कार्बेट पार्क में पर्यटक ने गाइड पर लगाए गंभीर आरोप
जागरण संवाददाता, रामनगर/नैनीताल। कार्बेट नेशनल पार्क में एक भारतीय पर्यटक ने नेचर गाइड पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि गाइड ने विदेशी पर्यटकों को तंबाकू ऑफर किया और चीतल के मांस को स्वादिष्ट बताया। इस घटना को लेकर पर्यटक ने अपनी शिकायत इंटरनेट मीडिया पर साझा की, जिसके बाद कार्बेट प्रशासन ने गाइड के पार्क में प्रवेश पर रोक लगा दी है और मामले की जांच शुरू कर दी है। इस जांच की जिम्मेदारी एसडीओ बिजरानी अमित ग्वासाकोटी को सौंपी गई है।
घटना का विवरण
सोमवार की सुबह चंडीगढ़ निवासी पर्यटक रंजीत ढिल्लो अपने तीन विदेशी दोस्तों के साथ कार्बेट पार्क के झिरना पर्यटन जोन में डे सफारी के लिए गए थे। सफारी के दौरान उनके साथ एक स्थानीय नेचर गाइड भी मौजूद था। अगले दिन, रंजीत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस नकारात्मक अनुभव के बारे में एक पोस्ट साझा की। उन्होंने बताया कि गाइड ने तंबाकू देने के साथ-साथ हिरण के मांस के बारे में भी नकारात्मक टिप्पणियां कीं।
पर्यटक की पोस्ट पर प्रतिक्रिया
रंजीत की इस पोस्ट पर कई लोगों ने प्रतिक्रिया दी है। जैसे ही मामला कार्बेट प्रशासन के संज्ञान में आया, निदेशक डॉ. साकेत बडोला ने तुरंत एसडीओ अमित ग्वासाकोटी को जांच का आदेश दिया। ग्वासाकोटी ने पुष्टि की कि गाइड को पार्क में प्रवेश से रोक दिया गया है और मामले की पूरी जांच की जा रही है।
“गाइड का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया है। हम दोनों पक्षों से बयान लेंगे। संदर्भ की पूरी जानकारी के बाद ही हम किसी निष्कर्ष पर पहुंचेंगे। पर्यटक से भी संपर्क का प्रयास किया जा रहा है।” डॉ. साकेत बडोला, निदेशक सीटीआर
पर्यटक का अनुभव
रंजीत ने अपनी पोस्ट में लिखा कि “जिम कार्बेट के गाइड ने हमें तंबाकू दिया, जिसे हमें जमीन पर फेंककर कूड़ा फैलाने से रोकना पड़ा। एक घंटे की नींद के बाद गाइड ने कहा कि हिरण का मांस बहुत स्वादिष्ट होता है। पार्क और वन्य जीवों के संरक्षण के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा गया। यह बहुत शर्मनाक था, खासकर जब विदेशी मेहमान भी हमारे साथ थे।”
वे भारत के समृद्ध वन्य जीवन के बारे में जानने के लिए उत्सुक थे, लेकिन इसके बजाय उन्हें तंबाकू दिया जा रहा था। यह घटना हमारे प्राकृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करने वाले लोगों के प्रति एक गंभीर लापरवाही का प्रतीक है। दुर्भाग्य से, भारत के पर्यटन की यही सच्चाई कभी-कभी सामने आती है।
कार्बेट पार्क की छवि पर असर
इस घटना ने कार्बेट पार्क की छवि को धूमिल करने का काम किया है। पर्यटकों की दृष्टि से यह एक गंभीर मुद्दा है, क्योंकि इससे न केवल पार्क की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचता है, बल्कि पर्यटकों के अनुभव पर भी नकारात्मक असर डालता है। पर्यटकों को यह विश्वास दिलाना आवश्यक है कि उनका अनुभव सुरक्षित और सम्मानजनक हो। ऐसे में प्रशासन को इस तरह के मामलों पर सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है।
- गाइड का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है।
- एसडीओ अमित ग्वासाकोटी को जांच का जिम्मा सौंपा गया है।
- पर्यटक से भी संपर्क कर दोनों पक्षों की बातें सुनी जाएंगी।
- कार्बेट पार्क की छवि को बनाए रखने के लिए प्रशासन ने सतर्कता बरतने का आश्वासन दिया है।
कार्बेट पार्क के अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाने की जरूरत है। पर्यटकों की सुरक्षा और उनके अनुभव का सम्मान करना अत्यंत आवश्यक है, ताकि वे भारत के समृद्ध वन्य जीवन का सही अनुभव कर सकें। इस घटना के बाद, कार्बेट प्रशासन ने यह भी संकेत दिया है कि वे अपने गाइडों के प्रशिक्षण और आचार-संहिता में सुधार करने की दिशा में काम करेंगे।
इस प्रकार की घटनाएं न केवल पर्यटकों के अनुभव को प्रभावित करती हैं, बल्कि भारतीय पर्यटन उद्योग की छवि को भी चोट पहुंचाती हैं। इसलिए, सभी संबंधित पक्षों को एकजुट होकर इस मुद्दे का समाधान निकालना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।


























