Leh Apex Body ने MHA के साथ Talks से हटने की घोषणा की, Dialogue शुरू करने से पहले शांति की मांग



लेह एपेक्स बॉडी ने गृह मंत्रालय से बातचीत से हटने का फैसला किया न्यू दिल्ली: लेह एपेक्स बॉडी ने सोमवार को गृह मंत्रालय (MHA) के साथ चल रही बातचीत से…

Leh Apex Body ने MHA के साथ Talks से हटने की घोषणा की, Dialogue शुरू करने से पहले शांति की मांग

लेह एपेक्स बॉडी ने गृह मंत्रालय से बातचीत से हटने का फैसला किया

न्यू दिल्ली: लेह एपेक्स बॉडी ने सोमवार को गृह मंत्रालय (MHA) के साथ चल रही बातचीत से पीछे हटने की घोषणा की है। इस संगठन ने स्पष्ट किया है कि जब तक क्षेत्र में शांति बहाल नहीं होती, तब तक वह केंद्र सरकार के साथ किसी भी प्रकार की चर्चा में शामिल नहीं होगी। यह निर्णय उस समय लिया गया है जब लेह में राज्यhood की मांग को लेकर व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं।

लेह एपेक्स बॉडी ने अपने बयान में कहा है कि क्षेत्रीय समस्याओं को हल करने के लिए गंभीरता से प्रयास किए जाने चाहिए। संगठन का मानना है कि सरकार को पहले स्थानीय लोगों की चिंताओं को सुनना चाहिए और उनके साथ संवाद करना चाहिए। हाल के दिनों में, लेह में बढ़ते तनाव और विरोध प्रदर्शनों ने स्थानीय लोगों के बीच चिंता बढ़ा दी है।

राज्यhood की मांग और छठे अनुसूची में शामिल होने की आवश्यकता

लेह एपेक्स बॉडी के सदस्यों ने स्पष्ट किया है कि वे राज्यhood की मांग को लेकर गंभीर हैं। उनका कहना है कि यह आवश्यक है कि लेह को **छठे अनुसूची** के तहत शामिल किया जाए, ताकि स्थानीय लोगों के अधिकारों और उनकी संस्कृति की रक्षा की जा सके। इसके अलावा, उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह इस मुद्दे को प्राथमिकता दे और इसे सुलझाने के लिए गंभीरता से काम करे।

स्थानीय निवासियों का मानना है कि यदि उनकी आवाज़ को सुना नहीं गया, तो वे और भी बड़े विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे। पिछले कुछ हफ्तों में, लोगों ने सड़कों पर उतरकर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाई है। इस प्रदर्शन में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए हैं, जो शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को रखने का प्रयास कर रहे हैं।

स्थानीय लोगों की चिंताएँ और सुरक्षा का मुद्दा

लेह में चल रहे प्रदर्शनों ने सुरक्षा के मुद्दों को भी जन्म दिया है। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बलों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रयास किए हैं, लेकिन प्रदर्शनों की तीव्रता को देखते हुए यह चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर बैठकर अपने अधिकारों की मांग की है, जबकि प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए तैनाती बढ़ा दी है।

  • प्रदर्शन: स्थानीय लोगों ने राज्यhood की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किए हैं।
  • सुरक्षा: क्षेत्र में सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाई गई है।
  • संवाद: एपेक्स बॉडी का कहना है कि जब तक सरकार संवाद नहीं करेगी, तब तक वे बातचीत में शामिल नहीं होंगे।

सरकार की प्रतिक्रिया और भविष्य की संभावनाएँ

स्थानीय लोगों की मांगों को देखते हुए केंद्र सरकार की प्रतिक्रिया भी महत्वपूर्ण होगी। यदि सरकार इस मुद्दे पर ध्यान नहीं देती है, तो स्थानीय लोग और भी अधिक संगठित हो सकते हैं। इस स्थिति में, सरकार को न केवल बातचीत की प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की आवश्यकता होगी, बल्कि स्थानीय लोगों की चिंताओं को भी गंभीरता से लेना पड़ेगा।

कुल मिलाकर, लेह एपेक्स बॉडी का यह कदम एक महत्वपूर्ण संकेत है कि स्थानीय लोग अपनी आवाज़ को सुनने के लिए तैयार हैं। यदि स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो आने वाले दिनों में और भी अधिक विरोध देखने को मिल सकता है। सरकारी अधिकारियों को चाहिए कि वे स्थानीय लोगों के साथ मिलकर एक ऐसा समाधान खोजें, जो सभी के लिए लाभकारी हो।

इस प्रकार, लेह में चल रही स्थिति न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन गई है। सरकार और स्थानीय संगठनों के बीच संवाद की आवश्यकता अब पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।

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