राष्ट्रपति मुर्मू का कैंची धाम दौरा: नींब करौरी बाबा के दर्शन
अपडेटेड: मंगलवार, 04 नवम्बर 2025, 01:05 PM (IST)
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हाल ही में उत्तराखंड के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल कैंची धाम का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने यहाँ स्थित नींब करौरी बाबा के दर्शन किए। राष्ट्रपति मुर्मू ने इस अवसर पर उत्तराखंड की विशिष्टता और इसकी सांस्कृतिक धरोहर पर प्रकाश डालते हुए इसे ज्ञान और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण केंद्र बताया।
कैंची धाम, जो अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता और आध्यात्मिक वातावरण के लिए प्रसिद्ध है, हर साल लाखों श्रद्धालुओं का आकर्षण का केंद्र बना रहता है। राष्ट्रपति मुर्मू ने नींब करौरी बाबा के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि बाबा ने लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने का कार्य किया है। उनके teachings ने अनेक लोगों को प्रेरित किया है और उनकी शिक्षाएँ आज भी लोगों के दिलों में जीवित हैं।
कैंची धाम का महत्व और श्रद्धालुओं की भीड़
कैंची धाम की स्थापना 1960 में नींब करौरी बाबा द्वारा की गई थी, और तब से यह स्थान श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बन गया है। यहाँ हर साल श्रावण और दिवाली जैसे त्योहारों के दौरान विशेष मेले आयोजित किए जाते हैं, जहाँ भक्तजन दूर-दूर से आते हैं। इस स्थान की शांति और आध्यात्मिकता लोगों को आकर्षित करती है।
- कैंची धाम में स्थित मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है।
- यहाँ पर आने वाले श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएँ पूरी होने की प्रार्थना करते हैं।
- नींब करौरी बाबा की शिक्षाएँ आज भी लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं।
राष्ट्रपति ने इस धार्मिक स्थल के महत्व को स्वीकार करते हुए कहा कि उत्तराखंड की संस्कृति और परंपराएँ पूरे देश में प्रसिद्ध हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकार के तीर्थ स्थलों का संरक्षण और विकास आवश्यक है ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इनका लाभ उठा सकें। राष्ट्रपति के दौरे से कैंची धाम की लोकप्रियता और बढ़ने की उम्मीद है, जो यहाँ के स्थानीय व्यवसाय और पर्यटन को भी गति प्रदान करेगा।
नींब करौरी बाबा की शिक्षाएँ और उनके अनुयायी
नींब करौरी बाबा ने जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण और मानवता की सेवा पर जोर दिया। उनके अनुयायी आज भी उनकी शिक्षाओं का पालन करते हैं और उनके बताए मार्ग पर चलने का प्रयास करते हैं। बाबा की शिक्षाएँ न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह समाज में सामंजस्य और शांति स्थापित करने में भी सहायक हैं।
कैंची धाम में हर साल विभिन्न कार्यक्रम और समारोह आयोजित किए जाते हैं, जिनमें भक्तजन भक्ति संगीत, प्रवचन, और योगा जैसे कार्यक्रमों में भाग लेते हैं। यह स्थान न केवल धार्मिकता का प्रतीक है, बल्कि यह पर्यटकों के लिए भी एक आदर्श स्थल है, जहाँ वे प्रकृति के बीच समय बिता सकते हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू का संदेश
राष्ट्रपति मुर्मू ने अपने दौरे के दौरान यह भी कहा कि हमें अपने सांस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण करना चाहिए और युवाओं को इनसे जोड़ने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड जैसे स्थानों की पहचान को बनाए रखना और उन्हें आगे बढ़ाना सभी का कर्तव्य है।
इस प्रकार, राष्ट्रपति मुर्मू का कैंची धाम दौरा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था, बल्कि यह उत्तराखंड की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को भी सशक्त बनाने का एक प्रयास था। यह यात्रा निश्चित रूप से श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी।
कुल मिलाकर, राष्ट्रपति मुर्मू का यह दौरा उत्तराखंड की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर के प्रति एक सम्मान था और यह दर्शाता है कि कैसे ऐसे धार्मिक स्थल समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।























