आग संभवतः एक शॉर्ट सर्किट के कारण भड़की, जिससे ICU में मौजूद मरीजों और कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने बताया कि उनके द्वारा अस्पताल में धुआं और आग की लपटें देखी गई थीं, जिससे स्थिति और भी भयावह हो गई।

आग लगने के कारण और पहले से की गई तैयारियों की कमी

इस घटना के बाद, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से इस मामले में पूरी जानकारी मांगी है। उन्होंने कहा, “इस घटना में जो लोग प्रभावित हुए हैं, उनके प्रति हमारी संवेदनाएं हैं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि इस तरह की घटनाएं फिर से न हों।” उन्होंने यह भी कहा कि उच्च स्तरीय जांच के माध्यम से यह पता लगाया जाएगा कि क्या सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था या नहीं।

  • आग लगने के कारणों की जांच की जाएगी।
  • अस्पताल में सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की जाएगी।
  • घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाएगी।

अस्पताल के कर्मचारियों ने बताया कि आग लगने के समय, ICU में कुछ मरीजों की स्थिति अत्यंत गंभीर थी। आग लगते ही कर्मचारियों ने तुरंत मरीजों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का प्रयास किया, लेकिन धुएं और आग के कारण यह कार्य बहुत मुश्किल हो गया। इससे कई मरीजों को समय पर बचाया नहीं जा सका।

स्थानीय लोगों और परिजनों की प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद, स्थानीय लोगों और मृतकों के परिजनों का गुस्सा भी सामने आया है। लोगों का कहना है कि अस्पताल में सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया और इसके कारण यह भयानक दुर्घटना हुई। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “हम हमेशा से अस्पताल की सुरक्षा को लेकर चिंतित थे, लेकिन किसी ने भी हमारे विचारों पर ध्यान नहीं दिया। अब हमें इस नतीजे का सामना करना पड़ रहा है।”

अस्पताल के प्रशासन ने कहा है कि वे इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। अस्पताल के अधीक्षक ने भी कहा कि वे जांच में पूरी तरह से सहयोग करेंगे ताकि सच्चाई सामने आ सके।

सरकारी और चिकित्सा सेवाओं में सुधार की आवश्यकता

इस घटना ने सरकारी और चिकित्सा सेवाओं में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि अस्पतालों में आग लगने की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। इसके अलावा, सभी अस्पतालों में नियमित रूप से सुरक्षा अभ्यास आयोजित किए जाने चाहिए ताकि ऐसी स्थिति में कर्मचारियों और मरीजों को सुरक्षित तरीके से निकाला जा सके।

आग में घायल हुए मरीजों को अस्पताल के अन्य वार्ड में स्थानांतरित किया गया है, जहां उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि घायलों के इलाज में कोई कमी नहीं की जाएगी। इस घटना के बाद, अस्पताल प्रशासन ने सभी सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने और उन्हें सुधारने का आश्वासन दिया है।

अंत में

जयपुर के SMS अस्पताल में लगी आग ने एक बार फिर अस्पतालों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। यह घटना न केवल मरीजों के लिए, बल्कि उनके परिवारों के लिए भी एक दुखद स्थिति है। अब देखना यह है कि सरकार और अस्पताल प्रशासन इस घटना से क्या सीख लेते हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाते हैं। हम सभी की संवेदनाएं इस मुश्किल समय में मृतकों के परिवारों के साथ हैं।

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