राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के दौरे के दौरान नैनीताल में आग की अफवाह से मची खलबली
जागरण संवाददाता, नैनीताल। उत्तराखंड के नैनीताल में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के जनपद भ्रमण कार्यक्रम के दौरान एक अनपेक्षित घटना ने हड़कंप मचा दिया। राष्ट्रपति के दौरे के समय वीवीआइपी रूट के पास एक होमस्टे में आग लगने की सूचना प्राप्त हुई, जिससे सुरक्षा में तैनात कर्मी और अग्निशमन दल तुरंत सक्रिय हो गए। नैनीताल से दो फायर वाहनों के साथ अग्निशमनकर्मियों की एक टीम घटनास्थल की ओर दौड़ी। हालांकि, टीम ने नैनीताल से भूमियाधार तक लगभग आठ किलोमीटर के क्षेत्र का निरीक्षण किया, लेकिन उन्हें कहीं भी आग नहीं मिली।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का मंगलवार को नैनीताल में कैंची धाम का दौरा प्रस्तावित था। उन्हें सुबह 10:05</strong बजे कैंची धाम पहुंचना था। जैसे ही राष्ट्रपति का काफिला नैनीताल से रवाना हुआ, उसी समय पाइंस क्षेत्र में स्थित एक होमस्टे में आग लगने की खबरें फैलने लगीं। इससे सुरक्षा व्यवस्था में तैनात पुलिसकर्मियों में अफरा-तफरी मच गई।
अग्निशामक दल की तत्परता
आग की सूचना मिलते ही नैनीताल के अग्निशमन अधिकारी देवेंद्र सिंह नेगी ने तुरंत दो फायर वाहनों और अन्य अग्निशमनकर्मियों को घटनास्थल पर भेजा। टीम ने पूरे क्षेत्र का निरीक्षण किया, लेकिन कहीं भी किसी भवन से धुंआ उठता हुआ नहीं मिला। इस दौरान क्षेत्र में तैनात पुलिसकर्मियों से भी पूछताछ की गई, लेकिन कोई ठोस जानकारी नहीं मिल सकी।
सूचना प्राप्त करने के लिए टीम ने फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क की कमी के कारण कोई संपर्क नहीं हो सका। इसके चलते अग्निशमन दल को भारी फजीहत का सामना करना पड़ा और उन्हें खाली हाथ लौटना पड़ा।
आग की सूचना का रहस्य
अग्निशमन अधिकारी देवेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि राष्ट्रपति की फ्लीट से आग लगने का मैसेज कैंची धाम क्षेत्र के तैनात अग्निशमन अधिकारी को मिला था। जब टीम ने क्षेत्र में जांच की, तो कहीं भी आग या धुएं के निशान नहीं मिले। यह संभव है कि आग को अग्निशमन दल के पहुंचने से पहले ही बुझा लिया गया हो। उन्होंने यह भी बताया कि सूचना प्रसारित करने वाले व्यक्ति का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है।
नैनीताल में सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने नैनीताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। जब वीवीआइपी जैसे राष्ट्रपति के दौरे की सुरक्षा में इस प्रकार की खामी सामने आती है, तो इससे स्थानीय प्रशासन की तैयारियों पर भी प्रश्नचिन्ह लग जाता है। अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए उन्हें और अधिक सतर्क रहना होगा।
स्थानीय निवासियों और पर्यटकों ने भी इस घटना को लेकर चिंता व्यक्त की है। लोग यह जानना चाहते हैं कि अगर वास्तव में आग लगती, तो सुरक्षा और अग्निशमन दल कितनी जल्दी प्रतिक्रिया कर पाते। ऐसे में आवश्यक है कि प्रशासन इस प्रकार की सूचनाओं को गंभीरता से लेते हुए उचित कदम उठाए।
निष्कर्ष
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का नैनीताल दौरा एक महत्वपूर्ण घटना थी, लेकिन आग लगने की झूठी सूचना ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी। प्रशासन को इस घटना से सीख लेकर भविष्य में इस प्रकार की सूचनाओं के प्रति अधिक सतर्क और तैयार रहना होगा। उम्मीद है कि अग्निशामन विभाग और स्थानीय पुलिस इस पर काम करेंगे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।


























