उत्तराखंड: स्कूल जाते समय लापता हुईं तीन नाबालिग छात्राएं
जागरण संवाददाता, रुड़की। गंगनहर कोतवाली क्षेत्र से तीन नाबालिग छात्राएं अचानक लापता हो गई हैं। इनमें से दो बहनें हैं, जिनकी उम्र क्रमशः 14 और 12 वर्ष है। छात्राओं के लापता होने की सूचना मिलते ही क्षेत्र में हड़कंप मच गया। इस मामले में पुलिस ने तुरंत एक अपहरण का मुकदमा दर्ज किया और लापता छात्राओं की खोज में विभिन्न टीमें रवाना की गई हैं। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच भी शुरू कर दी है, ताकि छात्राओं के बारे में कोई सुराग मिल सके।
कक्षा की छात्राएं स्कूल जाते समय लापता
प्राप्त जानकारी के अनुसार, दोनों बहनें रामनगर स्थित एक स्कूल में कक्षा सात और छह में पढ़ाई कर रही थीं। शुक्रवार की सुबह, दोनों बहनें अपने पड़ोस में रहने वाली एक अन्य छात्रा के साथ स्कूल के लिए निकलीं। लेकिन जब शाम तक ये तीनों छात्राएं घर नहीं लौटीं, तो उनके परिवार वालों ने इन्हें तलाश करना शुरू किया। सबसे पहले, स्वजन स्कूल पहुंचकर जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की, जहाँ उन्हें पता चला कि छुट्टी हो चुकी थी और छात्राएं स्कूल नहीं आईं।
परिवार ने की तलाश, पुलिस को दी तहरीर
परिवार ने रिश्तेदारों और परिचितों के पास छात्राओं की तलाश की, लेकिन कोई भी जानकारी नहीं मिली। इस स्थिति ने नाबालिगों के अपहरण को लेकर चिंताएं बढ़ा दी हैं। स्वजन ने अंततः शाम को गंगनहर कोतवाली पहुंचकर पुलिस को तहरीर दी। उनकी शिकायत पर पुलिस ने तत्काल कार्यवाही करते हुए अपहरण का मुकदमा दर्ज किया।
पुलिस ने शुरू की जांच, सीसीटीवी फुटेज की हो रही है जांच
गंगनहर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक मनोहर भंडारी ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है। छात्राओं के अपहरण के मामले में गंभीरता से जांच की जा रही है। पुलिस ने छात्राओं के घर से लेकर स्कूल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालना शुरू कर दिया है। लापता छात्राओं की तलाश के लिए विशेष पुलिस टीमें भी बनाई गई हैं। इस मामले की जांच उप निरीक्षक प्रवीण बिष्ट को सौंपी गई है।
समुदाय की भूमिका और जागरूकता
इस घटना ने न केवल परिवार बल्कि पूरे समुदाय को चिंतित कर दिया है। लोगों में यह चर्चा है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर हमें और अधिक जागरूक रहने की आवश्यकता है। कई स्थानों पर स्कूलों के आसपास सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की मांग उठ रही है। इसके अलावा, माता-पिता और स्थानीय संगठनों को बच्चों की सुरक्षा के प्रति सजग रहने की आवश्यकता है।
निष्कर्ष
लापता छात्राओं की खोज का मामला गंभीर बनता जा रहा है। पुलिस द्वारा की जा रही कार्रवाई और स्थानीय समुदाय की जागरूकता इस दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगी। सभी की यही कामना है कि छात्राएं जल्द से जल्द सुरक्षित अपने घर लौटें। इस घटना ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि हमें बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए और उन्हें सुरक्षित वातावरण प्रदान करना चाहिए।























