Collision: महासमुंद में जपं उपाध्यक्ष के पति ने स्कूटी को टक्कर देकर दो लोगों को कुचला, 5 साल पुरानी रंजिश का निकाला बदला



महासमुंद में नेशनल हाईवे पर जानबूझकर की गई हत्या छत्तीसगढ़ के महासमुंद में नेशनल हाईवे-353 पर एक गंभीर घटना घटित हुई है, जहां जनपद पंचायत उपाध्यक्ष हुलसी चंद्राकर के पति…

Collision: महासमुंद में जपं उपाध्यक्ष के पति ने स्कूटी को टक्कर देकर दो लोगों को कुचला, 5 साल पुरानी रंजिश का निकाला बदला

महासमुंद में नेशनल हाईवे पर जानबूझकर की गई हत्या

छत्तीसगढ़ के महासमुंद में नेशनल हाईवे-353 पर एक गंभीर घटना घटित हुई है, जहां जनपद पंचायत उपाध्यक्ष हुलसी चंद्राकर के पति जितेंद्र चंद्राकर (46) की हत्या जानबूझकर की गई। यह घटना शनिवार की रात करीब 8 बजे साराडीह मोड़ के पास हुई। प्रारंभिक जांच में यह पता चला है कि जितेंद्र की मौत एक सड़क हादसे के कारण नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश के तहत हुई थी। आरोपी ने जानबूझकर अपनी टाटा सफारी से जितेंद्र को कुचला।

घटनाक्रम के अनुसार, आरोपी ने पहले जितेंद्र की स्कूटी को टक्कर मारी और उसके बाद सड़क पर गिरे जितेंद्र पर अपनी कार चढ़ा दी। इस घटना में उनके साथ स्कूटी पर सवार अशोक साहू (50) की भी मौत हो गई। यह बेहद दुखद घटना न केवल मृतकों के परिवारों के लिए बल्कि पूरे गांव के लिए एक सदमे के समान है।

पुरानी रंजिश का परिणाम

पुलिस जांच में यह सामने आया है कि जितेंद्र और आरोपी के बीच पांच साल पहले एक रास्ते को लेकर विवाद हुआ था। इस विवाद के दौरान जितेंद्र ने आरोपी अमन को थप्पड़ मारा था, जिसके बाद से अमन ने जितेंद्र से बदला लेने का मन बना लिया था। घटना के दिन, जितेंद्र अपने साथी अशोक के साथ स्कूटी से जा रहा था, तभी अमन ने जानबूझकर उन्हें टक्कर मारने की योजना बनाई।

अमन अग्रवाल ने वारदात को अंजाम देने के बाद सिटी कोतवाली पहुंचकर खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। इस बीच, घटना के बाद स्थानीय ग्रामीणों ने हत्या का मामला दर्ज करने की मांग को लेकर नेशनल हाईवे-353 पर चक्का जाम कर दिया। उनके विरोध के बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ हत्या और षड्यंत्र का मामला दर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी।

घटनास्थल और उसके बाद की कार्रवाई

घटना सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के साराडीह मोड़ के पास की है। शनिवार की रात 8 बजे, टाटा सफारी और स्कूटी के बीच जोरदार टक्कर हुई, जिसे पहले पुलिस ने एक सामान्य सड़क दुर्घटना मान लिया था। लेकिन आगे की जांच में यह पाया गया कि यह एक सोची-समझी हत्या थी। जितेंद्र की मौके पर ही मौत हो गई जबकि अशोक साहू को गंभीर हालत में रायपुर भेजा गया, जहां रास्ते में उनकी भी मौत हो गई।

रविवार को जब दोनों मृतकों का पोस्‍टमार्टम किया गया, तब स्थानीय ग्रामीणों ने अमन के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। पुलिस ने उन्हें आश्वासन दिया कि मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी, जिसके बाद उन्होंने चक्का जाम समाप्त किया।

पुलिस की जांच और आगे की कार्रवाई

महासमुंद की एडिशनल एसपी प्रतिभा पांडेय ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की। प्रारंभ में इसे एक सामान्य सड़क दुर्घटना माना गया, लेकिन बाद में यह स्पष्ट हुआ कि यह एक पूर्व नियोजित हत्या थी। अमन अग्रवाल और जितेंद्र चंद्राकर के बीच पुरानी दुश्मनी के कारण यह घटना हुई।

पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या इस वारदात में अमन अकेला था या इसके साथ और कोई शामिल था। सभी पहलुओं पर ध्यान देते हुए पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और आरोपी से पूछताछ जारी है। इस मामले में आगे की कार्रवाई जल्द ही की जाएगी।

समुदाय का प्रतिक्रिया और न्याय की मांग

इस घटना ने महासमुंद के समुदाय में एक गहरी चिंता और आक्रोश उत्पन्न किया है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून और न्याय की आवश्यकता है। ग्रामीणों ने स्पष्ट किया है कि वे अमन के खिलाफ उचित कार्रवाई के लिए संघर्ष करेंगे।

इस दुखद घटना ने न केवल मृतकों के परिवारों को प्रभावित किया है, बल्कि पूरे गांव में एक भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। स्थानीय प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि वे इस मामले की गंभीरता को समझते हैं और उचित कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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