Tariffs: ट्रम्प का दावा, अमेरिका को बना रहा है ‘धनवान’



डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ को बताया ‘सुंदरतम’ शब्द हाल ही में, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एरिज़ोना स्थित मरीन कॉर्प्स बेस क्वांटिको में एक कार्यक्रम के दौरान टैरिफ को…

Tariffs: ट्रम्प का दावा, अमेरिका को बना रहा है ‘धनवान’

डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ को बताया ‘सुंदरतम’ शब्द

हाल ही में, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एरिज़ोना स्थित मरीन कॉर्प्स बेस क्वांटिको में एक कार्यक्रम के दौरान टैरिफ को अंग्रेजी भाषा का ‘सुंदरतम’ शब्द बताया। उन्होंने यह भी कहा कि यह शब्द उनके लिए व्यक्तिगत रूप से बहुत प्रिय है। ट्रंप ने अपने भाषण में कहा, “मैं टैरिफ से प्यार करता हूँ। यह सबसे सुंदर शब्द है। आप जानते हैं, हम बहुत अमीर हो रहे हैं। हमने ट्रिलियन डॉलर प्राप्त किए हैं। अन्य देशों ने वर्षों से हमारा फायदा उठाया है। अब हम उन्हें न्यायपूर्ण तरीके से व्यवहार कर रहे हैं।”

ट्रंप का यह बयान उस रणनीति का हिस्सा है जिसका इस्तेमाल उन्होंने भारत जैसे बड़े अर्थव्यवस्थाओं के साथ कड़े संबंध बनाने के लिए किया है। पिछले अगस्त से, अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया है। इसके बाद, रूस से तेल खरीदने के लिए 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है। हालांकि, हाल ही में केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की अमेरिका यात्रा के बाद, एक पारस्परिक लाभकारी व्यापार समझौते की उम्मीदें फिर से बढ़ गई हैं।

भारत-अमेरिका संबंधों पर ट्रंप का प्रभाव

ट्रंप के इस बयान के साथ ही, कई प्रमुख आवाज़ें यह भी कह रही हैं कि उनके निर्णयों ने भारत-अमेरिका संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह स्थिति भारत को चीन की ओर धकेल रही है, जैसा कि हाल ही में एससीओ शिखर सम्मेलन 2025 के दौरान पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच की निकटता से स्पष्ट होता है।

हालांकि, ट्रंप यह दावा करते हैं कि टैरिफ उन्हें ‘बहुत अमीर’ बना रहे हैं, वहीं भारत ने अपनी स्थिति को मजबूती से पेश किया है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि उनकी ऊर्जा नीति पूरी तरह से उनके अधिकार क्षेत्र में है। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि वाशिंगटन द्वारा लगाए गए दंडात्मक टैरिफ का तर्क समझ में नहीं आता, खासकर जब अमेरिका ने उन्हें वैश्विक तेल कीमतों को नियंत्रित रखने के लिए रूसी कच्चे तेल को खरीदने की सलाह दी थी।

टैरिफ को लेकर न्यायालय में चल रही लड़ाई

ट्रंप ने यह भी उल्लेख किया कि टैरिफ लगाने के लिए उनके पास कार्यकारी आदेशों के माध्यम से अधिकार है या नहीं, इस पर न्यायालय में मामला चल रहा है। एक निचली अदालत ने यह फैसला सुनाया कि यह अधिकार कांग्रेस के पास है, लेकिन अपने फैसले को स्थगित कर दिया।

यह मामला अब अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट के समक्ष है। ट्रंप ने कहा, “हमारे पास सुप्रीम कोर्ट के सामने एक बड़ा मामला है, लेकिन मैं कल्पना नहीं कर सकता कि यह क्या है, क्योंकि यह वही है जो अन्य देशों ने हमारे साथ किया है। हमारे पास मजबूत कानूनी आधार हैं, लेकिन फिर भी यह एक मामला है। अगर कुछ हुआ तो यह बहुत बुरा होगा।”

टैरिफ के प्रभाव और भविष्य की संभावनाएँ

डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ पर किए गए बयानों ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर एक नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है। उनके नेतृत्व में अमेरिका ने कई देशों के साथ व्यापारिक संबंधों को फिर से परिभाषित करने का प्रयास किया है। टैरिफ के माध्यम से व्यापार संतुलन को सुधारने की उनकी कोशिशें, विशेष रूप से भारतीय बाजार में, कई चुनौतियों का सामना कर रही हैं।

भारत ने अपनी आर्थिक नीतियों में स्थिरता बनाए रखी है और अपने ऊर्जा स्रोतों के चयन में स्वतंत्रता को प्राथमिकता दी है। इस स्थिति में, अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक संबंधों का भविष्य न केवल टैरिफ पर निर्भर करेगा, बल्कि दोनों देशों के बीच संवाद और सहयोग की भावना पर भी निर्भर करेगा।

आगामी दिनों में, अगर दोनों देशों के बीच व्यापारिक वार्ताएँ सफल होती हैं, तो यह न केवल उनके आर्थिक विकास में सहायक होगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा देगी।

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