Uttarakhand News: बच्चों में फैल रही “Disease” जो चिकन पॉक्स जैसी, लेकिन उससे अलग; इस तरह रखें ध्यान

सारांश

उत्तराखंड समाचार: एचएफएमडी का बढ़ता खतरा हल्द्वानी से जागरण संवाददाता की रिपोर्ट अनुसार, हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज (एचएफएमडी) एक सामान्य वायरल संक्रमण है, जो विशेष रूप से छोटे बच्चों में अधिक देखने को मिलता है। यह रोग काकसैकी वायरस के कारण होता है, जो एक प्रकार का एंटरोवायरस है। मौसम के गर्म और बरसाती […]

kapil6294
Oct 11, 2025, 9:42 PM IST

उत्तराखंड समाचार: एचएफएमडी का बढ़ता खतरा

हल्द्वानी से जागरण संवाददाता की रिपोर्ट अनुसार, हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज (एचएफएमडी) एक सामान्य वायरल संक्रमण है, जो विशेष रूप से छोटे बच्चों में अधिक देखने को मिलता है। यह रोग काकसैकी वायरस के कारण होता है, जो एक प्रकार का एंटरोवायरस है। मौसम के गर्म और बरसाती समय में इस संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जिससे अभिभावकों के लिए सतर्क रहना आवश्यक हो जाता है।

बेस अस्पताल, हल्द्वानी के चर्म रोग विशेषज्ञ डा. मनीष मेरिया ने इस विषय में जानकारी देते हुए बताया कि एचएफएमडी में बच्चों के हाथ, पैर और मुंह के अंदर छोटे-छोटे लाल दाने या फफोले उत्पन्न होते हैं। कुछ लोग इस बीमारी को चिकेनपाक्स से जोड़ते हैं, जबकि वास्तव में यह दोनों बीमारियाँ एक-दूसरे से बिलकुल अलग हैं। चिकेनपाक्स में दाने पूरे शरीर में फैल जाते हैं, जबकि एचएफएमडी में केवल हाथों, पैरों और मुंह के अंदर ही दाने आते हैं।

एचएफएमडी के लक्षण और उपचार

एचएफएमडी के लक्षणों में प्रारंभिक चरण में बुखार, गले में दर्द, चिड़चिड़ापन और थकान महसूस होना शामिल होते हैं। यह संक्रमण आमतौर पर एक हफ्ते के भीतर अपने आप ठीक हो जाता है, लेकिन इस दौरान बच्चों को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। इसके विपरीत, चिकेनपाक्स के दाने होने के बाद अक्सर उनका निशान लंबे समय तक बना रहता है।

बच्चों में एचएफएमडी का संक्रमण होने पर अभिभावकों को निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

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  • बच्चों को आराम करने दें और उन्हें तरल पदार्थ मिलाते रहें।
  • यदि बुखार ज्यादा है तो चिकित्सक की सलाह लेकर पैरासिटामोल या अन्य दवाएं दी जा सकती हैं।
  • बच्चे को ऐसे खाद्य पदार्थ दें जो नर्म और खाने में आसान हों, जैसे कि दही, दलिया आदि।
  • अगर दाने या फफोले अधिक गंभीर हों तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

संक्रमण से बचाव के उपाय

एचएफएमडी से बचाव के लिए कुछ सरल उपाय अपनाए जा सकते हैं, जैसे कि:

  • बच्चों को नियमित रूप से हाथ धोने की आदत डालें।
  • खेलने के बाद और भोजन से पहले हाथ धोने की सही प्रक्रिया सिखाएं।
  • संक्रमित बच्चों से दूर रहने की कोशिश करें।
  • बच्चों को साफ-सुथरे कपड़े पहनाएं और उनकी व्यक्तिगत चीजों को साझा करने से रोकें।

एचएफएमडी एक ऐसी बीमारी है, जो आमतौर पर गंभीर नहीं होती, लेकिन इसके लक्षणों के कारण बच्चों को असुविधा हो सकती है। इसलिए, माता-पिता को इस बीमारी के प्रति जागरूक रहना चाहिए और उचित सावधानी बरतनी चाहिए। यदि किसी बच्चे में एचएफएमडी के लक्षण प्रकट होते हैं, तो तत्काल चिकित्सा सलाह लेने से बच्चों की बेहतर देखभाल की जा सकती है।

इस प्रकार, एचएफएमडी के प्रति जागरूकता और समय पर उपचार से बच्चों के स्वास्थ्य को सुरक्षित रखा जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी इस विषय पर जानकारी साझा की जा रही है, ताकि अभिभावक सही समय पर कदम उठा सकें।

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कपिल शर्मा 'जागरण न्यू मीडिया' (Jagran New Media) और अमर उजाला में बतौर पत्रकार के पद पर कार्यरत कर चुके है अब ये खबर २४ लाइव के साथ पारी शुरू करने से पहले रिपब्लिक भारत... Read More

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