Tribute: पंडित छन्नूलाल मिश्रा, हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक और पद्म विभूषण पुरस्कार विजेता, 89 वर्ष की आयु में गंभीर बीमारी से निधन



पंडित छन्नूलाल मिश्रा का निधन: एक युग का अंत हिंदुस्तानी संगीत के प्रसिद्ध गायक पंडित छन्नूलाल मिश्रा का निधन 2 अक्टूबर को सुबह 4 बजे मिर्जापुर में हुआ। उनके निधन…

Tribute: पंडित छन्नूलाल मिश्रा, हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक और पद्म विभूषण पुरस्कार विजेता, 89 वर्ष की आयु में गंभीर बीमारी से निधन

पंडित छन्नूलाल मिश्रा का निधन: एक युग का अंत

हिंदुस्तानी संगीत के प्रसिद्ध गायक पंडित छन्नूलाल मिश्रा का निधन 2 अक्टूबर को सुबह 4 बजे मिर्जापुर में हुआ। उनके निधन की पुष्टि उनकी पुत्री नम्रता मिश्रा ने की। पंडित मिश्रा की उम्र 89 वर्ष थी और वे लंबे समय से बीमारी से जूझ रहे थे। उनके निधन से संगीत की दुनिया में एक गहरा शोक छा गया है। आज वाराणसी में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा, जहां उनके प्रशंसक और परिवार के सदस्य उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित होंगे।

संगीत की दुनिया में उनका योगदान

पंडित छन्नूलाल मिश्रा को उनके अद्वितीय संगीत कौशल और गहरी आवाज के लिए जाना जाता है। उन्होंने भारतीय संगीत में हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके गाए गए ठुमरी, दादरा और अन्य शास्त्रीय रचनाएं आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई हैं। पंडित मिश्रा को पद्म विभूषण जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया, जो उनकी कला और संगीत के प्रति उनकी निष्ठा का प्रमाण है।

पंडित मिश्रा का जीवन और करियर

पंडित छन्नूलाल मिश्रा का जन्म 8 नवंबर 1936 को उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में हुआ था। उनके पिता भी एक संगीतज्ञ थे, जिन्होंने उन्हें संगीत की शिक्षा दी। पंडित मिश्रा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा के दौरान ही संगीत में रुचि विकसित की और बाद में उन्होंने अपने करियर को आगे बढ़ाया। वे भारतीय संगीत के कई बड़े नामों के साथ काम कर चुके थे और उनकी कला ने उन्हें सभी वर्गों में लोकप्रिय बना दिया।

उन्होंने अनेक मंचों पर अपने संगीत का प्रदर्शन किया और देश-विदेश में अपने अनुयायियों का दिल जीता। पंडित मिश्रा ने अपने जीवन में कई चर्चित संगीत कार्यक्रमों में भाग लिया और उनकी आवाज़ ने हमेशा लोगों को मंत्रमुग्ध किया। उनके गाए हुए गीतों में गहरी भावनाएं और संगीत की अद्भुतता प्रदर्शित होती है, जो उन्हें अन्य कलाकारों से अलग बनाती है।

संगीत के प्रति प्रेम और समर्पण

पंडित मिश्रा का संगीत के प्रति प्रेम और समर्पण अद्वितीय था। उन्होंने अपने जीवन के कई दशक संगीत को समर्पित कर दिए और अपनी कला के जरिए समाज में सकारात्मकता फैलाने का कार्य किया। उनकी संगीत शैली ने युवा पीढ़ी को भी प्रेरित किया और आज के संगीतकारों के लिए एक मार्गदर्शक का काम किया।

  • पंडित छन्नूलाल मिश्रा का जन्म 8 नवंबर 1936 को हुआ था।
  • उन्हें संगीत में कई पुरस्कार मिले, जैसे कि पद्म विभूषण।
  • उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाई।
  • उनकी ठुमरी और दादरा आज भी लोगों की पसंदीदा हैं।

संगीत की विरासत

पंडित मिश्रा के निधन से संगीत की एक महत्वपूर्ण धारा समाप्त हो गई है। वे न केवल एक महान गायक थे, बल्कि एक शिक्षक भी थे जिन्होंने कई युवा कलाकारों को प्रशिक्षित किया। उनकी विदाई से संगीत प्रेमियों के बीच एक खालीपन महसूस किया जाएगा। उनके गाए हुए गीत और रचनाएं हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगी और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनेंगी।

उनकी कला और संगीत के प्रति समर्पण को हमेशा याद रखा जाएगा। पंडित छन्नूलाल मिश्रा की विरासत उनके संगीत के माध्यम से जीवित रहेगी, और वे हमेशा एक प्रेरणा बने रहेंगे। उनके निधन पर हम सभी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं।

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