“Old Pension Scheme: चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग, मऊ में हाइड्रोजन गुब्बारा उड़ाकर किया प्रदर्शन, NPS का किया विरोध”



मऊ में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन सुशील सिंह | मऊ – उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ ने मऊ जिला कलेक्ट्रेट में पुरानी पेंशन बहाली…

“Old Pension Scheme: चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली की मांग, मऊ में हाइड्रोजन गुब्बारा उड़ाकर किया प्रदर्शन, NPS का किया विरोध”

मऊ में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन

सुशील सिंह | मऊ – उत्तर प्रदेश चतुर्थ श्रेणी राज्य कर्मचारी महासंघ ने मऊ जिला कलेक्ट्रेट में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर एक प्रदर्शन आयोजित किया। इस दौरान कर्मचारियों ने हाइड्रोजन गुब्बारे उड़ाकर प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराया। इस प्रदर्शन में जिला अध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह और प्रदेश संगठन मंत्री निखांत वर्मा सहित कई कर्मचारी उपस्थित रहे।

प्रदर्शन का उद्देश्य और नारे

कर्मचारियों ने प्रदर्शन के दौरान ‘पुरानी पेंशन जिंदाबाद’ और ‘पुरानी पेंशन हक है हमारा, लेकर रहेंगे’ जैसे नारे लगाए। इस मौके पर उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी मांग केवल पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली है, न कि नई पेंशन योजना (NPS) या कोई अन्य विकल्प। यह प्रदर्शन कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, क्योंकि पुरानी पेंशन योजना उनके भविष्य की वित्तीय सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

प्रदर्शन का नेतृत्व और योजना

जिला अध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह ने बताया कि यह प्रदर्शन राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर किया जा रहा है। उनका मुख्य उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक अपनी मांग पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी पुरानी पेंशन के मामले में एकजुट हैं और वे इसे लेकर रहेंगे। इस प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने छुट्टी के दिन भी अपनी ड्यूटी निभाई और एकत्रित होकर अपनी मांगों को उठाया।

प्रदेश भर में समान प्रदर्शन

इस प्रदर्शन के चलते प्रदेश के प्रत्येक जनपद में इसी प्रकार का सांकेतिक प्रदर्शन आयोजित किया गया। कर्मचारियों ने एकजुटता दिखाई और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाने का संकल्प लिया। इस प्रदर्शन का उद्देश्य न केवल सरकार के सामने अपनी मांग को रखना है, बल्कि कर्मचारियों के बीच एकता को भी बढ़ावा देना है।

आवाज उठाने का महत्व

कर्मचारियों का यह प्रदर्शन एक संकेत है कि वे अपनी मांगों के प्रति गंभीर हैं और किसी भी प्रकार के समझौते के लिए तैयार नहीं हैं। पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए उनकी एकजुटता यह दर्शाती है कि वे अपनी वित्तीय सुरक्षा को लेकर कितने चिंतित हैं। इस तरह के प्रदर्शन न केवल कर्मचारियों के लिए, बल्कि पूरे समाज के लिए भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि यह दर्शाता है कि वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हैं और उन्हें सुरक्षित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।

समाज का समर्थन

इस प्रदर्शन में सिर्फ सरकारी कर्मचारी ही नहीं, बल्कि समाज के अन्य वर्गों का भी समर्थन मिलना आवश्यक है। जब समाज एकजुट होकर किसी मुद्दे का समर्थन करता है, तो उसका प्रभाव कहीं अधिक होता है। पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग केवल कर्मचारियों की नहीं, बल्कि समाज के हर वर्ग की है, जो भविष्य में अपनी वित्तीय सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। इस मुद्दे पर अधिक से अधिक चर्चा और जागरूकता फैलाना आवश्यक है, ताकि सभी लोग इस विषय को समझें और समर्थन करें।

निष्कर्ष

मऊ में हुए इस प्रदर्शन ने यह साबित कर दिया है कि कर्मचारियों का एकजुट होना और अपनी मांगों के प्रति जागरूक रहना कितना महत्वपूर्ण है। पुरानी पेंशन योजना की बहाली के लिए उनकी आवाज को सुनना सरकार की जिम्मेदारी होनी चाहिए। आने वाले समय में यह देखना होगा कि क्या सरकार उनकी मांगों पर ध्यान देती है और क्या वे अपनी पुरानी पेंशन योजना को बहाल कर पाने में सफल होते हैं।

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