हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। कार्तिक पूर्णिमा का स्नान पर्व हरिद्वार में एक बार फिर से श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ को आकर्षित किया। इस अवसर पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया, जिसके चलते शहर के विभिन्न मार्गों पर भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। दिल्ली-हरिद्वार हाईवे पर लंबी कतारें देखी गईं, जिससे यातायात की गति धीमी हो गई। इस जाम का असर केवल हाईवे पर ही नहीं, बल्कि शहर के भीतर के मार्गों पर भी महसूस किया गया।
सुबह से ही गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ना शुरू हो गया था। हरकी पैड़ी, कुशावर्त घाट, भीमगोड़ा, हरिपुरकलां और कनखल में श्रद्धालुओं ने स्नान और पूजन-अर्चन किया। इस दौरान कई श्रद्धालुओं को लंबी दूरी पैदल तय करनी पड़ी, क्योंकि जाम के कारण उनके वाहनों की गति रुक गई थी। कई स्थानों पर श्रद्धालुओं को घंटों तक जाम में फंसे रहना पड़ा, जिससे उनकी यात्रा और अनुभव प्रभावित हुआ।
यातायात व्यवस्था को सुचारू बनाने के प्रयास
जाम की स्थिति को देखते हुए पुलिस ने समय-समय पर मार्गों को डायवर्ट करने का प्रयास किया। एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने स्वयं हरकी पैड़ी क्षेत्र का निरीक्षण किया और सुरक्षा तथा यातायात व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि स्नानार्थियों की सुविधा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए और किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न होने दी जाए। इसके अलावा, उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए भी कदम उठाए कि श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो।
स्नान पर्व के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने कई उपाय किए। उन्होंने कई स्थानों पर बैरीकेड्स लगाकर रास्तों को निर्धारित किया, जिससे यातायात को सुचारू बनाया जा सके। इसके अलावा, पुलिस बल ने श्रद्धालुओं की मदद के लिए अलग-अलग स्थानों पर तैनात किया गया था।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
- पुलिस द्वारा मार्ग डायवर्जन और बैरीकेड्स की व्यवस्था की गई।
- श्रद्धालुओं के लिए विशेष चौकियों की स्थापना की गई।
- यातायात पुलिस ने जाम से निपटने के लिए विशेष योजना बनाई।
- सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया गया।
इस बार कार्तिक पूर्णिमा के स्नान पर्व पर केवल हरिद्वार ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड में श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि देखी गई। श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान कर अपने परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। इस दौरान प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए उचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित कीं।
हालांकि, यातायात की समस्या ने इस पर्व के अनुभव को प्रभावित किया, लेकिन प्रशासन और पुलिस की तत्परता ने कई स्थानों पर स्थिति को संभाल लिया। भविष्य में इस तरह की समस्याओं से निपटने के लिए प्रशासन ने सड़क और यातायात प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाने का आश्वासन दिया है।
हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व की यह विशेषता है कि यह केवल धार्मिक महत्व का ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और सामाजिक एकता का भी प्रतीक है। यहाँ पर हर साल लाखों श्रद्धालु एकत्रित होते हैं और इस पर्व का आनंद लेते हैं। आगामी वर्षों में इस पर्व को और भी सफल बनाने के लिए प्रशासन और स्थानीय निवासियों को एकजुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है।























