बरेली में ‘I Love Mohammad’ विवाद में गिरफ्तारीयों का सिलसिला
बरेली, उत्तर प्रदेश: बरेली में ‘I Love Mohammad’ विवाद को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों के मामले में पुलिस ने 81 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये गिरफ्तारियां उस समय की गई हैं जब स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है।
मुख्य साजिशकर्ता और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी
पुलिस की कार्यवाही और जिलाधिकारी का बयान
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) बरेली अनुराग आर्य ने बताया कि नफीस और उनके बेटे ने खुलासा किया है कि “हर कोई इस साजिश में शामिल था।” उन्होंने ये भी कहा कि यह हिंसा पूर्व-निर्धारित थी और इसके लिए सोशल मीडिया पर संदेश फैलाए गए थे।
बंगाल और बिहार के संदिग्धों की गिरफ्तारी
पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस साजिश में बंगाल और बिहार के तीन लोग शामिल हैं। यह जानकारी सामने आई है कि दंगे की योजना 19 सितंबर से ही तैयार की जा रही थी। इसके लिए कई लोग बरेली के आजमनगर में दंगों में शामिल होने के लिए पहुंचे थे।
सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस की कार्रवाई
बरेली में हिंसा के बाद कई घरों को बंद कर दिया गया है और पुलिस सबूत इकट्ठा कर रही है। शहर को उच्च सतर्कता पर रखा गया है और शुक्रवार की नमाज की निगरानी की जाएगी।
डीआईजी का बयान और जनता से अपील
डीआईजी बरेली ए.के. साहनी ने कहा, “स्थिति पूरी तरह से सामान्य है। पुलिस ने रूट मार्च और पैदल गश्त शुरू कर दी है। हम सभी पक्षों से बातचीत कर रहे हैं। त्योहारों के मद्देनजर यहां 10 कंपनियों की पीएसी, अर्धसैनिक बलों के साथ सीआरपीएफ और जिला बल तैनात किए गए हैं। हम जनता से अनुरोध करते हैं कि त्योहारों को शांतिपूर्ण तरीके से मनाएं।
कानून व्यवस्था का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
बरेली विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष मणिकंदन ने एएनआई को बताया कि पुलिस और जिला प्रशासन ने पिछले शुक्रवार की नमाज के बाद हुई कानून व्यवस्था के उल्लंघन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है। मुख्य आरोपी के संपत्तियों को सील कर दिया गया है।
मौलाना मोहसिन रज़ा की गिरफ्तारी
इस बीच, “I Love Mohammad” विवाद के चलते, उत्तर प्रदेश पुलिस ने मंगलवार को मौलाना मोहसिन रज़ा को गिरफ्तार किया है। उनकी गिरफ्तारी के बाद स्थानीय प्रशासन ने उनके संपत्तियों पर बुलडोजर कार्रवाई की।
प्रदर्शनकारियों की हिंसक गतिविधियाँ
प्रदर्शनकारियों ने अला हज़रत दरगाह और इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा खान के निवास के बाहर इकट्ठा होकर “I Love Mohammad” के पोस्टर लिए हुए थे।
पुलिस के साथ झड़पें और दंगों का परिणाम
प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके, जिससे कई लोगों को चोटें आईं और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा। पुलिस ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को व्हाट्सएप पर भड़काऊ संदेशों के माध्यम से उकसाया गया था।
निष्कर्ष
बरेली में ‘I Love Mohammad’ विवाद ने न केवल सामाजिक ताने-बाने को चुनौती दी है, बल्कि कानून व्यवस्था के लिए भी गंभीर मुद्दे खड़े किए हैं। स्थानीय प्रशासन और पुलिस अब सख्त कदम उठा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।