राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का नैनीताल में महत्वपूर्ण शिलान्यास
जागरण संवाददाता, नैनीताल। मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राजभवन नैनीताल के मुख्य द्वार का शिलान्यास किया। इस कार्यक्रम में राज्यपाल, लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) भी उपस्थित रहे। यह आयोजन राजभवन की ऐतिहासिकता को मान्यता देने और उसके संरक्षण की दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है।
125 वर्षों की ऐतिहासिकता का प्रतीक
राजभवन नैनीताल, जो पिछले 125 वर्षों से उत्तराखंड की सांस्कृतिक, प्रशासनिक और ऐतिहासिक पहचान का प्रतीक रहा है, आज भी अपनी स्थापत्य कला, प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक विरासत के लिए अद्वितीय स्थान रखता है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस मौके पर कहा कि यह शिलान्यास न केवल राजभवन के महत्व को दर्शाता है, बल्कि यह हमारी धरोहरों के संरक्षण की दिशा में भी एक ठोस कदम है।
सरकारी अधिकारियों की उपस्थिति
इस विशेष अवसर पर कई महत्वपूर्ण सरकारी अधिकारी भी उपस्थित थे। कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत, सचिव श्री राज्यपाल रविनाथ रामन, विधि परामर्शी कौशल किशोर शुक्ल, और अपर सचिव रीना जोशी समेत अन्य अधिकारी इस समारोह का हिस्सा बने।
राजभवन का महत्व और संरक्षण
राजभवन नैनीताल की ऐतिहासिकता और सांस्कृतिक महत्व को नजर में रखते हुए, इसका संरक्षण और संवर्धन अत्यंत आवश्यक है। यह न केवल एक प्रशासनिक भवन है, बल्कि यह उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। राष्ट्रपति मुर्मु ने इस बात पर जोर दिया कि हमें अपनी धरोहर की सुरक्षा और संरक्षण के प्रति सजग रहना चाहिए।
राजभवन के निर्माण से जुड़ी बातें
- राजभवन का निर्माण 1899 में हुआ था।
- यह भवन ब्रिटिश शासन के दौरान बनाए गए प्रमुख भवनों में से एक है।
- राजभवन के चारों ओर विस्तारित प्राकृतिक सौंदर्य इसे पर्यटकों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बनाता है।
- यहां पर कई ऐतिहासिक घटनाएं भी हुई हैं जो इसे और भी महत्वपूर्ण बनाती हैं।
आगामी योजनाएँ और अपेक्षाएँ
राजभवन के मुख्य द्वार के शिलान्यास के बाद, यह उम्मीद की जा रही है कि राज्य सरकार और प्रशासन इस धरोहर के संरक्षण के लिए और भी कई कदम उठाएंगे। इससे न केवल नैनीताल की पहचान को बनाए रखने में मदद मिलेगी, बल्कि पर्यटकों के लिए भी यह एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनेगा।
इस कार्यक्रम के दौरान, राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि हमें अपनी संस्कृति और धरोहर के प्रति गर्व होना चाहिए और इसे आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है।
नैनीताल का पर्यटक आकर्षण
नैनीताल, अपनी झीलों और पहाड़ों के लिए प्रसिद्ध है। यहां आने वाले पर्यटक केवल प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ही नहीं लेते, बल्कि यहां की ऐतिहासिक धरोहरों का भी अवलोकन करते हैं। राजभवन नैनीताल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
इस प्रकार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का राजभवन नैनीताल में शिलान्यास करना न केवल एक ऐतिहासिक घटना है, बल्कि यह उत्तराखंड की धरोहर को संरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है।























