तमिलनाडु की कंपनी Wintrack Inc. के खिलाफ चेन्नई कस्टम अधिकारियों की शिकायत पर वित्त मंत्रालय की कार्रवाई
तमिलनाडु स्थित लॉजिस्टिक्स कंपनी Wintrack Inc. के चेन्नई कस्टम अधिकारियों द्वारा उत्पीड़न के आरोपों के मामले में हाल ही में एक नया मोड़ आया है। वित्त मंत्रालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच शुरू करने का निर्णय लिया है। मंत्रालय ने कहा है कि “राजस्व विभाग को वर्तमान मुद्दे पर एक ‘निष्पक्ष, पारदर्शी और तथ्यात्मक जांच’ करने के लिए कहा गया है।”
Wintrack Inc. के संस्थापक, प्रवीण गणेशन ने पहले आरोप लगाया था कि “पिछले 45 दिनों से चेन्नई कस्टम अधिकारियों द्वारा लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है। इस वर्ष दो बार उनके रिश्वतखोरी के मामलों का खुलासा करने के बाद, उन्होंने प्रतिशोध लिया और हमारे संचालन को प्रभावी रूप से बुनियादी तौर पर बर्बाद कर दिया है।” इस तरह के आरोपों ने न केवल कंपनी की छवि को प्रभावित किया है, बल्कि इसके व्यापार को भी गंभीर नुकसान पहुंचाया है।
Wintrack Inc. के आरोपों की विस्तृत जानकारी
प्रवीण गणेशन ने यह भी आरोप लगाया कि कस्टम अधिकारी तकनीकी बिंदुओं के आधार पर शिपमेंट को रोक रहे हैं, जैसे कि मasseur के लिए चार्जिंग केबल्स को अलग से घोषित करना। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि Extended Producer Responsibility (EPR) और Legal Metrology (LMPC) अनुपालनों को अचानक लागू किया गया है, जिससे क्लीयरेंस में देरी हुई और डेमरेज का बोझ बढ़ा है।
हालांकि, चेन्नई कस्टम अधिकारियों ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है। एक विस्तृत बयान में, उन्होंने कहा कि कंपनी ने गलत तरीके से सामानों का विवरण दिया और उन्हें गलत वर्गीकृत किया, जैसे कि बिना घोषित USB चार्जिंग केबल्स, और बैटरी वेस्ट प्रबंधन नियमों, 2022 के तहत अनिवार्य EPR प्रमाणपत्र प्रदान नहीं किया।
वित्त मंत्रालय की कार्रवाई और जांच प्रक्रिया
इन आरोपों के सामने आने के बाद, वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि “राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी को विस्तृत तथ्यात्मक जांच करने के लिए नियुक्त किया गया है। इस जांच में संबंधित पक्षों, अधिकारियों की सुनवाई की जाएगी और सभी प्रासंगिक दस्तावेजों की गंभीरता से जांच की जाएगी।” इस प्रक्रिया के दौरान सभी पहलुओं पर ध्यान दिया जाएगा ताकि सही निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके।
वित्त मंत्रालय ने यह भी कहा, “इस मामले को अत्यधिक गंभीरता से लिया जा रहा है, और सरकार कानून के अनुसार उचित और त्वरित कार्रवाई करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह दोहराया गया है कि सरकार व्यापार करने की सुविधा को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।” यह कदम व्यापार समुदाय के लिए सकारात्मक संकेत है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार व्यापार में पारदर्शिता और निष्पक्षता को बढ़ावा देने के लिए तत्पर है।
निष्कर्ष
Wintrack Inc. और चेन्नई कस्टम अधिकारियों के बीच चल रहे विवाद ने व्यापार के माहौल को प्रभावित किया है। इस मामले में वित्त मंत्रालय की सक्रियता और पारदर्शिता की पहल से उम्मीद की जा रही है कि सही निष्कर्ष निकाला जाएगा और व्यापार समुदाय को उचित न्याय मिलेगा। आगे की जांच और कार्रवाई से यह स्पष्ट हो सकेगा कि क्या वास्तव में कस्टम अधिकारियों ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है या कंपनी ने नियमों का उल्लंघन किया है।
व्यापारियों और उद्योगों के लिए यह एक महत्वपूर्ण समय है, जब उन्हें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि उनके अधिकारों की रक्षा की जाए और उन्हें व्यापार करने में कोई कठिनाई न हो। इस मामले का परिणाम न केवल Wintrack Inc. पर, बल्कि अन्य व्यापारियों पर भी प्रभाव डालेगा, जो समान परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं।