उत्तराखंड में नई झील का निर्माण, पर्यटन और रोजगार के अवसर बढ़ाने का वादा
हेमंत बिष्ट, अल्मोड़ा। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के हवालबाग ब्लॉक में दौलाघट स्थित गोविंदपुर गांव में एक नई झील के निर्माण की योजना जल्द ही साकार होने जा रही है। इस झील का निर्माण 1 करोड़ 96 लाख रुपये की लागत से किया जाएगा, जो न केवल क्षेत्र के पर्यटन को नया आयाम देगा, बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगा। इस परियोजना से क्षेत्रीय पलायन पर रोकथाम में भी मदद मिलेगी, जो कि वर्तमान समय की एक बड़ी चुनौती है।
झील निर्माण का प्रस्ताव सिंचाई विभाग द्वारा तैयार किया गया है और इसे प्रमुख अभियंता कार्यालय को भेजा गया है। जैसे ही शासन से धनराशि की स्वीकृति प्राप्त होती है, निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। गोविंदपुर गांव, जो जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, में बनने वाली यह झील 75 मीटर लंबी और 18 मीटर चौड़ी होगी।
परियोजना का क्षेत्र पर प्रभाव
इस झील के निर्माण से मनाऊं, कोटुली, डांगीखोला, सिलानी, केस्ता, पठुरा, गली और बस्युरा जैसे गांवों की लगभग 40 हजार से अधिक जनसंख्या को सीधे लाभ मिलेगा। झील बनने के बाद क्षेत्र में नौका विहार, तैराकी और अन्य मनोरंजक गतिविधियों की संभावनाएं बढ़ेंगी, जिससे स्थानीय युवाओं को पर्यटन आधारित रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। इसके अलावा, गोविंदपुर क्षेत्र को पर्यटन मानचित्र पर एक विशेष पहचान भी मिलेगी।
स्थानीय लोगों का मानना है कि इस झील से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि यह क्षेत्र की सांस्कृतिक धरोहर को भी संजोएगा। झील के किनारे विकसित होने वाले पार्क और अन्य सुविधाएं पर्यटकों को आकर्षित करेंगी और क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ बनाएंगी।
किसानों को झील से मिलेगा लाभ
झील का निर्माण क्षेत्र के किसानों के लिए भी अत्यंत लाभकारी साबित होगा। इसका उपयोग पेयजल आपूर्ति और सिंचाई दोनों के लिए किया जाएगा। इससे क्षेत्र के किसानों को फसल सिंचाई में बड़ी राहत मिलेगी। अत्यधिक वर्षा के समय, झील बाढ़ नियंत्रण में मदद करेगी, जबकि सूखे के दौरान जल भंडारण से पानी की कमी को दूर किया जा सकेगा।
इस परियोजना से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि झील के निर्माण से क्षेत्र में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का भी सामना किया जा सकेगा। जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाली समस्याओं जैसे सूखा और बाढ़ को नियंत्रित करने में यह झील एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
मुख्यमंत्री घोषणा के अंतर्गत योजना को प्रमुख अभियंता कार्यालय में भेजा गया है। शासन से स्वीकृति मिलने के बाद ही कार्य प्रारंभ होगा। – मोहन सिंह रावत, अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग, अल्मोड़ा
स्थानीय समुदाय की भूमिका
इस परियोजना के तहत स्थानीय समुदाय को भी शामिल किया जाएगा, जिससे उन्हें झील के विकास और संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने का अवसर मिलेगा। स्थानीय लोगों की भागीदारी से यह सुनिश्चित होगा कि झील का निर्माण और संचालन क्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुसार हो। इसके साथ ही, स्थानीय युवाओं को झील के आसपास रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
अंततः, गोविंदपुर गांव में प्रस्तावित यह झील न केवल एक पर्यटक स्थल बनेगी, बल्कि यह क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास में भी एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। स्थानीय प्रशासन और सिंचाई विभाग के प्रयासों से यह परियोजना जल्द ही धरातल पर आकार लेगी, जिससे क्षेत्र के लोगों की जीवनशैली में सकारात्मक परिवर्तन आएगा।























