मधुबनी में भारत-नेपाल समन्वय समिति की वर्चुअल बैठक का आयोजन
मधुबनी जिले में बुधवार को भारत-नेपाल के बीच जिला स्तरीय समन्वय समिति की एक महत्वपूर्ण वर्चुअल बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में बिहार विधानसभा आम निर्वाचन 2025 सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। दोनों देशों के अधिकारियों ने आगामी चुनाव में सहयोग और समन्वय को बढ़ाने के लिए विचार-विमर्श किया।
बैठक में मानव तस्करी, शराब की अवैध तस्करी, बिहार में शराबबंदी के प्रभावी कार्यान्वयन, सीमा पर अतिक्रमण, जाली नोटों पर अंकुश, अपराधियों की धरपकड़, और असामाजिक तत्वों द्वारा सीमा का दुरुपयोग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई। इस दौरान संबंधित अधिकारियों ने अपने-अपने विचार साझा किए, जिससे द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने का प्रयास किया गया।
बैठक में उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दे
बैठक के दौरान मधुबनी के जिलाधिकारी आनंद शर्मा ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के संदर्भ में दोनों देशों के अधिकारियों को आपसी समन्वय के साथ सजग रहना होगा। उन्होंने मतदान के दिन सीमा को सील करने के संबंध में भी विस्तार से चर्चा की। शर्मा ने भारत और नेपाल के बीच सदियों पुराने प्रगाढ़ संबंधों और ‘बेटी-रोटी’ के रिश्ते पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दोनों देशों के नागरिकों के बीच प्रेम और सौहार्द बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
बैठक में उपस्थित पुलिस अधीक्षक योगेंद्र कुमार ने आगामी लोकसभा आम निर्वाचन और दोनों देशों के बीच अपराधियों की सूची के आदान-प्रदान समेत कई अन्य मुद्दों पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि इन मामलों में समन्वय को और बढ़ाना होगा ताकि सीमाओं पर सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।
बैठक में शामिल प्रमुख सदस्य
इस महत्वपूर्ण बैठक में मधुबनी के जिलाधिकारी आनंद शर्मा, पुलिस अधीक्षक योगेंद्र कुमार, कौंसुल सीजीआई बीरगंज मनीष दास, अपर समाहर्ता आपदा संतोष कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी दीपक कुमार, बेनीपट्टी के शारंग पानी पांडेय, एसडीपीओ बेनीपट्टी अमित कुमार, जयनगर के राघव दयाल, एसएसबी 48वीं और 18वीं वाहिनी के कमांडेंट, उत्पाद अधीक्षक विजय कांत ठाकुर सहित कई अन्य अधिकारी शामिल थे।
नेपाल दल में धनुषा, महोत्तरी, सप्तरी, और सिरहा के सीडीओ और पुलिस अधीक्षक सहित सशस्त्र पुलिस बल नेपाल के सभी संबंधित अधिकारी भी शामिल थे। इन सभी अधिकारियों के बीच विचारों का आदान-प्रदान कर द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए चर्चा की गई।
वर्चुअल बैठक का महत्व
इस वर्चुअल बैठक का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देना था। आगामी चुनावों के मद्देनजर, यह आवश्यक है कि दोनों देशों के अधिकारी मिलकर काम करें ताकि सीमा पर कानून-व्यवस्था को बनाए रखा जा सके। इस प्रकार की बैठकें न केवल आपसी समझ को बढ़ावा देती हैं, बल्कि सीमा पर सुरक्षा के मुद्दों को भी प्रभावी ढंग से हल करने में मदद करती हैं।
इस बैठक के परिणामस्वरूप, उम्मीद की जा रही है कि भारत और नेपाल के बीच सुरक्षा, व्यापार और सामाजिक संबंधों को और अधिक मजबूती मिलेगी। दोनों देशों के अधिकारियों के बीच संवाद और सहयोग से आने वाले समय में सीमाई क्षेत्रों में बेहतर सुरक्षा व्यवस्थाएं स्थापित की जा सकेंगी।
इस प्रकार, मधुबनी में हुई यह वर्चुअल बैठक न केवल वर्तमान चुनौतियों पर चर्चा करने का एक मंच था, बल्कि भविष्य में दोनों देशों के बीच सहयोग और समन्वय को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित होगा।