हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़
जागरण संवाददाता, हरिद्वार। कार्तिक पूर्णिमा के पवित्र अवसर पर हरिद्वार के हर की पैड़ी क्षेत्र में श्रद्धा और आस्था का एक अभूतपूर्व सैलाब उमड़ आया है। भोर से ही उत्तर भारत सहित देश के विभिन्न प्रांतों से लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र गंगा तट पर स्नान कर पुण्य लाभ अर्जित किया। ठिठुरन भरी सुबह और शीतल हवाओं के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह अदम्य बना रहा।
हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, इस दिन गंगा एवं अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से मनुष्य को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है और विष्णुलोक की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है। इसी विश्वास के साथ श्रद्धालुओं ने गंगा तट पर स्नान किया और अपने परिवारों के साथ इस अवसर को मनाने के लिए जुटे।
हरकी पैड़ी में आस्था का अद्भुत दृश्य
हरकी पैड़ी, मालवीय द्वीप और अन्य निकटवर्ती घाटों पर लोगों की भीड़ देर रात तक बढ़ती रही। श्रद्धालुओं ने स्नान के बाद गंगा तट पर दीप प्रज्वलित कर देव दीपावली का पर्व मनाया। अनेक परिवारों ने गंगा किनारे हवन-अनुष्ठान सम्पन्न किए, जबकि कई भक्तों ने खिचड़ी, वस्त्र एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं का दान कर पुण्य संचय किया।
यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपरा का एक अद्भुत दर्शन भी प्रस्तुत करता है। गंगा तट पर जलते दीपों की आभा और मंत्रोच्चार से पूरा वातावरण आध्यात्मिक रंग में रंगा हुआ प्रतीत हो रहा था। श्रद्धालुओं के चेहरों पर भक्ति और श्रद्धा का अद्वितीय मिश्रण देखने को मिला।
हाईवे पर वाहनों का दबाव और भीड़ की स्थिति
हरिद्वार में श्रद्धालुओं की अत्यधिक संख्या के कारण हरिद्वार-दिल्ली-रुड़की हाईवे पर सुबह से ही वाहनों का दबाव बढ़ता गया। कई स्थानों पर जाम की स्थिति बनी रही। पुलिस और प्रशासन ने यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया। इस दौरान, श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े, इसके लिए विशेष प्रबंध किए गए थे।
हरिद्वार का यह पर्व श्रद्धा, भक्ति और भारतीय सांस्कृतिक विरासत का अनुपम दर्शन प्रस्तुत करता है। श्रद्धालुओं की आस्था के बीच गंगा तट पर गूंजते मंत्रोच्चार और जलते दीपों की आभा ने इस दिन को और भी विशेष बना दिया। इन पलों को देखने के लिए दूर-दूर से आए भक्तों ने इस पर्व का आनंद लिया।
अंत में
कार्तिक पूर्णिमा का यह पर्व केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति की गहराई और समृद्धि का भी प्रतीक है। श्रद्धालुओं ने इस अवसर को मनाने के लिए अपनी पूरी श्रद्धा के साथ गंगा तट पर जमा होकर इस धार्मिक अनुष्ठान का हिस्सा बने। इस प्रकार, हरिद्वार में कार्तिक पूर्णिमा का यह पर्व न केवल आस्था का, बल्कि एकता और भारतीय संस्कृति के अद्भुत दर्शन का भी साक्षी बना।


























