भोपाल में कांग्रेस की समन्वय समिति की बैठक में महत्वपूर्ण निर्णय
भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें भोपाल जिला कांग्रेस की समन्वय समिति ने भाग लिया। इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, शहर अध्यक्ष प्रवीण सक्सेना, ग्रामीण अध्यक्ष अनुकी पटेल और अन्य प्रमुख नेताओं ने भाग लिया। इस बैठक में जिले की कार्यकारिणी को लेकर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कांग्रेस की जिला कार्यकारिणी अक्टूबर में घोषित की जाएगी और ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति भी इस दौरान की जाएगी। जानकारी के अनुसार, भोपाल शहर की कार्यकारिणी में सदस्यों की संख्या 105 से अधिक नहीं होगी, जबकि भोपाल ग्रामीण जिला कांग्रेस की कार्यकारिणी में 56 से अधिक कार्यकर्ता शामिल नहीं होंगे। यह कदम संगठन को मजबूत करने के लिए उठाया गया है।
दिग्विजय सिंह का विशेष ध्यान
समन्वय समिति की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी की बैठक नहीं हुई है। उन्होंने यह भी बताया कि पीसीसी में कार्य विभाजन अभी तक नहीं हुआ है। इस दौरान एक सदस्य ने सुझाव दिया कि जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों को वार्ड और मंडलम का प्रभारी बनाया जाना चाहिए, ताकि वे माइक्रो लेवल पर निगरानी कर सकें।
दिग्विजय सिंह ने इस सुझाव का समर्थन करते हुए कहा कि यह विचार सकारात्मक है, जिससे कार्यकर्ताओं को स्थानीय स्तर पर सक्रियता बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, “हमें कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारियां देनी चाहिए ताकि वे संगठन को और मजबूत बना सकें।” इस प्रकार की बैठकें संगठन की मजबूती के लिए आवश्यक हैं।
जिला कांग्रेस कार्यालय की जमीन का मुद्दा
बैठक में जिला कांग्रेस कार्यालय के लिए गुरबख्श की तलैया में पहले से आवंटित जमीन के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। वहाँ अवैध कब्जे की समस्या पर चिंता व्यक्त की गई। दिग्विजय सिंह ने कहा कि नगर निगम ने वहां टंकी बना दी है, जिससे स्थिति और जटिल हो गई है। उन्होंने राजस्व अमले से चर्चा करके जिला कांग्रेस कार्यालय की जमीन का सीमांकन कराने की आवश्यकता पर जोर दिया।
मतदाता पुनरीक्षण पर विशेष ध्यान
बैठक के दौरान दिग्विजय सिंह ने वोटर लिस्ट के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि मतदाता पुनरीक्षण का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण है और कार्यकर्ताओं को इस पर नजर बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) से संपर्क करके यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कहीं फर्जी वोटर शामिल न हो। यह सुनिश्चित करना कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण है ताकि चुनाव में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनी रहे।
आगे की रणनीति
बैठक में कई अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई, जिसमें पार्टी की आगामी चुनावी रणनीति, कार्यकर्ताओं की सक्रियता, और संगठनात्मक ढांचे को मजबूत करने के उपाय शामिल हैं। दिग्विजय सिंह ने सभी कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि संगठन की मजबूती ही चुनावी सफलता की कुंजी है।
कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने इस बैठक को सकारात्मक और प्रेरणादायक बताया, जिससे कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। अब सभी की नजरें आगामी चुनाव पर टिकी हुई हैं और संगठन को मजबूत करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं।
यह बैठक कांग्रेस पार्टी के लिए न केवल एक महत्वपूर्ण मोड़ है, बल्कि यह दर्शाती है कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर एक सफल चुनावी रणनीति बनाने के लिए गंभीर है। सभी कार्यकर्ता अब इस दिशा में जुट गए हैं, जिससे एक नई ऊर्जा के साथ पार्टी आगे बढ़ सके।